Rampur News: बाढ़ से रामपुर ज़िले में हाहाकार, तबाही बन कर टूटा उत्तराखंड का रामनगर बैराज, 55 गांव में हर तरफ पानी ही पानी

रामपुर से तीन नदियों होकर गुजरती है कोसी नदी, राम गंगा नदी और भाखड़ा नदी ये तीनों ही नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

Report :  Azam Khan
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-10-20 12:28 GMT

रामपुर में बाढ़ 

Rampur Badh News: रामपुर में बाढ़ का जबरदस्त कहर हुआ है। इस वक्त रामपुर की सभी तहसीलें बाढ़ के पानी में जल मग्न हैं। रामपुर तहसील स्वार, टांडा, बिलासपुर, शाहबाद इसके अलावा इस बाढ़ से नेशनल हाईवे भी अछूता नहीं रहा। नेशनल हाईवे 24 पर 4 से 5 फीट पानी सड़क पर चल रहा है, जिस कारण से दोनों तरफ ट्रक और कारों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं।

इस बाढ़ के कारण से शहर से सटे गांधी समाधि के पास स्थित शहीद स्मारक में भी बाढ़ का पानी घुस गया, उसके अलावा गांधी समाधि से बाईपास जाने वाली एक रोड को भी बाढ़ के पानी ने बीच से काट दिया। जिससे शहर में पानी घुसने का अंदेशा हो गया है।

एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन

जिला प्रशासन अलर्ट पर है और सभी अधिकारी बाढ़ पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं। एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं। वहां से लोगों को और उनके पशुओं को एनडीआरएफ की टीम निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जाकर रख रही है।

रामपुर से तीन नदियों होकर गुजरती है कोसी नदी(Kosi nadi) , राम गंगा नदी (Ram Ganga nadi) और भाखड़ा नदी(Bhakra nadi )ये तीनों ही नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और इनके आसपास जितने भी गांव हैं सब बाढ़ की चपेट में हैं। जिसके कारण से कोसी नदी किनारे सभी गांव बाढ़ की चपेट में है।

इसके अलावा रामगंगा नदी उसमें भी पानी का बहाव काफी तेज है वह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। तीसरा है भाखड़ा डैम जिसकी वजह से बिलासपुर में कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया है। जिस वजह से आम आदमी का जीवन अस्त-व्यस्त है।


बात करें टांडा दढ़ियाल की तो यहां पर भी बाढ़ ने अपना रूद्र रूप धारण कर रखा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। टांडा निवासी मकसूद ने बताया कि पूरे गांव में बाढ़ का पानी आ गया है। मैंने अपने बच्चों की जान बचाई और अपनी भी जान बचाई। सामान सब बह गया घर कट गए और गिर गए। शाम 7:00 बजे से पानी आ गया है और चारों तरफ पानी था घर में जो भी चीजें थी सब खत्म हो गई कुछ नही पता चला कौन सी चीज कहां गई कोई मदद नहीं मिली है।

इससे खतरनाक मंज़र मैने आज तक नहीं देखा

गांव निवासी बुजुर्ग रियासत अली रोते हुए अपनी बाढ़ की दास्तां बताई। उन्होंने कहा इतना पानी घरों में घुस गया आज तक अपने होश में कभी इतना पानी नहीं देखा। मेरे बच्चों की शादी का सब दहेज बह गया। घर में कोई सामान नहीं बचा। खाने-पीने का भी कुछ नहीं बचा। मेरा पूरा मकान गिर गया।

इससे पहले भी सैलाब आया था लेकिन आज तक मेरे घर में पानी नहीं भरा। इससे खतरनाक मंज़र मैने आज तक नहीं देखा। मेरे बच्चों ने पूरी रात पानी में खड़े होकर काटी है। कोई अधिकारी कोई कर्मचारी नहीं आया है मेरी मदद के लिए। रियासत अली ने कहा मेरा कम से कम चार ₹5 लाख का दहेज बर्बाद हो गया।

ज़िला अधिकारी रविन्द्र कुमार मादड़ ने कहा परसों रात से जो अलर्ट जारी हुआ था लगभग 1 लाख 39 हजार क्यूसेक पानी जो उत्तराखंड राज्य से कोसी बैराज से छोड़ा गया था, जिसके कारण हमारे जनपद में बाढ़ की स्थितियां उत्पन्न होने की संभावना थी। कल से ही हमने तुरंत आपात बैठक अपनी बाढ़ कंट्रोल रुम में की।


कल से ही तहसीलों की पूरी टीम पूरी रिवेन्यू के हमारे ऑफिसर, पुलिस के अधिकारी सब लोगों का हमने प्रिपेयरिंग किया था। उसके बाद सब लोग फील्ड में निकले थे और जैसे-जैसे पानी आया राहत अभियान चला। आप सब ने कल देखा कि पूरे क्षेत्र में लगभग 55 गांव है। जिसमें जल भराव की संभावना बनी। शहर में भी जो हमारा घाटमपुर वाला एरिया है जो कोसी नदी के किनारे का एरिया है, उसमें भी रात्रि में काफी पानी भर गया था।

रामनगर बैराज से छोड़ा गया पानी

जिलाधिकारी ने बताया हमने 4 टीमें बुलाई हैं जिसमें से 3 टीम एनडीआरएफ और एक टीम हमारी पीएसी की है। अभी मेरी एडीजी साहब से भी बात हुई है, हमने उनसे और पीएसी की टीम भेजने की मांग की है। एनडीआरएफ के माध्यम से रात्रि से हमारी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

आज पानी थोड़ा कम हुआ है 28000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है रामनगर बैराज से, पानी धीरे धीरे उतर रहा है तो लोग अपने अपने घर में जाना शुरू हो गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण चैलेंज है लोगों की खाने की आवश्यकता को पूरा करना। पैकेट हम लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

हमने एनजीओ और उद्योग जगत से भी अनुरोध किया है। 10,000 से लेकर 15000 तक पैकेट जिसमें बिस्किट के पैकेट, चिप्स के पैकेट, नमकीन के पैकेट और पानी की बोतल है, वह पैकेट हम लोग तैयार करा रहे हैं जो अलग-अलग तहसीलों में हम लोग डिस्ट्रीब्यूटर करेंगे।

सबसे प्रभावित क्षेत्र टांडा स्वार का बिलासपुर और सदर का क्षेत्र हैं तो अभी टांडा और स्वार के एसडीएम से मेरी बात हुई थी मैं वहां पर इंस्पेक्शन करने फिर से जा रहा हूं। कल भी गया था तो वहां पर स्थिति अभी थोड़ी सामान्य बताई जा रही है।

इसके साथ साथ जो इंफ्रास्ट्रक्चर है, जो सड़कें तहसीलों को मुख्यालय से जोड़ती हैं कई जगह सड़कों के भी कटान की स्थिति बनी है। पानी इकठ्ठा हो गया है सड़कों पर। सड़कों को हमें कटवाना पड़ा तो उसमें दोबारा से मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी और इरीगेशन के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। 

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