नया खुलासा: इतने दिन के बाद संक्रमित से नहीं फैलता वायरस, ये है बड़ी वजह

लक्षण दिखने के एक हफ्ते बाद कोरोना मरीजों में एक्टिव वायरल रेप्लिकेशन घटने लगता है। नई जानकारी के आधार पर हॉस्पिटल इस बारे में फैसला ले सकते हैं कि मरीजों को कब डिस्चार्ज किया जाए।

Update:2020-05-25 12:39 IST

नई दिल्ली: एक रिसर्च में पता चला है कि कोरोना वायरस के मरीजों से 11वें दिन के बाद संक्रमण नहीं फैलाता। यहां तक कि अगर संक्रमित व्यक्ति भले ही 12वें दिन वे कोरोना पॉजिटिव रहे। सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शस डिजीजेज (NCID) एंड अकेडमी ऑफ मेडिसीन की स्टडी में ये बात पता चली है। वैज्ञानिकों के अनुसार है कि स्टडी के दौरान देखा गया कि कोरोना मरीजों में लक्षण दिखने के 7 से 10 दिन बाद तक संक्रमण फैलाने की क्षमता होती है।

11 दिन के बाद कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति से नहीं फैलता

सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शस डिजीजेज ने करीब 73 कोरोना मरीजों पर स्टडी की जिस दौरान उन्हें नई बात पता चली। वैज्ञानिकों ने कहा कि ये देखा गया कि 11 दिन के बाद कोरोना वायरस को आइसोलेट या Cultured नहीं किया जा सकता।

एक्टिव वायरल रेप्लिकेशन घटने लगता है

वैज्ञानिकों ने कहा है कि लक्षण दिखने के एक हफ्ते बाद कोरोना मरीजों में एक्टिव वायरल रेप्लिकेशन घटने लगता है। नई जानकारी के आधार पर हॉस्पिटल इस बारे में फैसला ले सकते हैं कि मरीजों को कब डिस्चार्ज किया जाए।

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अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में दो बार निगेटिव टेस्ट आने के बाद ही डॉक्टर ये मानते हैं कि कोरोना मरीज ठीक हो गए। हालांकि, सिंगापुर में की गई स्टडी का सैंपल साइज छोटा था लेकिन नई जानकारी डॉक्टरों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

सिंगापुर के NCID की एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर लिओ यी सिन ने स्ट्रेट टाइम्स से कहा कि सैंपल साइज छोटा होने के बावजूद नई जानकारी को लेकर रिसर्चर्स विश्वस्त हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि बड़े सैंपल साइज में भी ऐसे ही परिणाम देखने को मिलेंगे।

लिओ यी सिन ने कहा- वैज्ञानिक दृष्टि से मैं काफी आश्वस्त हूं, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि कोरोना मरीज 11 दिन बाद संक्रामक नहीं होते हैं। बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सोमवार सुबह तक दुनिया में कोरोना के मामलों की संख्या 54 लाख से अधिक हो चुकी है।

दुनिया के कई देश वैक्सीन की खोज में जुटे

दुनियाभर में कोरोना से 3 लाख 45 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक तरफ दुनिया में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन कई देशों में लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। हालांकि, दुनिया के कई देश वैक्सीन की खोज में जुटे हुए हैं।

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लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ही एक वैज्ञानिक ने ये कहकर चौंका दिया है कि ChAdOx1 वैक्सीन के ट्रायल के सफल होने की उम्मीद 50 फीसदी ही है। उन्होंने अत्यधिक उम्मीद करने को लेकर चेतावनी दी।

ब्रिटेन में तेजी से कोरोना वायरस के मामले घट रहे

ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन डेवलपमेंट टीम का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिकों में शामिल एड्रियन हिल ने कहा कि आने वाले ट्रायल में 10 हजार वॉलेंटियर्स को शामिल किया जा रहा है। लेकिन हो सकता है कि इससे कोई रिजल्ट ना मिले क्योंकि ब्रिटेन में तेजी से कोरोना वायरस के मामले घट रहे हैं।

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बीते हफ्ते अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने अपनी कोरोना वैक्सीन के पहले राउंड के ट्रायल की जानकारी दी थी। पहले राउंड में सिर्फ आठ लोगों को वैक्सीन दी गई थी। लेकिन कंपनी ने कहा कि वैक्सीन सुरक्षित मालूम पड़ती है और इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती है।

वैक्सीन वायरस के खिलाफ इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती है

वहीं, चीन में बनाई गई एक कोरोना वैक्सीन का करीब 108 लोगों पर ट्रायल किया गया। मेडिकल जर्नल The Lancet में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रायल के दौरान पता चला कि वैक्सीन वायरस के खिलाफ इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती है और कारगर साबित हो सकती है।

 

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