पाकिस्तान के झूठे दावेः सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ ये बड़ा खुलासा

भारत-चीन तनाव पर पाकिस्तान ने सोशल मीडिया के जरिये प्रोपेगेंडा चलाना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर इस तरह की बाते सामने आईं कि पीओके में स्कार्दू एयरबेस पर चीनी वायुसेना की हरकत बढ़ गयी है।

Update: 2020-06-29 15:41 GMT

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच के विवाद में पाकिस्तान अपनी चाले चलने से बाज नहीं आ रहा है। जब से भारत-चीन बढ़ा है, पाकिस्तान ने सोशल मीडिया के जरिये प्रोपेगेंडा चलाना शुरू कर दिया। इसके तहत सोशल मीडिया पर इस तरह की बाते सामने आईं कि पीओके में स्कार्दू एयरबेस पर चीनी वायुसेना की हरकत बढ़ गयी है। यहां केवल जून महीने में 40 चीनी J-10 लड़ाकू विमान उतारे गए। इस तरह की खबरे आने का सार ये निकला कि जंग की स्थिति में चीन POK से लद्दाख सीमा पर भारत के खिलाफ हमला कर सकता है, हालाँकि सैटेलाइट तस्वीरों ने पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खोल कर रख दी।

Pok के स्कर्दू और गिलगित पर एयरबेस पर चीनी लड़ाकू विमान:

भारत-चीन तनाव के बीच पाकिस्तान ने पिछले 10 दिनों में सोशल मीडिया पर मनोवैज्ञानिक जंग छेड़ रखी है। इसमें अफवाहों के जरिये पाकिस्तान एक तरह का प्रोपोगेंडा चला रखा है। दरअसल, पाकिस्तान के कई ट्विटर हैंडल्स से इस तरह के ट्वीट सामने है, जिसमें कहा गया कि चीन के 40 लड़ाकू विमान पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (PoJ&K) में स्थित स्कर्दू हवाई अड्डे उतरे गए। वहीं ये भी दावा किया गया कि गिलगित हवाई अड्डे 10 चीनी फाइटर जेट लैंड हुए। गिलगित एयरबेस भी Pok के अंतर्गत आता है।

सैटेलाइट तस्वीरों से खुली पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल:

हालाँकि जब सैटेलाइट तस्वीरों के जरिये जब स्कर्दू और गिलगित हवाई अड्डों की रिएलिटी चेक की तो पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खुल गयी।

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तस्वीरों में स्कर्दू एयरबेस का ऐसा नजारा:

बता दें कि स्कर्दू हवाई अड्डे के विस्तार का कार्य पिछले साल गर्मियों में शुरू हुआ था। पाक एयरफोर्स ने यहां एक अतिरिक्त हवाई पट्टी की मांग की थी। ऐसे में इस नई हवाई पट्टी का निर्माण कार्य जारी है। हालाँकि कोविड 19 की वजह से काम को रोक दिया गया और निर्माण में देरी हुई।



स्कर्दू हवाई अड्डे पर 40 विमानों को पार्क करने की क्षमता ही नहीं

एयरबेस की हाल में ली गयी सैटेलाइट तस्वीरें सामने आईं, जिसमें हवाई अड्डे पर निर्माण काम होते देखा जा सकता है, हालाँकि ये अभी पूरा नहीं हुआ है। तस्वीरों में चीन के 40 एयरक्राफ्ट नजर नहीं आये। बता दें कि स्कर्दू हवाई अड्डे पर केवल आठ मजबूत एयरक्राफ्ट शेल्टर्स हैं। ऐसे में यहां 40 विमानों को पार्क किये जाने की ऐसी कोई जगह ही नहीं है।

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फ्युल रीफिलिंग की सुविधा तक नहीं

वहीं एयरबेस के उत्तरी कोने पर एक छोटा फ्युल एंड लुब्रिकेंट्स (FOL) प्वाइंट है, हालाँकि अभी यहां एक फाइटर प्लेन के लिए जरूरी ईंधन की रीफिलिंग और अन्य सपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर या उपकरण मौजूद ही नहीं है।

गिलगित एयरबेस की ये हालत

बात अगर गिलगित एयरबेस की करें तो इसकी हालत स्कर्दू हवाई अड्डे से अलग है। गिलगित हवाई अड्डा शहर के बीच में स्थित है। ऐसे में यहां किसी भी तरह की हवाई कार्रवाई नागरिकों को खतरे में डाल सकती है। वहीं सैटेलाइट तस्वीरों से साफ़ हुआ कि इस एयरबेस पर भी कोई विमान तैनात नहीं किया गया।

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तस्वीरों में इसके आकार के आंकलन करने से पता चलता है कि पास पास विमान खड़े किये जाए तब भी यहां 8 लड़ाकू जेट से ज्यादा खड़े करने की जगह नहीं है। वहीं इस एयरबेस पर भी ईंधन रिफिलिंग की बड़ी सुविधा नहीं है।

चीनी लड़ाकू विमानों का PoK एयरबेस पर लैंडिंग अफवाह

ऐसे में इस बात का खुलासा होता है कि चीनी लड़ाकू विमानों का पाक एयरबेस में आना एक अफवाह है, जो पाकिस्तान भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है।

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