NSA अजीत डोभाल ने चीन से ऐसा क्या कहा, LAC से तुरंत हटना पड़ा पीछे

अजित डोभाल ने जोर देकर पूर्वी लद्दाख में 1597 किलोमीटर लंबे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चार प्वाइंट पर भारतीय सेना के गश्त अधिकारों को बहाल करने की आवश्यकता को बताया।

Update:2020-07-07 13:11 IST

नई दिल्ली: भारत और चीन में सहमति के बाद ड्रैगन एलएसी से पीछ हट गया है। चीन और भारत के बनी सहमति में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजील डोभाल बड़ी भूमिका रही है। जानकारी के मुताबिक रविवार को सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) गलवान घाटी के वाई-जंक्शन से सैनिकों को पीछे के बेस कैंप की तरफ लेकर जा रही है। यह बात रविवार की सुबह की है। उसी शाम अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बात की।

इस दौरान अजित डोभाल ने जोर देकर पूर्वी लद्दाख में 1597 किलोमीटर लंबे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चार प्वाइंट पर भारतीय सेना के गश्त अधिकारों को बहाल करने की आवश्यकता को बताया।

जानकारों का कहना है कि सोमवार शाम तक चीन दोनों देशों के बीच गतिरोध वाले चार प्वाइंट यानी गालवान, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैंगॉन्ग त्सो से लौटना शुरू कर दिया। भारतीय सेना भी गलवान में अपने बेस कैंपों में वापस आ गई। पहले गोगरा (पेट्रोलिंग प्वाइंट 15) और हॉट स्प्रिंग्स (पेट्रोलिंग प्वाइंट 17) से सैनिक लौटना शुरू किए। इसी दौरान चीनी सैनिक फिंगर 4 पर बनाए संरचनाओं को भी खत्म करने लगे।

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भारतीय सैनिक सतर्क

जानकारों के मुताबिक जब तक चीनी सैनिक पूरी तरह वापस नहीं चले जाते, तब तक भारतीय सैनिक कोई चूक नहीं करेंगे। तैनाती जारी रहेगी, क्योकि अभी किसी भी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। चीन पहले भी अपने वादे से पलट चुका है।

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जानकारी के मुताबिक अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी इस बात से सहमत हैं कि दोनों पक्षों गतिरोध वाले बिंदुओं पर गश्ती के अधिकार होंगे, लेकिन भविष्य में किसी भी टकराव से बचेंगे। लेकिन सीमा मुद्दों पर संयुक्त सचिव-स्तरीय (WMCC) इन फैसलों को लागू करने के लिए जल्द ही बैठक करेगी। तीन सप्ताह बाद बातचीत करने के लिए दो बैठकें निर्धारित की गई हैं।

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डोभाल ने बता दी थी भारत की मंशा

एनएसए अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ समन्वय के साथ 17 जून को वांग यी से बातचीत में भारत की मंशा से अवगत करा दिया था। इस बातचीत में चीन औऱ भारत ने एक दूसरे पर सीमा पर झड़प करने का आरोप लगाया था।

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