Rampur News: महिला रसोईया मानदेय से मेहरूम, कैसे मनेगी उनकी दीपावली, सुनाई आपबीती
Rampur News: उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों महिला रसोईयों ने मानदेय न मिलने पर सुनाई आपबीती।
Rampur News: हिंदू धर्म का पवित्र त्योहार दीपावली (Deepawli 2021) आ चुका है लोग अपने अपने घरों को रोशन करने के लिए पूरी तैयारी भी कर चुके हैं लेकिन ऐसे में सरकारी स्कूलों में रसोइया (cook in government schools) के रूप में काम करने वाली कुछ महिलाएं अपना मानदेय नहीं मिल पाने की वजह से इस त्यौहार में फीकापन महसूस कर रही हैं। ऐसे में अगर उनकी जेब खाली रहेगी तो खुशियों का यह त्योहार कैसे मनाया जाएगा, उनकी गृहस्थी और घर को रोशन करने वाले दीपक में तेल डालने तक को संकट खड़ा हो चुका है हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारी इन महिला रसोइयों के खातों में उनका 4 महीने का मानदेय दीपावली से पहले भेजे जाने का आश्वासन दे रही हैं।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...
जनपद रामपुर के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों (primary and upper primary schools) में सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा के साथ ही मिड डे मील (mid day meal) के रूप में मैन्यू के मुताबिक उनके दोपहर के भोजन की व्यवस्था की जाती है इस भोजन को बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक विद्यालय पर बच्चों की तादाद के हिसाब से महिला रसोइया नियुक्त की गई हैं। जिनको मई-जून के महीने को छोड़कर वर्ष के सभी माह 15-15 सौ रुपए की धन राशि के रूप में मानदेय दिया जाता है पिछले 4 महीने से इन रसोइयों को उनका मानदेय अब तक नहीं मिल सका है जबकि जनपद रामपुर में कुल 38 सौ महिला रसोइया नियुक्त हैं।
जब इन सभी को मानदेय ना मिलने को लेकर जनपद के तहसील स्वार क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सेंटा खेड़ा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में जाकर पड़ताल की गई तो यहां पर तैनात महिला रसोईया अपना दर्द बयान करने से खुद को रोक नहीं पाई उनका सबसे बड़ा दर्द यह है कि 2 दिन के बाद दीपावली है और उन्हें 4 महीने से मानदेय नहीं मिल सका है ऐसी स्थिति में वह अपना त्योहार कैसे मनाएगी वहीं दूसरी ओर बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना सिंह ने सभी रसोइयों को दीपावली से पहले उनका मानदेय उनके बैंक खाते में पहुंचाए जाने का आश्वासन दिया है।
तनख्वाह को 4 महीने हो गए पांचवा महीना लग चुका है अभी तक नहीं आई- रसोइया इन्द्रावती
रसोइया इन्द्रावती के मुताबिक 'जी मैं यहां पर खाना बनाती हूं। तनख्वाह को 4 महीने हो गए पांचवा महीना लग चुका है अभी तक नहीं आई। दिक्कत यह है कि खर्चा पानी में परेशानी हो रही है हम गरीब आदमी हैं हमारा कोई कमाने वाला नहीं है खेती-बाड़ी नहीं है और पैसे भी थोड़े है 15 सौ रुपए में क्या होता है। परिवार में यह दिक्कत है कि एक लड़की है, लड़का खत्म हो गया, उसके बच्चों को भी मुझे ही देखना है। बहू भी हैं। लड़की भी हैं। मेहनत मजदूरी कर रहे हैं और खा रहे हैं परेशानी है। घर भी गिरा पड़ा है आप चल कर देख सकते हैं एक तरफ का लिंटर बैठ गया है और कच्चा वाला गिर गया है, हसबैंड नहीं है, एक्सपायर हो गए। खर्चा पानी कभी सर सत लें, कभी किसी से ले लें, उधार ले लेते हैं। फिर दे देते हैं। यही काम है कोई खेती-बाड़ी है नहीं। यही चाहते हैं कि हमारी तनख्वाह भी बढ़ जाए, हमें पैसा मिल जाए और हमारी मढैया भी बन जाए। परेशानी बहुत है टेंशन के मारे नींद नहीं आती किसी से हम कहते भी नहीं कि कहीं बात खराब हो।
