चीन में मुस्लिमों पर कहर: हुआ बड़ा खुलासा, 16 हजार मस्जिदों को तुड़वाया

ऑस्ट्रेलियन थिंक टैंक ने चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है कि चीन सरकार शिनजियांग प्रांत में 16 हजार से ज्यादा मस्जिदों को ढहा चुकी है।

Update: 2020-09-25 14:55 GMT

अंशुमान तिवारी

बीजिंग। चीन अपनी दमनकारी और साम्राज्यवादी नीतियों को लेकर पूरी दुनिया में घिर चुका है। इसके साथ ही मानवाधिकारों के हनन और नागरिकों की धार्मिक आजादी छीनने को लेकर भी चीन का असली चेहरा दुनिया के सामने उजागर होने लगा है। एक ऑस्ट्रेलियन थिंक टैंक ने चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। थिंक टैंक की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि चीन सरकार शिनजियांग प्रांत में 16 हजार से ज्यादा मस्जिदों को ढहा चुकी है। रिपोर्ट में शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों को कुचले जाने का भी सनसनीखेज खुलासा किया गया है।

ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एएसपीआई) की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन सरकार ने शिनजियांग प्रांत में मस्जिदों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। अभी तक इस प्रांत में करीब 16000 मस्जिदों को या तो जमींदोज कर दिया गया है या उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया गया है।

पिछले तीन साल में की गई कार्रवाई

सैटेलाइट इमेज और स्टैटिकल मॉडलिंग पर आधारित इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि चीन की सरकार की नजरें पिछले तीन साल से मस्जिदों पर काफी टेढ़ी हो गई हैं। अधिकांश मस्जिदों को बर्बाद करने की कार्रवाई पिछले तीन साल के भीतर की गई है।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से अधिकांश मस्जिदें उरूमकी और काशगर के बाहरी इलाकों में बनी हुई थीं। एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें 8:30 हजार में जीते तो ऐसी हैं जिनका कोई नामोनिशान तक नहीं रह गया है।

कई मस्जिदों के गुंबद और मीनार ध्वस्त

रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि कई मस्जिद है ऐसी हैं जिन्हें पूरी तरह ध्वस्त तो नहीं किया गया है मगर उनके गुंबदों और मीनारों को ध्वस्त कर दिया गया है। इलाके में मुस्लिम इबादतघरों की संख्या में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी ओर गिरिजाघरों और बौद्ध मंदिरों को चीन की सरकार की ओर से कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया है।

मुस्लिमों के एक तिहाई पवित्र स्थल हटाए

एएसपीआई की रिपोर्ट के मुताबिक शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों के एक तिहाई पवित्र स्थलों को पूरी तरह हटा दिया गया है। इनमें दरगाह और कब्रगाह आदि शामिल हैं।

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पिछले साल एएफपी की जांच में भी इस बात का खुलासा हुआ था। एएफपी की रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि दर्जनों कब्रगाहों को उखाड़ दिया गया था जिसके कारण काफी मानव अवशेष भी फैले हुए थे।

दस लाख से अधिक मुस्लिम कैदखाने में

ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक ने यह भी खुलासा किया है कि उत्तर पश्चिमी प्रांत में 10 लाख से अधिक उइगर और दूसरे मुसलमानों को विभिन्न कैंपों में कैद करके रखा गया है।

कैंपों में रहने वाले लोगों पर चीन सरकार की ओर से तमाम तरीके की बंदिशें लाद दी गई है। इसके साथ ही शिनजियांग प्रांत में रहने वाले मुस्लिमों पर परंपरागत और धार्मिक गतिविधियों को छोड़ने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है।

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एएसपीआई के मुताबिक शिनजियांग प्रांत में डिटेंशन सेंटर के बड़े नेटवर्क का पता लगा है। डिटेंशन सेंटरों की संख्या पूर्व में लगाए गए अनुमानों से काफी ज्यादा है।

चीन ने रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज किया

दूसरी ओर चीन ने हमेशा की तरह ऑस्ट्रेलियन थिंक टैंक की रिपोर्ट को भी पूरी तरह खारिज कर दिया है। चीन की ओर से दावा किया गया है कि शिनजियांग प्रांत में रहने वाले लोगों को पूरी तरह धार्मिक आजादी मिली हुई है और उनके कोई भी अधिकार नहीं पीने गए हैं।

इस रिपोर्ट के संबंध में सवाल पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय ने एएसपीआई की अहमियत को पूरी तरह खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस शोध संस्था की कोई साख ही नहीं है इस संस्था की ओर से चीन के खिलाफ पूरी तरह झूठी रिपोर्ट तैयार की गई है।

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि शिनजियांग प्रांत में अभी भी 24 हजार मस्जिदें हैं। कैंपों में कैद किए गए उइगर मुसलमानों के संबंध में सफाई पेश करते हुए चीन की ओर से इन कैंपों को वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर बताया गया है। चीन की दलील है कि वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के जरिए ही गरीबी और कट्टरता से लड़ा जा सकता है।

पहले भी हो चुका है दमन का खुलासा

दरअसल यह पहला मौका नहीं जब चीन की ओर से शिनजियांग प्रांत में धार्मिक आजादी कुचलने और उइगर मुसलमानों के दमन की बातों का खुलासा हुआ है।

पहले भी इस तरह की रिपोर्ट आ चुकी है जिनमें इन बातों का खुलासा किया गया है कि किस तरह चीन धार्मिक आधार पर उत्पीड़न की कार्रवाई में जुटा हुआ है मगर अपनी आदत के अनुरूप चीन हमेशा इन खबरों का खंडन करता रहा है। वैसे इन मुद्दों को लेकर चीन पूरी दुनिया में घिरता जा रहा है।

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