Sonbhadra News: कुओं के जगत निर्माण में सरकारी धन की बंदरबांट, डीएम ने प्रधान-सेक्रेटरी को भेजा रिकवरी नोटिस
Sonbhadra News: चोपन ब्लाक के शिल्पी गांव में पुराने कुओं के जगत निर्माण में एक लाख से अधिक की सरकारी धनराशि की बंदरबांट का मामला सामने आया है। मामले में डीएम के निर्देश पर हुई जांच के बाद, गड़बड़ी के लिए संबंधित प्रधान और सेक्रेटरी को जवाबदेह ठहराया गया है।
Sonbhadra News: चोपन ब्लाक के शिल्पी गांव में पुराने कुओं के जगत निर्माण में एक लाख से अधिक की सरकारी धनराशि की बंदरबांट का मामला सामने आया है। मामले में डीएम के निर्देश पर हुई जांच के बाद, गड़बड़ी के लिए संबंधित प्रधान और सेक्रेटरी को जवाबदेह ठहराया गया है। इसके क्रम में डीएम और डीएम और डीपीआरओ की तरफ से संबंधितों को रिकवरी नोटिस भी जारी की गई है। इससे हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
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बताते चलें कि चोपन निवासी सावित्री देवी की तरफ से शिल्पी गांव में हरिश्चंद्र, बड़क, बाबा, मल्होरन, देवराजी के घर के पास कूप जगत निर्माण में घपलेबाजी की शिकायत की गई थी। इस पर डीएम चंद्रविजय सिंह ने जिला विकास अधिकारी और जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के सहायक अभियंता की मौजूदगी वाली टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान जहां कई अभिलेख अधूरे पाए गए। वहीं पांचों कुओं के निर्माण पर व्यय की राशि का आंकलन किया गया तो एक लाख तीन हजार चार सौ इक्यासी रूपये का दुर्विनियोग/घपला पाया गया। इसको लेकर शिल्पी गांव के प्रधान और सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया।
सचिव का कहना था कि कार्य उसके पूर्व के सेक्रेटरी अमरेंद्र प्रियदर्शी द्वारा कराया गया लेकिन परीक्षण में भुगतान मौजूदा सचिव की तरफ से किया जाना पाया गया। इस पर डीएम की तरफ से प्रधान बबुंदर शर्मा और डीपीआरओ ने सेक्रेटरी सुरेश कुमार सिंह को नोटिस जारी कर, कूप निर्माण में वास्तविक लागत से ज्यादा व्यय की गई धनराशि को ग्राम पंचायत कोष में अविलंब जमा करने और उसकी रसीद प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। दोनों को 51740.50-51740.50 रूपये जमा करने के लिए कहा गया है। निर्धारित की गई धनराशि जमा न करने पर विधिक और विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
जांच में यह गड़बड़ियां भी आईं सामने
जांच टीम ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि सभी कूपों की मरम्मत का कार्य मनरेगा कोटे से कराया गया था। पत्रावली में सामग्री का भुगतान मेसर्स गिरिजा इंटरप्राइजेज कोरट को किया जाना दिखाया गया है लेकिन संलग्न बिल इनवायस में न तो तिथि अंकित है, न ही एम-एम 11 संलग्न है। पत्रावली में संलग्न एमबी बुक भी प्रमाणित नहीं पाई गई। न ही लेबर सेस की धनराशि को संबंधित मद में जमा किए जाने संबंधी कोई प्रपत्र या कार्य के पूर्व की फोटोग्राफ्स ही फाइल में मौजूद मिली।