इस मुस्लिम देश में खौफनाक कानून, बलात्कारियों से करो शादी, UN ने दी चेतावनी

तुर्की में इन दिनों एक विवादित कानून पर पूरी दुनिया में बड़ी बहस छिड़ गई है। तुर्की की संसद में इस महीने के अंत में पेश होने वाला यह बिल 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप करने वाले रेपिस्टों से संबंधित है।

Update: 2020-01-23 14:35 GMT

नई दिल्ली: तुर्की में इन दिनों एक विवादित कानून पर पूरी दुनिया में बड़ी बहस छिड़ गई है। तुर्की की संसद में इस महीने के अंत में पेश होने वाला यह बिल 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप करने वाले रेपिस्टों से संबंधित है। इस कानून का विरोध कर रहे लोग अब सड़कों पर उतर आए हैं।

कथित 'मैरी योर रेपिस्ट' कानून को तुर्की संसद में पास करने की तैयारी चल रही है। इस बिल को लेकर देश में महिला अधिकारों के प्रचारकों में बड़ा गुस्सा देखा जा रहा है। इस कानून के तहत अगर कोई अपराधी रेप पीड़िता से शादी करने के लिए तैयार हो जाता है तो उसे बरी कर दिया जाएगा।

आलोचकों का कहना है कि यह कानून न सिर्फ बाल विवाह और कानूनी तौर पर रेप को भी बढ़ावा देगा, बल्कि बच्चों के साथ होने वाली हिंसा और यौन शोषण की गतिविधियां और बढ़ जाएंगी। विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचडीपी) भी सरकार के इस अनैतिक कानून के खिलाफ है।

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साल 2016 में पेश एक बिल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े विरोध प्रदर्शन के बाद वापस लेना पड़ा था। यह कानून 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार करने वाले दोषियों का बचाव करता है।

संयुक्त राष्ट्र(यूएन) की एजेंसियों ने भी 'मैरी योर रेपिस्ट' पर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि इससे बाल उत्पीड़न की समस्या पैदा होगी और साथ ही पीड़ितों को अपने हमलावरों से अतिरिक्त दुर्व्यवहार और संकट का सामना करना पड़ेगा।

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मिडिल ईस्ट समेत पाकिस्तान, नॉर्थ अफ्रीका और अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों और उनके संरक्षण का मुद्दा उठानी वाली सामाजिक कार्यकर्ता साउद अबु-दय्यैह ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि ये बड़ी हैरानी की बात है कि राजनेता खुद एक ऐसे बिल की पैरवी कर रहे हैं जो महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले अपराधियों को माफी देता है।

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तुर्की में लड़कियों की शादी के लिए जहां 18 साल की आयु जरूरी है तो वहीं, 2018 में सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट कहती है कि यहां पिछले एक दशक में 482,908 बाल विवाह के मामले सामने आए हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की में 38 फीसदी महिलाएं और लड़कियां अपने ही पार्टनर के हाथों शारीरिक प्रताड़ना और यौन हिंसा का शिकार हुई हैं।

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