Sonbhadra News: दलित महिला से दुष्कर्म मामले में आरोपी पर एफआईआर, कोर्ट ने एसओ के खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देश
Sonbhadra News: मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे प्रथम दृष्टया गंभीर अपराध माना और रायपुर थानाध्यक्ष को अविलंब एफआईआर दर्ज कर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट की प्रति प्रेषित करने का आदेश दिया।
Sonbhadra News: रायपुर थाना क्षेत्र में एक दलित महिला के साथ उसके घर में घुसकर तमंचे की नोक पर दुष्कर्म करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट एहसानुल्लाह खान की अदालत ने एफआईआर करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे प्रथम दृष्टया गंभीर अपराध माना और रायपुर थानाध्यक्ष को अविलंब एफआईआर दर्ज कर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट की प्रति प्रेषित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने संज्ञेय अपराध की सूचना मिलने के बावजूद रायपुर थानाध्यक्ष द्वारा एफआईआर दर्ज न किए जाने को भी गंभीरता से लिया है और उनके खिलाफ डीएम, एसपी को आदेश की प्रति भेजते हुए, कार्रवाई के लिए कहा है।
यह है पूरा प्रकरण
रायपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की दलित महिला ने अधिवक्ता अरुण कुमार सिंघल के जरिए विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट के यहां 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर अवगत कराया कि उसका पति बाहर काम करता है। गत 12 जुलाई 2023 को समय करीब रात्रि 9 बजे, वह अपने घर में खाना बना रही थी। उसी समय एक आदमी आया और उसके पति का नाम लेकर बुलाने लगा। जब उससे पूछा कि आप कौन हैं तो उसने बताया कि मेरा नाम अशोक है और उसकी वैनी कस्बे में भांग की दुकान है। उसके पति से जरूरी काम था, यह कहते हुए वह उसके घर में घुस गया।
आरोप है कि वह उसके साथ जबरन छेड़छाड़ करने लगा। उसका कपड़ा फाड़ दिया और तमंचा दिखाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। चीख-पुकार करने पर हत्या करने की धमकी दी। शोरगुल सुनकर आस-पास के कई लोग आ गए और मौके से ही आरोपी दुकानदार अशोक पुत्र रामदेव निवासी हरनाही, विरधी, थाना राबर्ट्सगंज को को पकड़ लिया। पीड़िता का दावा है कि तत्काल पुलिस को सूचना दिया। पुलिस मौके पर आई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन देकर चली गई। आरोपों के मुताबिक इसके बाद से आरोपी दुकानदार ने उसे लगातार धमकी देना शुरू कर दिया।
कोर्ट को मामला दर्ज न होने की दी गई रिपोर्ट
इस मामले में कोर्ट ने रायपुर थाने से एफआईआर दर्ज है कि नहीं, इस बाबत रिपोर्ट तलब की। वहां से 11 अगस्त को दी गई आख्या में अवगत कराया गया कि दुकानदार के विरुद्ध कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई की। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं के दलीलों के आधार पर, मामले में प्रथम दृष्टया गंभीर प्रकृति का अपराध पाया और रायपुर थानाध्यक्ष को अविलंब एफआईआर दर्ज कर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट प्रेषित करने का आदेश दिया।
संज्ञेय अपराध में एफआईआर न दर्ज करना कर्तव्य की उपेक्षा: कोर्ट
कोर्ट ने सुनवाई करते समय पाया किं संज्ञेय अपराध की सूचना के उपरांत भी एफआईआर दर्ज न करके रायपुर थानाध्यक्ष ने अपने कर्तव्यों की जानबूझकर उपेक्षा की है। इसको गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने डीएम-एसपी को आदेश की प्रति भेजकर, रायपुर थानाध्यक्ष के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है।