गंजेपन का कोरोना से गहरा नाता, ऐसे पुरुषों में वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा
दुनिया भर में इस बाबत तरह-तरह के शोध किए जा रहे हैं कि किस तरह के लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा है। इस बीच अमेरिका की...
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: दुनिया भर में इस बाबत तरह-तरह के शोध किए जा रहे हैं कि किस तरह के लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा है। इस बीच अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोध में एक महत्वपूर्ण खुलासा किया गया है। शोध के मुताबिक गंजे पुरुषों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है। कोरोना वायरस से गंजेपन का कनेक्शन समझने के लिए स्पेन में भी दो अध्ययन किए जा चुके हैं और इन दोनों अध्ययनों मैं भी गंजे पुरुषों के कोरोना का शिकार ज्यादा होने की बात कही गई है। इससे पहले एक अध्ययन में यह भी नतीजा निकाला जा चुका है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में कोरोना का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है।
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स्पेन के दो शोधों में ये निकला नतीजा
स्पेन के एक अस्पताल में किए गए शोध में सबसे पहले गंजेपन का कोरोना से कनेक्शन सामने आया था। शोध के मुताबिक कोरोना के 41 मरीजों पर किए गए अध्ययन में पता चला कि इनमें 71 फ़ीसदी मरीज गंजे थे। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित दूसरे अध्ययन में भी बताया गया है कि 122 पुरुषों पर किए गए शोध में 79 फीसदी कोरोना मरीज गंजे निकले।
गंजे पुरुषों के शिकार होने का कारण
गंजेपन के कोरोना कनेक्शन का अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि मेल सेक्स हार्मोन एंड्रोजन गंजेपन और कोरोना के संक्रमण की क्षमता में बढ़ोतरी कर सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे साफ है कि यह हार्मोन दवा के असर को दबाता है या उसके असर को कम कर देता है। ऐसे मरीजों को रिकवर होने में काफी समय लगता है और उनके ठीक होने की दर भी कम हो जाती है।
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अमेरिका की स्टडी का भी यही नतीजा
अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता कार्लोस वैम्बियर का कहना है कि पुरुषों में पाया पाया जाने वाला एंड्रोजन हार्मोन कोरोना के कोशिका को संक्रमित करने का एक जरिया हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस मामले में अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है ताकि इस बाबत नई जानकारियां सामने आ सकें।
महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को ज्यादा खतरा
इससे पहले यह जानकारी भी सामने आ चुकी है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के कोरोना का शिकार होने की संभावना अधिक होती है। चीन में कोरोना के कारण मरने वालों में 26 फीसदी लोग धूम्रपान करने वाले थे और धूम्रपान करने के मामले में महिलाओं से पुरुष काफी आगे हैं।
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इसके साथ ही अध्ययन में यह भी पता चला कि कोरोना वायरस से लड़ने में महिलाओं की इमयुनिटी पुरुषों के मुकाबले बेहतर है। इसका कारण यह है कि महिलाओं में सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन शरीर की कोशिकाओं को वायरस से लड़ने के लिए सक्रिय बनाता है। दूसरी और पुरुषों का सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का उल्टा असर होता है।
पुरुषों में ये बीमारियां खतरनाक
एक अध्ययन में यह भी पता चला है कि पुरुषों में ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मामले महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा होते हैं। ये बीमारियां कोरोना के संक्रमण के खतरे को और बढ़ा देती हैं। सार्स महामारी के समय भी महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की मौत का आंकड़ा ज्यादा था। इसके साथ ही साफ सफाई के मामले में भी भी पुरुष महिलाओं से काफी पीछे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में बार-बार हाथ धोने की प्रवृत्ति कम होती है जबकि इसे कोरोना वायरस से लड़ने में एक कारगर हथियार माना गया है।
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