लखनऊ की हवा हुई जहरीली: खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, हालत हुए गंभीर
शनिवार को लखनऊ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 52 अंक गिर कर 395 पर पहुंच गया लेकिन अभी भी खतरनाक स्तर में ही शामिल है और रविवार को यह 392 पर पहुंच गया।
लखनऊ: हर साल सर्दियों में वायु प्रदूषण के कारण धुंध और जहरीली हवा से जूझने वाले राजधानी लखनऊ के निवासियों कों उम्मीद थी कि इस बार लाकडाउन के दौरान स्वच्छ हुए वातावरण के कारण उन्हे इन दिक्कतों का सामना नहीं करना पडेगा लेकिन इस साल भी उन्हे इससे निजात नहीं मिली। जैसे ही तापमान में कमी आनी शुरू हुइ्र और हवा की गति धीमी हुई, वैसे ही धुंध और जहरीली हवा ने लखनऊ को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार लखनऊ की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक बीते शुक्रवार को 447 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया।
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हालांकि शनिवार को लखनऊ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 52 अंक गिर कर 395 पर पहुंच गया लेकिन अभी भी खतरनाक स्तर में ही शामिल है और रविवार को यह 392 पर पहुंच गया। लखनऊ में तालकटोरा लालबाग और गोमती नगर की हवा सबसे खतरनाक स्तर पर है। गोमती नगर जो बीते दिनों प्रदूषण के लिहाज से पीछे चल रहा था,यहां रविवार को एक्यूआई 346 दर्ज किया गया तो तालकटोरा में 434 रिकॉर्ड किया गया और लालबाग में 396 रिकॉर्ड हुआ इसके साथ ही अलीगंज क्षेत्र का एक्यूआई खतरनाक बना हुआ है। शहर के अन्य स्थानों की हवा भी अत्यंत खराब स्तर में दर्ज की गई।
वायु प्रदूषण करने वाले उद्योगों को बंद करने का फैसला लिया है
वायु प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिंग रोड़ टेड़ी पुलिया चैराहे पर ओवर ब्रिज का निर्माण करने वाली सेतु निगम की एजेंसी पर 10 लाख का जुर्माना ठोका है। इसके साथ ही एक दर्जन से अधिक अन्य निर्माण एजेंसियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है।
लखनऊ में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 24 उद्योगों को कारण बताओ नोटिस दी है और वायु प्रदूषण करने वाले उद्योगों को बंद करने का फैसला लिया है। इसके तहत अगर स्थिति में सुधार नहीं आता है तो शहर के औद्योगिक एरिया में स्थापित 68 उद्योगों का संचालन पूरी तरह से बंद किया जाएगा।
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लखनऊ के अलावा यूपी में आगरा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 458, गाजियाबाद में 456, ग्रेटर नोएडा में 440 तथा नोएडा में 428 तथा हापुड़ में 405 रहा। राजधानी दिल्ली व एनसीआर और इसके आस-पास के इलाकों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए बीते शुक्रवार को केन्द्रीय पर्यावरण विभाग में उत्तरी राज्यों के पर्यावरण व प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली, हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में अगले 15 दिनों तक राज्यों के साथ मिलकर विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है।
रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव
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