Sonbhadra News: छत्रपति शिवाजी की गौरवगाथा से जुड़ी पावन खिण्ड दौड़ होगी आयोजित, RSS के व्यवस्था प्रमुख ने बताया महत्व
Sonbhadra News: मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने कहा कि ग्रीस और एथेंस से जुड़ी मैराथन दौड़ का न तो कोई सांस्कृतिक इतिहास है न ही उस दौड़ से कोई संदेश मिलता है।
Sonbhadra News: वाराणसी में 26 नवंबर को आयोजित होने वाले महानाट्य जाणता राजा और जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर) पर सोनभद्र में छत्रपति शिवाजी से जुड़ी पावन खिंड यानी 52 किमी की दौड़ सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसको लेकर सोनभद्र में जिला मुख्यालय पर शहीद उद्यान ट्रस्ट और क्रीड़ा भारती की तरफ से कार्यक्रम आयोजित किया गया।
‘मैराथन दौड़ का सांस्कृतिक इतिहास नहीं’
बतौर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने कहा कि ग्रीस और एथेंस से जुड़ी मैराथन दौड़ का न तो कोई सांस्कृतिक इतिहास है न ही उस दौड़ से कोई संदेश मिलता है। जबकि इतिहास के पन्नों में दर्ज वीर शिवाजी, से जुड़ी 52 किमी की ‘वन खिण्ड दौड़’ देश की आत्मा और स्वाभिमान से जुड़ी हुई है। कहा कि मैराथन दौड़ दूसरे देश की दौड़ है। इसको ढोने की बजाय छत्रपति शिवाजी के त्याग और 600 मराठा सैनिकों के बलिदान से जुड़ी पावन खिण्ड दौड़ को अपनाया जाना चाहिए। कहा कि यह दौड़ देश की मिट्टी से जुड़ी हुई है और इस दौड़ से भारतीयता और देश के लिए मर मिटने का जज्बा पैदा होता है।
वीर शिवाजी के व्यक्तित्व को नजदीक से जानने का अवसर
शहीद उद्यान ट्रस्ट के चेयरमैन विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि वीर शिवाजी की स्मृतियाँ अमृतकाल में बुनियादी विचारों का सृजन करेंगी, जिससे देश परमगौरव को प्राप्त करेगा। सोनभद्र में प्रस्तावित वीर शिवाजी पर आधारित महानाट्य जाणता राजा और पावन खिण्ड दौड़ के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि यह दोनों आयोजन वीर शिवाजी के व्यक्तित्व और कृतित्व को नजदीक से जानने का अवसर प्रदान करेंगे। समाज इससे प्रेरणा ग्रहण करेगा।
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुई कार्यक्रम की शुरूआत
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य ओमप्रकाश त्रिपाठी ने रुद्राक्ष की माला और राहुल श्रीवास्तव ने अंगवस्त्रम भेंट कर अतिथियों का सम्मान किया। विंध्य कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अंजली विक्रम सिंह ने वीर शिवाजी की पेंटिंग और विजय शंकर चतुर्वेदी ने काष्ठमूर्ति से बनी शिवाजी की प्रतिमा अनिल ओक को भेंट की। सोनभद्र में प्रभु श्रीराम के संदर्भ, स्वतंत्रता आंदोलन और सोनभद्र, गुप्त काशी पुस्तक अतिथियों को भेंट की गई। संचालन कर रहे भोलानाथ मिश्र ने किया।
जिला मुख्यालय स्थित धर्मशाला चौक से शुरू होगी दौड़
शहीद उद्यान ट्रस्ट के सचिव राकेश कुमार त्रिपाठी उर्फ शिशु ने बताया कि सोनभद्र में आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर शीघ्र ही एक बुकलेट जारी की जाएगी। बताया गया कि जनजातीय गौरव दिवस के दिन आयोजित होने वाली दौड़ में बड़ी संख्या में युवक-युवतियां भाग लेंगे। धर्मशाला चौराहे से प्रारंभ होकर यह दौड़ शहीद उद्यान पर समाप्त होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि 26 नवंबर को वाराणसी में आयोजित होनेवाले महानाट्य जाणता राजा को देखने के लिए जिले से वनवासी बंधुओं की भी टीम जाएगी।
जानिए किसको कहते हैं पावन खिण्ड दौड़
भारत को मुगल साम्राज्य से मुक्ति दिलाने के लिए महाराष्ट्र के पन्हालगढ़ से विशालगढ़ तक 52 किमी की दौड़ वीर शिवाजी ने दुर्गम रास्ते को तय करते हुए कुछ घंटों में पूरी की थी। वह गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच गए थे लेकिन रास्ते में मुग़लसेना से लड़ते हुए 600 मराठा सैनिक शहीद हो गए। इस प्रेरणादायी गौरवगाथा के स्मरण के लिए पहली पावन खिण्ड दौड़ कानपुर में आयोजित की गयी थी। दूसरी दौड़ का आयोजन सोनभद्र में किया जा रहा है। आरएसएस के प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि आने वाले समय में यह दौड़ भारत की पहचान बताएगी और प्रमुख दौड़ बन जाएगी। इस मौके पर संत कीनाराम पीजी कालेज के प्राचार्य डा. गोपाल सिंह, पूर्व विधायक एवं नगरपालिका राबटर्सगंज की चेयरमैन रूबी प्रसाद सहित अन्य मौजूद रहे।