अभी-अभी बम धमाका: हिल गया पूरा शहर, खास दिन पर आंतकी हमला

अफगानिस्तान से सीरियल ब्लास्ट की एक बड़ी खबर आ रही है। अफगानिस्तान के जलालाबाद में बम धमाके हुए है। ये बम धमाका अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के दिन हुआ है। यह भी बताया जा रहा है कि इस घटना में 66 लोग घायल हो गए हैं।

Update: 2019-08-19 10:49 GMT
अभी-अभी बम धमाका: 63 की गई जान, खास दिन पर आंतकियों ने बनाया निशाना

नई दिल्ली : अफगानिस्तान से सीरियल ब्लास्ट की एक बड़ी खबर आ रही है। अफगानिस्तान के जलालाबाद में बम धमाके हुआ है। ये बम धमाका अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के दिन हुआ है। यह भी बताया जा रहा है कि इस घटना में 66 लोग घायल हो गए हैं।

आपको बता दे, इससे पहले बीते शनिवार को काबुल में एक शादी समारोह में आतंकवादी हमले में 63 लोगों ने अपनी जान गवाई थी। साथ ही आतंकी हमला करने वाले ने खुद को भी उड़ा लिया था।

आजादी के सौ साल का जश्न था आज

अफगानिस्तान की स्वतंत्रता के सोमवार को सौ साल पूरे हुए। ऐसे में जश्न की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी। राजधानी काबुल सज-धज कर तैयार हो गया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति के प्रवक्ता सेदिक सेदिक्की ने कहा कि सचिवालय ने राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी के निर्देश पर अफगानिस्तान के 100वें स्वतंत्रता समारोह के आयोजन को टाल दिया है।

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वहां के राष्ट्रपति ने काबुल में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति सम्मान व संवेदना व्यक्त करने के लिए यह फैसला लिया है। सेदिक ने आगे कहा कि राष्ट्रपति अफगानिस्तान के 100वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आजादी के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक भाषण देंगे और स्वतंत्रता मीनार पर पुष्प चक्र अर्पित करेंगे।

शादी समारोह में हुआ आत्मघाती हमला

शनिवार रात काबुल में एक शादी समारोह के दौरान विस्फोटकों से लैस एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था, जिसमें 63 लोग मारे गए और 182 घायल हो गए। इस बीच रविवार को विस्फोट में मारे गए लोगों को दफनाया गया, अधिकांश को सामूहिक रूप से दफनाया गया।

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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बयान में कहा, 'मैं वेडिंग हॉल में अमानवीय हमले की कड़ी निंदा करता हूं। फिलहाल मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता इस बर्बर हमले के पीड़ितों के परिवारों की मदद करना है'। हालांकि तालिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है।

जानकारी के लिए बता दें कि अफगानिस्तान तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध के बाद 1919 में स्वतंत्र हुआ था, इसे अफगानिस्तान की स्वतंत्रता का युद्ध भी कहा जाता है।

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