Sonbhadra News: बालू खनन पट्टाधारकों को थमाई गई बंदी की नोटिस, एनजीटी के निर्देश पर जिला प्रशासन ने शुरू की कार्रवाई
Sonbhadra News: खनन बंद करने के लिए जारी की गई नोटिस का पूर्णतः पालन हो, इसके लिए जिम्मेदारों को सतत निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जलीय पर्यावरण बेहतर बनाने के मद्देनजर, प्रदेश और जिला स्तरीय टीम के गठन को लेकर भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
Sonbhadra News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से मिले निर्देश के क्रम में सोन नदी में बालू खनन रोकने के साथ ही डीएम चंद्र विजय सिंह की तरफ से पट्टाधारकों को बंदी की नोटिस थमा दी गई है। खनन बंद करने के लिए जारी की गई नोटिस का पूर्णतः पालन हो, इसके लिए जिम्मेदारों को सतत निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जलीय पर्यावरण बेहतर बनाने के मद्देनजर, प्रदेश और जिला स्तरीय टीम के गठन को लेकर भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बताते चलें कि दो दिन पूर्व सोनभद्र से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई करते समय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से सोन नदी में संचालित हो रहे खनन को बंद कराने का निर्देश जारी किया गया था। साथ ही, उत्तर प्रदेश और बिहार के पर्यावरण वन मंत्रालय तथा केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रतिनिधि के साथ राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीएम को सोन नदी के जलीय पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए उपचारात्मक/सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे। निर्देश पर अमल होने तक सोन नदी में खनन बंद रखने के लिए निर्देशित किया गया था। जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह ने बताया कि NGT से मिले निर्देश के क्रम में सोन नदी से जुड़े बालू/मोरंग खनन पट्टाधारकों को बंदी की नोटिस जारी कर दी गई है। बंदी की नोटिस का पूर्णतया पालन हो, इसके लिए संबंधितों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। साथ ही एनजीटी की तरफ से जो निर्देश दिए गए हैं उसके पालन के लिए राज्य और प्रदेश स्तरीय टीम के गठन को लेकर भी आवश्यक प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
सोन से इतर नदियों में बालू खनन पर नहीं लगाई गई है कोई रोक
एनजीटी के आदेश की आड़ में दूसरे नदियों में भी खनन बंद करने की चर्चाओं और इसके बहाने बालू की कीमत बढ़ाकर मोटा मुनाफा कमाने को लेकर जुगत शुरू हो गई है। हालांकि एनजीटी की तरफ से आए फैसले में सिर्फ सोन नदी में ही खनन बंद कराने का जिक्र किया गया है। साथ ही इस बंदी को फिलहाल निर्देशों का पालन होने तक प्रभावी बनाया गया है। बता दें कि कनहर और रेणु नदी में भी खनन पट्टे संचालित हो रहे हैं लेकिन माह भर बाद तीन माह के लिए बालू खनन की होने वाली सीजनल बंदी को देखते हुए अभी से ज्यादा से ज्यादा बालू का भंडारण और बंदी के समय बालू को ऊंची कीमत पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमाने की कोशिश में जुट गए हैं। इस बारे में एटीएम चंद्र विजय सिंह से जानकारी ली गई तो उनका भी यहीं कहना था कि सिर्फ सोन नदी से जुड़े पट्टाधारकों को ही बंदी का नोटिस भेजा गया है।