Azam Khan News: योगी कैबिनेट का महत्वपूर्ण फैसला, सपा नेता आजम खां का कार्यालय और रामपुर पब्लिक स्कूल होंगे खाली

Azam Khan News: भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की शिकायत पर जिलाधिकारी ने शासन को भेजी थी रिपोर्ट। शहर विधायक आकाश सक्सेना ने भूमि को लीज पर दिए जाने के नियमों के उल्लंघन को लेकर की थी शिकायत। 100 करोड़ रुपये की संपत्ति आजम ख़ान को सालाना मात्र 100 रुपये में दी गई थी। अब माध्यमिक शिक्षा विभाग को वापस मिली जमीन।

Newstrack :  Network
Update:2023-10-31 14:22 IST

सपा नेता आजम खान (सोशल मीडिया)

Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां को एक और झटका लगा है। अब उनका तोपखाना रोड स्थित कार्यालय दारूल अवाम और रामपुर पब्लिक स्कूल की लीज निरस्त हो गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से मंगलवार को कैबिनेट बैठक में लीज निरस्तीकरण का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई है। साथ ही यह जमीन माध्यमिक शिक्षा विभाग को वापस मिल गई है। जिसके बाद दोनों भवनों को खाली कराया जाएगा। यह शिकायत भी भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने की थी।

समाजवादी पार्टी के कददावर नेता आजम खां की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही हैं। ताजा मामला आजम खां के तोपखाना स्थित कार्यालय दारूल अवाम और रामपुर पब्लिक स्कूल से जुड़ा है। विधायक आकाश सक्सेना ने जौहर ट्रस्ट की लीज निरस्त करने का सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। आजम ने किस तरह से अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए सरकार की करोड़ो रूपए की जमीन अपने ट्रस्ट के नाम करा ली थी। आज आजम का काला चिटठा जनता के सामने है।

दरअसल, जिस बिल्डिंग में स्कूल और कार्यालय संचालित होते हैं, उनमें पहले जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी और राजकीय मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संचालित होते थे। लेकिन सपा सरकार के दौरान आजम खां ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और ये भवन मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए वर्ष 2012 में अपने नाम पटटा करा लिया।

भाजपा विधायक आकाश सक्सेना का आरोप था कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के पटटा विलेख के बिंदु संख्या-7 में यह स्पष्ट रूप से अंकित है कि आवंटित भूमि पर एक वर्ष के भीतर विश्वविद्यालय के संचालन के लिए निर्माण कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त किसी अन्य प्रयोजन के लिए भूमि का प्रयोग नहीं किया जा सकता और यदि ऐसा होता है, तो यह पटटा निरस्त हो जाएगा। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी। जिसमें आरोप था कि मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए आवंटित भूमि पर रामपुर पब्लिक स्कूल और समाजवादी पार्टी के कार्यालय का संचालन होता है, जो आवंटन नियमों के खिलाफ है। इससे शासन को वित्तीय क्षति पहुंची है। इस मामले में मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे।

जिसके बाद जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी। जांच में सभी आरोप सही पाए गए। जिस पर जिलाधिकारी ने पटटा निरस्त करने की संस्तुति की है। मंगलवार को प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को आवंटित की गई 3825 वर्ग मीटर भूमि की लीज का निरस्तीकरण का प्रस्ताव रखा गया। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पर मुहर लग गई। अब यह जमीन माध्यमिक शिक्षा विभाग को वापस मिल गई है।

चार हजार बच्चों के सरकारी विद्यालय को खाली कराकर बनाया था व्यक्तिगत स्कूल व कार्यालय

सपा नेता आजम खां ने जिस राजकीय मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को खाली कराकर अपना (समाजवादी पार्टी) का कार्यालय बनाया था, उस विद्यालय में उस वक्त करीब चार बच्चे पढ़ते थे। यह बात वर्ष 1990 के दशक की है। किंतु, आजम खां ने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए 1995 में विद्यालय के भवन को खाली करा लिया और जौहर ट्रस्ट के नाम करा लिया।

महज 100 रूपये की सालाना लीज पर ट्रस्ट के नाम करा ली थी जमीन

सपा नेता आजम खां ने अपने राजनीतिक रसूख के चलते सिर्फ सौ सालाना किराए पर करोड़ों रूपये की जमीन अपने ट्रस्ट के नाम करा ली। बात वर्ष 2012 की है। तब सूबे में सपा की सरकार थी और आजम खां उस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। तब आजम खां के पास नगर विकास, अल्पसंख्यक कल्याण जैसे सात शक्तिशाली विभाग थे। उनकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी उनकी बात नहीं टाल सकते थे और तब सरकार ने मजबूरी में यह जमीन जौहर ट्रस्ट को दे दी।

अपर जिलाधिकारी प्रशासन के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी ने की थी जांच

जौहर ट्रस्ट को आवंटित की गई जमीन के दुरूपयोग के मामले में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। जिसके बाद सरकार के आदेश पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन लालता प्रसाद शाक्य के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय टीम ने जांच की थी। इस टीम में उपजिलाधिकारी सदर जगमोहन गुप्ता, जिला विद्यालय निरीक्षक मुन्ने अली, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी संजीव कुमार भी शामिल थे।

करीब 100 करोड़ रूपये है जमीन की कीमत

सपा नेता आजम खां को आवंटित जमीन की कीमत करीब सौ करोड़ रूपये है। दरअसल, यह जमीन किले को जाने वाली रोड के किनारे स्थित है, जिसका फ्रंट करीब आधा किलोमीटर है। जमीन का कुल रकबा 3825 वर्ग मीटर है। राजस्व विभाग के अफसरों की मानें तो जमीन की वास्तविक कीमत करीब 100 करोड़ रूपये है, जिसको सपा सरकार ने मात्र 100 रुपए सालाना पर आजम खां की जौहर ट्रस्ट को आवंटित किया हुआ था

दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सीतापुर जेल में बंद हैं आजम

सपा नेता आजम खां अपने पुत्र अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सीतापुर जेल में बंद हैं। जबकि, उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम हरदोई और उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा रामपुर जेल में बंद हैं।

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