कोरोना वायरस के 3 नए वेरिएंट: दुनिया में मची तबाही, अब तक आ चुके हैं इतने मामले
अमेरिका के CDC यानी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने कहा है कि अब तक सामने आए तीन प्रमुख वेरिएंट ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में सामने आए हैं। इसके बाद इन वेरिएंट के केसेस अन्य देशों में भी दर्ज किए गए हैं।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया बीते करीब एक साल से कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग लड़ रही है। लेकिन अभी भी इस महामारी से पूरी तरह निजात नहीं मिला है। वहीं, अब तक कोविड-19 के चार हजार म्यूटेशन सामने आ चुके हैं, यानी वायरस लगातार बदल रहा है। वायरस में हो रहे इस बदलाव के साथ साथ मरीजों में दिखने वाले लक्षण भी बदल रहे हैं। वहीं, ब्रिटेन में हाल ही में सामने आए केंट वेरिएंट ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है।
एक दशक तक जारी रह सकती है लड़ाई
ऐसा कहा जा रहा है कि ब्रिटेन में सामने आया वेरिएंट ज्यादा तेजी से फैलता है। यही नहीं ब्रिटेन की जेनेटिक सर्विलांस प्रोग्राम की प्रमुख ने ये तक कह दिया कि एक दशक तक इससे लड़ाई जारी रह सकती है और ये वेरिएंट से पूरी दुनिया प्रभावित हो सकती है। बताते चलें कि ब्रिटेन में इससे पहले भी वायरस का एक वेरिएंट सामने आ चुका है। वो भी काफी खतरनाक है।
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अब तक सामने आए तीन प्रमुख वेरिएंट
अमेरिका के CDC यानी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने कहा है कि अब तक सामने आए तीन प्रमुख वेरिएंट ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में सामने आए हैं। इसके बाद इन वेरिएंट के केसेस अन्य देशों में भी दर्ज किए गए हैं। ब्रिटेन में फैले कोरोना वायरस के वेरिएंट B.1.1.7 के साल 2020में कई म्यूटेशन सामने आए थे। ये वेरिएंट ज्यादा आसानी और तेजी से फैलता है।
मौतों के आंकड़े में हो सकता है इजाफा
ब्रिटेन के एक्सपर्ट्स ने जनवरी, 2021 में कहा था कि इसकी वजह से देश में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या में इजाफा हो सकता है। इसके साथ ही इन विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के इस वेरिएंट को लेकर चिंता भी जाहिर की थी। हालांकि CDC का कहना है कि ब्रिटेन के एक्सपर्ट्स के बयानों की पुष्टि करने के लिए इस वायरस का अभी और एनालिसिस किए जाने की आवश्यकता है।
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दक्षिण अफ्रीका में पाया गया B.1.351 वेरिएंट
आपको बता दें कि कोरोना वायरस का ये नया वेरिएंट अब तक दुनियाभर के तमाम देशों में पाया जा चुका है। पहली बार इसका पता दिसंबर 2020 में अमेरिका में चला था। वहीं दक्षिण अफ्रीका में भी कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट पाया गया था, जिसको B.1.351 का नाम दिया गया, जो कि काफी ज्यादा अलग था। इसका पता बीते साल अक्टूबर महीने में पता चला था। इसके म्यूटेशन भी देखने को मिले थे। इस वेरिएंट के मामले इस साल जनवरी के अंत में अमेरिका में भी दर्ज किए गए थे।
ब्राजील में मिला वेरिएंट प्रभावित करता है प्रतिरोधक क्षमता को
वहीं ब्राजील में जो कोरोना वायरस का वेरिएंट मिला था, उसे P.1 नाम दिया गया था। इसका पता सबसे पहली बार जापान में लगा। जब जनवरी 2021 में ब्राजील से जापान गए एक यात्री में यह वेरिएंट मिला था। बाद में इसके भी म्यूटेशन सामने आए थे। शोध के बाद सामने आया कि ये वेरिएंट शरीर में बनने वाली प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है।
सीडीसी के मुताबिक, कोरोना के ये वेरिएंट ज्यादा तेजी और आसानी से फैलते हैं। इसके चलते पूरी दुनिया में फिर से कोरोना के मामले बढ़ने की संभावना है। जिसका सीधा असर दुनियाभर की मेडिकल सर्विसेस पर भी पड़ सकता है। ऐसे में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े में भी इजाफा हो सकता है। सीडीसी का कहना है कि कोविड वैक्सीन आने के बाद भी लोगों को वायरस के प्रति सावधानी बरतने की जरुरत है।
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