सूबे में कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं: राम गोविंद चौधरी
प्रदेश की कानून-व्यवस्था के मुददे पर आज नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सूबे में कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गई है। मानवाधिकार आयोग ने भी महिला उत्पीड़न की घटनाओं में यूपी को नंबर वन बताया है।
लखनऊ: प्रदेश की कानून-व्यवस्था के मुददे पर आज नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सूबे में कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गई है। मानवाधिकार आयोग ने भी महिला उत्पीड़न की घटनाओं में यूपी को नंबर वन बताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी तरह की टिप्पणी...
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी तरह की टिप्पणी की है। महिला उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर उन्होंने उन्नाव, मैनपुरी, फतेहपुर की घटनाओं का उल्लेख किया। ऐसी घटनाओं पर सरकार को शर्म आन चाहिए और विधान सभा भंग कर जनता के बीच जाना चाहिए।
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अजय कुमार लल्लू ने कहा...
कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हैं और अधिकारी मस्त हैं। बसपा के लालजी वर्मा ने भी प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बद से बदृतर बताया।
नंद किशोर गुर्जर...
इससे पूर्व भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने प्रदेश में नौकरशाही की कार्यशैली और उनके रवैये को लेकर सदन में मामला उठाया और कहा कि विधायकों की नहीं बल्कि अधिकारियों की संपत्ति की जांच होनी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि विधायक निधि में 18 से 20 प्रतिशत कमीशनखोरी हो रही है। मुख्यमंत्री की जीरो टालरेंस नीति के बाद अधिकारियों के मनमाने रवैये के चलते ही कमीशन खोरी में कमी नहीं हो पा रही है।
विधान सभा में बिजनौर और प्रदेश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं का मामला सपा ने उठाते हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया। सपा ने कहा कि प्रदेश जल रहा है और नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। सपा ने इस मुददे पर सदन से वाकआउट किया।
कांग्रेस ने कहा...
कांग्रेस ने कहा कि सदन में सत्तारूढ़ दल के विधायक की बात नहीं सुनी जा रही है और जब सत्ता पक्ष के विधायक का यह हाल है तो विपक्ष और जनता का क्या हाल होगा। कांग्रेस ने भी सदन से वाकआउट किया।
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भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा...
शून्य काल के दौरान भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि अधिकारी नेताओं को बेइमान समझते हैं जबकि वह खुद रिश्वतखोरी कर रहे हैं। यहां तक कि विधायक निधि में भी कमीशन लिया जा रहा है। गुर्जर ने कहा कि नेताओं की सम्पत्ति की जांच तो कराई जाती है पर इन अधिकारियों की भी सम्पत्ति की जांच कराई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि साजिश के तहत शासन को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें उन पर कई आपराधिक मुकदमें दिखाई गए है जबकि मेरे ऊपर कुल तीन मुकदमें हैं जो जनान्दोलन के हैं। गुर्जर ने कहा कि जो मुकदमें मेरे ऊपर लगाए गए हैं वह सब झूठे मुकदमें हैं जिनकी जांच करानी चाहिए।
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गुर्जर ने कहा कि मुख्यमंत्री की ईमानदारी के बावजूद पूरे प्रदेश में अधिकारियों की कमीशनखोरी चल रही है। ये बात अलग है कि पिछली सपा बसपा सरकारों से योगी सरकार में कमीशनाजी का प्रतिशत थोड़ा कम जरूर हुआ है।
इसी बात का विरोध करने पर मेरे खिलाफ अधिकारी लामबंद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में जितना उत्पीड़न नहीं हुआ उतना उत्पीड़न मेरा अपनी ही सरकार में किया जा रहा है।
विधानसभा सदस्य नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि विधायक निधि में 18 से 22 प्रतिशत कमीशन लिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरा विधानसभा क्षेत्र अपराधियों से भरा पड़ा है और पूर्व विधायक के इशारे पर अधिकारियों द्वारा मेरा उत्पीड़न किया जा रहा है। विधानसभा सदस्य की इस बात पर विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा तो सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा इस पर पीठ अपना निर्णय देगी।
लेकिन विपक्ष की मांग थी कि इसका जवाब सरकार को देना चाहिए लेकिन जब सरकार के तरफ से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो कांग्रेस ने सदन का वाकआउट किया। आज ही विधानसभा में सदन के पूर्व सदस्यों के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली, और सुषमा स्वराज को श्रद्वांजलि दी गयी।