पाकिस्तानी महिला से सीखों! तुम चल रहे चाल, ये बनी रही विश्व रिकॉर्ड

अंतरिक्ष पर्यटन को आने वाले समय में हकीकत बताने वाली अंतरिक्ष कूटनीति को दुनिया में शांति की तरफ बड़ा कदम मानने वाली नामिरा सलीम पाकिस्तानी महिलाओं के सशक्तिकरण का चेहरा बन चुकी हैं।

Update:2019-08-23 19:18 IST
नामिरा सलीम

नई दिल्ली : पाकिस्तान वैसे तो हमेशा ही अपनी हरकतों के लिए सुर्खियों में रहता है। लेकिन इस बार पाकिस्तान की ऐसी खबर है जो देश-विदेश नहीं बल्कि अंतरिक्ष से ताल्लुक रखती है। आपको बता दें कि वर्जिन गैलेक्टिक नाम की एक कंपनी अंतरिक्ष में पहली ऐसी कमर्शियल स्पेसफ्लाइट भेजने वाली है, जिसमें कुछ लोग भी होंगे।

इसी फ्लाइट को लेकर पाकिस्तान सुर्खियों में आ गया है। असल में इस फ्लाइट में अंतरिक्ष के पर्यटन पर जाने वालों में एक पाकिस्तानी महिला नामिरा सलीम शामिल हैं।

बता दें कि नामिरा पहली पाकिस्तानी महिला ही नहीं बल्कि पहली पाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्री बनने की तरफ हैं। नामिरा सलीम अब पाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्री के तौर पर पहचानी जाने वाली हैं।

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अंतरिक्ष पर्यटन को आने वाले समय में हकीकत बताने वाली अंतरिक्ष कूटनीति को दुनिया में शांति की तरफ बड़ा कदम मानने वाली नामिरा सलीम पाकिस्तानी महिलाओं के सशक्तिकरण का चेहरा बन चुकी हैं। भारत की कल्पना चावला और सुनीता विलियमसन जैसे फेमस नामों के बाद दक्षिण एशिया की अंतरिक्ष यात्री महिलाओं की सूची में भी नामिरा का नाम जुड़ रहा है। इससे पहले भी नामिरा के जीवन में उपलब्धियां इतनी रही हैं जिसे जान कर आप हैरान हो जाएंगें।

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नामिरा की कामयाब दास्तां

आपको बता दें कि अप्रैल 2007 में नामिरा जब पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव पर पहुंची थीं तब वह ऐसा कारनामा करने वाली पहली पाकिस्तानी होने के साथ ही मोनाको और दुबई की भी पहली महिला थीं। यही अगले साल तब कहा गया जब नामिरा ने जनवरी 2008 में दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखा।

इसके बाद सन् 2008 में ही नामिरा ने एक कदम और आगे की उपलब्धि हासिल की। माउंट एवरेस्ट से स्काइ डाइविंग करने वाली वह पहली एशियाई महिला बनीं।

मिली जानकारी के अनुसार, अगले साल इस फ्लाइट को अंतरिक्ष रवाना किया जाना तय है और नामिरा इस फ्लाइट में उड़ान भरते ही पाकिस्तान ही नहीं बल्कि मोनाको और दुबई की भी पहली अंतरिक्ष यात्री बन जाएंगी।

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'पहला पाकिस्तानी एस्ट्रोनॉट'

वर्ष 2007 में नामिरा ने यूएस के नास्टर से सबऑर्बिटल स्पेसफ्लाइट की ट्रेनिंग ली और क्वालिफाई किया। सन् 2008 में नामिरा ने ये सर्टिफिकेट तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के सामने प्रस्तुत किया था। पाकिस्तान ने नामिरा को इस उपलब्धि के लिए सम्मानित भी किया और इसके पहले ही पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नामिरा को 'पहला पाकिस्तानी एस्ट्रोनॉट' घोषित कर दिया था। हालांकि नामिरा स्पेस ट्रैवलर होंगी, एस्ट्रोनॉट नहीं।

आपको बता दें कि सन् 1997 से नामिरा सलीम मोनाको की निवासी रही हैं। उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था। नामिरा ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल अफेयर्स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी और फिर उन्होंने मोनाको व पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंध बनाने की कोशिशें की थी। उनकी कोशिशों के चलते ही मोनाको के प्रिंस ने 2011 में नामिरा को मोनाको में पाकिस्तान के पहले मानद राजदूत या राजनयिक के रूप में मान्यता दी थी।

नामिरा के बचपन का सपना हुआ सच

पाक के मीडिया ने नामिरा का एक इंटरव्यू प्रकाशित किया है, जिसमें नामिरा ने बताया कि बचपन में जब उनके पिता उन्हें आसमान में तारे दिखाया करते थे, तबसे उनके मन में इच्छा थी कि एक दिन वह उन सितारों की दुनिया में पहुंच सकें।

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आगे नामिरा ने कहा कि ये बचपन के सपने का पूरा होना है। इसके साथ ही, स्पेसट्रस्ट नाम की एक गैर लाभकारी संस्था स्थापित कर चुकी हैं और उनका मानना है कि स्पेस टूरिज़्म और स्पेस डिप्लोमेसी के चलते दुनिया में शांति को लेकर बड़े और कारगर कदम उठाए जा सकते हैं।

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