अजरबैजान से युद्ध के बाद आर्मीनियाइयों ने छोड़ा गांव, अपने ही घरों में लगाई आग

अब लोगों को अपने घरों को खाली करने को कहा गया है। शनिवार को चरेकटर नाम के गांव के लोगों ने छह घरों को आग के हवाले कर दिया। शुक्रवार को भी 10 घरों में आग लगाई गई थी।

Update: 2020-11-16 12:55 GMT
इस इमारत में 20 से ज्यादा कमरे बने हुए थे। ये पूरा मकान लकड़ी से निर्मित था। आग लगने की जैसे ही जानकारी इमारत के अंदर रह रहे लोगों को हुई। वे बाहर भाग आए।

अजरबैजान: आर्मीनियाई लोगों के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वे लोग अब अपने ही घरों को खाली करने के बाद उसमें आग लगा रहे हैं। ये सब आर्मीनिया-अजरबैजान के बीच युद्ध के बाद हुए समझौते के तहत किया जा रहा है।

इस समझौते के तहत ही आर्मीनियाई लोगों अपने गांवों को खाली कर रहे हैं और अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगह जा रहे हैं। बता दें कि करीब डेढ़ महीने तक आर्मीनिया-अजरबैजान के बीच चली लड़ाई के बाद दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था।

इस समझौते के तहत नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र के कुछ हिस्से को अजरबैजान को सौंप दिया जाएगा। हालांकि, यह इलाका पहले अजरबैजान का ही हिस्सा था, लेकिन कई दशकों से इस पर आर्मीनियाई लोग रह रहे थे।

अजरबैजान से युद्ध के बाद आर्मीनियाइयों ने छोड़ा गांव, अपने ही घरों में लगाई आग (फोटो:सोशल मीडिया)

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घर को छोड़ने पर बच्चों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब लोगों को इस समझौते के बारें में पता चला। उसके बाद से ही वे दुखी हैं। घर खाली करते वक्त बच्चों का रो रोकर बुरा हाल हो गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रूस की मध्यस्थता से हुए समझौते के अंतर्गत अर्मीनिया कालबाजार और अघदम जिलों को 20 नवंबर तक अजरबैजान को वापस सौंप देगा।

जबकि एक दिसंबर तक लचिन जिले को सौंपना होगा। 1990 के दशक में हुए युद्ध के बाद से ही इस पर आर्मीनिया के लोगों ने अपना कब्जा जमा रखा था।

अजरबैजान से युद्ध के बाद आर्मीनियाइयों ने छोड़ा गांव, अपने ही घरों में लगाई आग (फोटो:सोशल मीडिया)

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जल्द से जल्द गांव खाली करने का सुनाया गया फरमान

अब लोगों को अपने घरों को खाली करने को कहा गया है। शनिवार को चरेकटर नाम के गांव के लोगों ने छह घरों को आग के हवाले कर दिया। शुक्रवार को भी 10 घरों में आग लगाई गई थी।

मीडिया से बात करते हुए एक ग्रामीण ने अपना दर्द बयान किया। उसका कहना था कि कहा कि यह मेरा घर है, मैं इसे तुर्कों के हवाले नहीं कर सकता।

बता दें कि आर्मीनिया के लोग अक्सर अजरबैजान के लोगों को तुर्क कहकर एड्रेस करते हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई अपना घर जला रहा है, हमें मध्यरात्रि तक घर खाली करने का फरमान सुनाया गया है।

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