UP Election 2022: आजम के रामपुर में आकाश की चुनौती, देखें Newstrack की ये चुनाव रिपोर्ट

UP Election 2022: 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान के परिवार के खिलाफ 81 मामले दर्ज हैं ।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Monika
Update: 2022-01-19 13:15 GMT

आकाश सक्सेना-आज़म खान (फोटो : सोशल मीडिया ) 

UP Election 2022: यूपी के चुनावी समर में रामपुर (Rampur Assembly Constituency) एक हॉट सीट है जहां काफी रोचक और उग्र मुकाबला देखने को मिलने वाला है। इसकी वजह ये है कि आजम खान (Azam Khan) और उनके परिवार को ढेरों मुकदमों में घसीटने वाला शख्स ही इस बार चुनाव मैदान में है। ये शख्स है आकाश सक्सेना (BJP Candidate Akash Saxena) जिसे भाजपा ने रामपुर से टिकट दिया है।

2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा (BJP) के सत्ता में आने के बाद से, समाजवादी पार्टी (Rampur Assembly Seat Samajwadi party) के वरिष्ठ नेता आज़म खान (Aajam Khan family) के परिवार के खिलाफ 81 मामले दर्ज हैं (अकेले आज़म खान पर कुल 103 मामले हैं)। इन 81 मामलों में से कुछ में खान की पत्नी तंजीन फातिमा (Azam Khan wife Tanzin Fatima), रामपुर सदर के मौजूदा विधायक और उनके बेटे (Azam Khan son Abdullah)  अब्दुल्ला सह-आरोपी हैं। फातिमा को दिसंबर 2020 में और अब्दुल्ला को 15 जनवरी को जमानत मिल गई। हालांकि, आज़म खान फरवरी 2020 से जेल में बंद हैं।

रामपुर सदर के लिए भाजपा के उम्मीदवार 46 वर्षीय आकाश सक्सेना भाजपा से चार बार विधायक रहे शिव बहादुर सक्सेना के पुत्र हैं। आकाश का दावा है कि उन्होंने आज़म खान के खिलाफ 30 एफआईआर दर्ज की हुई हैं। आकाश का ये भी कहना है कि अन्य लोग उनके कहने पर सपा नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए आगे आए थे। योगी आदित्यनाथ सरकार में आकाश सक्सेना को वाई-श्रेणी की सुरक्षा को मिली है। आकाश एक्सपोर्ट बिजनेस चलाते हैं और उनका कहना है कि वर आजीवन आरएसएस कार्यकर्ता हैं। आकाश पहली मर्तबा चुनाव लड़ रहे हैं।

आज़म खान उनकी पत्नी फातिमा ने ली

66 वर्षीय आज़म खान ने संसदीय चुनाव लड़ने के लिए 2019 में ये निर्वाचन क्षेत्र खाली कर दिया था। उनकी जगह उनकी पत्नी फातिमा ने ली और राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे कर रामपुर सदर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2017 में अब्दुल्ला आज़म चुनाव में उतरे। अब्दुल्ला ने रामपुर की स्वार सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत भी गए। बाद में दिसंबर 2019 में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस आधार पर उनके चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया कि जब उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, तब उनकी आयु 25 वर्ष से कम थी।

आकाश सक्सेना का रामपुर सदर से भी पारिवारिक जुड़ाव है। उनके पिता शिव बहादुर सक्सेना भाजपा के टिकट पर दो बार इस सीट से लड़े लेकिन दोनों बार हार गए। बाद में उन्होंने रामपुर के स्वार टांडा से चुनाव लड़ा और 1989 और 2012 के बीच चार बार जीते। वे दो बार मंत्री भी रह चुके हैं।

आकाश सक्सेना द्वारा दायर किया गया मामला अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र की कथित जालसाजी से संबंधित है। इसमें एक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला का जन्म रामपुर में दिखाया गया था, वहीं दूसरे में लखनऊ का जन्म स्थान था। इस मामले में आज़म खान, फातिमा और अब्दुल्ला ने फरवरी 2020 में अदालत के सामने आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद सब जेल भेज दिए गए थे।

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