Rampur News: लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि

Rampur News: रामपुर के किसानों ने अनोखे अंदाज में अपने खेतों पर मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

Report :  Azam Khan
Published By :  Shraddha
Update: 2021-10-10 05:16 GMT

लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि

Rampur News : केंद्र सरकार के तीन बिलों को वापस लिए जाने को लेकर लंबे समय से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना चल रहा है। इसके अलावा लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों के साथ हुई दर्दनाक घटना में मारे गए लोगों को लेकर किसान गमगीन हैं। किसान अपने अंदाज में उनकी आत्मा की शांति के साथ ही इंसाफ दिलाए जाने को लेकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं इसी क्रम में जनपद रामपुर (Rampur) के किसानों ने अनोखे अंदाज में अपने खेतों पर मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.....


जनपद रामपुर के बिलासपुर तहसील क्षेत्र में किसान बड़ी संख्या में फसलें उगाते हैं। इसे जनपद की सबसे बड़ी किसान बेल्ट माना जाता है। यहां पर सिख समुदाय के लोग अपनी मेहनत के बल पर खेतों में अपना खून पसीना एक करके फसलें उगाते हैं। इन दिनों दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का केंद्र सरकार द्वारा पारित बिलों को लेकर धरना चल रहा है। वहीं लखीमपुर खीरी में केंद्रीय राज्य मंत्री के पुत्र द्वारा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का काले झंडे दिखाते हुए विरोध करने पर कुछ निर्दोष किसानों को अपने वाहन से कुचलकर मौत के घाट उतार देने की घटना को अंजाम दिये जाने के बाद से यह खबर मीडिया की सुर्खियों में छाई रही है। इसी मामले को लेकर तहसील बिलासपुर के किसानों ने खेतों में खड़ी अपनी अपनी फसलों के किनारे मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी है। उनके द्वारा अनोखे अंदाज में यह श्रद्धांजलि दी गई है।


मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की


दुर्लभ सिंह के मुताबिक यह जो लड़ाई चल रही है किसान आंदोलन की, खेती के लिए लड़ी जा रही है और खेती ही हमारा सबसे बड़ा मुद्दा इस टाइम बना हुआ है। इसी के लिए लखीमपुर में हमारे किसान शहीद हुए हैं और गाजीपुर बॉर्डर पर भी कई सौ किसान शहीद हो चुका है। दिल्ली बॉर्डर पर उनकी शहादत को याद करते हुए हम खेतों पर उतर कर आए हैं जहां की लड़ाई है और जिसके लिए लड़ाई चल रही है। वहीं पर उनकी शहादत को याद किया जाए। सबसे मेन शहादत तो लखीमपुर के किसानों की है, क्योंकि पहले जो शहादतते हुई हैं दिल्ली बॉर्डर पर, उसमें हम कह सकते हैं कि भगवान की भी मर्जी थी। लेकिन जो ये शहादत हुई है, भ्रष्टाचारी सरकार द्वारा जानबूझकर नेताओं द्वारा उनके मंत्री द्वारा किसानों को कुचल कर मारा गया है। ताकि यह आंदोलन कमजोर पड़ जाए और किसान डरकर पीछे हट जाए। लेकिन किसान हटेगा नहीं इसी प्रकार आगे भी ऐसी शहादत का मौका आया तो किसान शहादत देने में पीछे नहीं हटेगा।


रामपुर के किसान  


 किसान जस्सा सिंह के मुताबिक इस वजह से हम खड़े हैं कि हम किसान हैं। किसानों के बेटे हैं और यह खेती के लिए ही आज तक जो आंदोलन 10 महीने से चल रहा है वो खेती के लिए ही किसानों ने किया है। इस खेती के आंदोलन में ही दिल्ली बॉर्डर पर शहादत हुई है। लेकिन जो लखीमपुर खीरी में शहादतें हुई हैं यह जबरदस्ती जानबूझकर अपनी गाड़ियों से कुचल कर हमारे किसानों को शहीद किया गया है। मैं अपने अल्लाह से, वाहेगुरु से, भगवान से यही दुआ करूंगा की उनको अच्छी जगह दे और उनके परिवार को शक्ति बक्शे और आगे भी शहादतों की जरूरत पड़ेगी तो हमारे किसान पीछे नहीं हटेंगे। हमारे एक साथी तेजेंदर सिंह विर्क घाय़ल हैं। उनके लिए प्रार्थना है कि उन्हें परमात्मा जल्दी से जल्दी स्वास्थ्य करे, क्योंकि उनको बहुत ज्यादा चोटें आई हैं। उन्होंने बहुत ही किसान आंदोलन में संघर्ष किया है। ऐसे सुरमा के बेटे हमेशा के लिए याद किए जाएंगे और हम याद रखेंगे। हम फिर भी किसानों को यही कहेंगे डटे रहिए और किसानों की जीत होगी। इस बीजेपी सरकार का बेड़ा गर्क होगा और इन मंत्रियों का भी बेड़ा गर्क होगा जिन्होंने ये जुल्म ढाया है उनका भी बेड़ा गर्क होगा।

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