बच्चों की तबीयत खराब है हम परेशान हैं, तनख्वाह नहीं आई- रसोइया पुष्पा
रसोइया पुष्पा (cook pushpa) के मुताबिक दिक्कतें बहुत है, तनख्वाह आई नहीं है, 5 महीने लग चुका है, 3 साल काम करते हुए हो गए हैं, बच्चों की तबीयत खराब है, हम परेशान हैं, हमारी भी तबीयत खराब रहती है, बच्चे की तबियत खराब है, मांग मांग के इलाज करा रहे हैं, तनख्वाह अभी तक नहीं मिली, इतना काम करते हैं, झाड़ू देना चौका करना बर्तन मांजना, ना ही तनख्वाह बढ़ कर आ रही ,है तनख्वाहवो आ रही है, जो आती है वह भी टाइम से नहीं आ रही है।
रामलीला भी ऐसे निकल गई दशहरा भी ऐसे निकल गया और अब दिवाली भी आ गई भैया दूज भी है गोवर्धन भी है नहान का मेला भी आ रहा है बताओ क्या करेंगे हम तनख्वाह नहीं मिलेगी हमारी तो। हम गरीब घर के हैं इतने से पैसों में काम कर रहे हैं। हमने शुरू में 60 बच्चों का भी खाना बनाया है 80 बच्चों का भी खाना बनाया हैं अब तो 30 40 बच्चों का रोजाना खाना बन रहा है। तनख्वाह वही 1500 है अब पता नहीं कितने मिलेंगे सरकार बढ़ाएगी या नहीं बढ़ाएगी।
हम तो यही चाहते हैं कि तनख्वाह मिलनी चाहिए और बढ़कर मिलना चाहिए। धान सब मारा गया, फसल मारी गई, खेत में पानी आ गया, बताओ 15 सौ रुपए में कौन काम कर लेगा। हम गरीब घर के हैं तभी तो काम कर रहे हैं, वह भी टाइम से नहीं मिल रहे हैं, खेत की फसल भी मारी गई और तनख्वाह भी नहीं मिल रही है। पैसे भी बढ़ाने चाहिए।
तनख्वाह को 4 महीने हो गए और लॉकडाउन से भी नहीं आई है- रसोइया कुसुम
रसोइया कुसुम (cook kusum) के मुताबिक सेटा खेड़ा के सरकारी स्कूल में खाना बनाते हैं तनख्वाह को 4 महीने हो गए और लॉकडाउन से भी नहीं आई है दिक्कत यह आ रही है तनखा नहीं मिल रही है गरीब घर के हैं इसी मारे लगे पड़े हैं तनख्वाह आ नहीं रही है त्योहार भी आ रहा है दीपावली भी आ रही है भैया दूज भी आ रहा है गोवर्धन आ रहा है दशहरे पर भी पैसे नहीं मिले दशहरा आया तो और अब गोवर्धन है भैया दूज है दीपावली है पैसे नहीं मिल रहे हैं लॉकडाउन के भी नहीं मिले 4 महीने हो गए हैं पांचवा महीना लग चुका है हम तो यही चाहते हैं तनख्वाह मिले पैसे मिले।
मानदेय तो शीघ्र कार्रवाई करके उनके खातों में चला जाएगा-जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना सिंह
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना सिंह (District Basic Education Officer Kalpana Singh) के उनका मानदेय आ गया है और आज ही संभवतः पूरी कार्यवाही हो कर उनके खाते में चला जाएगा। उनका मानदेय डेढ़ हजार रुपए हैं। अप्रैल से नहीं आया है उन लोगों का 4 महीने का है, मई-जून का मिलता नहीं है, जुलाई-अगस्त, सितम्बर अक्टूबर 5 महीने का आ गया है। शीघ्र कार्रवाई करके उनके खातों में चला जाएगा। हां दीपावली से पहले उनको मानदेय मिल जाएगा और सब अच्छे से दीपावली मनाएं सबके लिए शुभकामनाएं।
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