सेना पर खतरनाक हमला: आर्मी बेस को बनाया गया निशाना

अफगान आर्मी बेस पर घातक हमला हुआ है। इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है। बीते मंगलवार को अफगानिस्तान राजधानी स्थित एक प्रसूति अस्पताल पर 3 संदिग्ध बंदूकधारियों ने ताबड़-तोड़ गोलियां चलाईं और ग्रेनेड फेंके।

Update:2020-05-14 13:55 IST
फाइल फोटो

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की आफत के बीच आफगानिस्तान से बड़ी खबर आ रही है। अफगान आर्मी बेस पर घातक हमला हुआ है। यहां के आर्मी बेस पर हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है। बीते मंगलवार को अफगानिस्तान राजधानी स्थित एक प्रसूति अस्पताल पर 3 संदिग्ध बंदूकधारियों ने ताबड़-तोड़ गोलियां चलाईं और ग्रेनेड फेंके। इस घटना में 2 नवजात सहित 5 लोगों की मौत हो गई और 15 गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं नांगरहार प्रांत में अंतिम संस्कार के दौरान हुए आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 21 लोग मारे गए और 30 से ज्यादा घायल हो गए।

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2 नवजात, 2 महिलाएं और 1 सुरक्षाकर्मी

सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के शिया बहुल दश्त-ए-बारची इलाके में मारे गए लोगों में 2 नवजात, 2 महिलाएं और 1 सुरक्षाकर्मी शामिल है। साथ ही 3 हमलावरों को मार गिराया गया है। ये अनुमान लगाया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

काबुल के हॉस्पिटल के एक हिस्से में इंटरनेशल मेडिकल चैरिटी और मेडिसिन सेन्स फ्रंटियर का भी ऑफिस है, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी काम करते हैं। हमले को देखते हुए माना जा रहा है कि हमलावर के निशाने पर ये लोग थे।

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तालिबान का हाथ

इस हमले पर नांगरहार प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्लाह खोगयानी ने कहा कि आत्मघाती हमलावर ने एक स्थानीय पुलिस कमांडर के अंतिम संस्कार के दौरान खुद को उड़ा दिया। दोनों हमलों की जिम्मेदारी फिलहाल किसी आतंकी समूह ने नहीं ली है, लेकिन इसके पीछे तालिबान का हाथ बताया जा रहा है।

भारत ने कड़ी निंदा की

अफगानिस्तान में 11-12 मई को हुए इस हमलें की भारत ने कड़ी निंदा की है। इस पर विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत महिलाओं, बच्चों और निर्दोष नागरिकों के खिलाफ किए गए इस बर्बर आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है।

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इंसानियत के खिलाफ जुर्म

साथ ही गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारीक आरियान ने बताया था कि जहां विस्फोट हुआ वह स्थान चहार असयाब जिले में आता है। उन्होंने हमले के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया और इसे इंसानियत के खिलाफ जुर्म बताया था।

लेकिन हमले करा रहे तालिबान प्रशासन के साथ तालिबान के शांति समझौते को मंगलवार को एक और झटका लगा। अफगान अब शांत नहीं बैठेगा। अफगान सरकार ने घोषणा की कि यह विद्रोही समूह के खिलाफ आक्रामक अभियानों को फिर से शुरू कर रहा है, जिसमें घातक आतंकवादी हमलों का एक समूह है।

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हुए हमले पर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राष्ट्र के लिए एक टेलीविज़न पते पर आक्रामक ककार्यवाही शुरू करने की घोषणा की, जिसमें कई घातक आतंकवादी हमले हुए, जिसमें एक प्रसूति अस्पताल को निशाना बनाया गया जिसमें दो नवजात शिशुओं सहित कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई।

आगे राष्ट्रपति गनी ने मंगलवार को कहा, “मैं काबुल और नांगरहार प्रांत के एक अस्पताल पर हाल के हमलों की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कई निर्दोष लोग मारे गए।”

साथ ही तालिबान ने अस्पताल पर हमले के लिए ज़िम्मेदार होने से इनकार कर दिया और मंगलवार को नंगरहार प्रांत में हुए एक अंतिम संस्कार जुलूस पर दूसरा हमला किया।

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