गदगद हुआ पाकिस्तान: तुर्की ने छेड़ा कश्मीर मुद्दा तो, इमरान खान ने की जमकर तारीफ

तुर्की ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में एक बार फिर से कश्मीर के मसले को उठाया। जिसके बाद पाकिस्तान तुर्की के इस कदम से गदगद हो गया है।

Update: 2020-09-23 12:09 GMT
तुर्की ने उठाया कश्मीर मुद्दा तो खुश हुआ कश्मीर, की जमकर तारीफ

नई दिल्ली: तुर्की ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में एक बार फिर से कश्मीर के मसले को उठाया, जिसे लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान तुर्की के इस कदम से गदगद हो गया है। पाकिस्तान ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान (Recep Tayyip Erdoğan) द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने को लेकर अपनी खुशी जाहिर की है। पाकिस्तान ने महासभा में अपने संबोधन में कश्मीरियों का जिक्र करने के लिए एर्दोगान का शुक्रिया अदा किया है।

इमरान खान ने जाहिर की अपनी खुशी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने संबोधन के दौरान कश्मीरी लोगों के अधिकारों के समर्थन में एक बार फिर से आवाज उठाने के लिए राष्ट्रपति एर्दोगान की मैं तहे दिल से सराहना करता हूं। तुर्की कश्मीरियों के आत्म-निर्णय के वैध संघर्ष के लिए ताकत का एक स्रोत बना हुआ है।



तुर्की के राष्ट्रपति ने क्या दिया था बयान?

बता दें कि महासभा की बैठक के दूसरे दिन तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था कि कश्मीर विवाद दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता के लिहाज से काफी अहम है और यह अब भी एक ज्वलंत मुद्दा है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद जो कदम उठाए गए हैं, उनसे स्थिति और जटिल हो गई है। उन्होंने कहा कि तुर्की संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के मसौदों के तहत और विशेष रूप से कश्मीर के लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप, बातचीत के जरिए इस मामले को हल करने के पक्ष में है।

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भारत ने तुर्की को दी हिदायत

वहीं भारत ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि हमने भारत के केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर तुर्की के राष्ट्रपति की टिप्पणी सुनी। यह भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप है और यह भारत के लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य है। तुर्की को दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए और और अपनी नीतियों में भी इसे ज्यादा गंभीरता से प्रदर्शित करना चाहिए।



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बीते साल भी उठाया था कश्मीर मुद्दा

बता दें कि पाकिस्तान के करीबी तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने बीते साल भी ये मुद्दा उठाया था। एर्दोगान ने पिछले साल महासभा कक्ष में उच्च स्तरीय चर्चा में भी कश्मीर का मसला उठाया था। यही नहीं एर्दोवान ने कश्मीर विवाद पर ध्यान ना देने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी आलोचना की थी। इसके अलावा जब एर्दोगान इस साल फरवरी में पाकिस्तानी दौरे पर गए थे तो उन्होंने कहा था कि कश्मीर का मुद्दा जितना अहम पाकिस्तान के लिए है, उतना ही तुर्की के लिए भी है।

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पाकिस्तान वैश्विक मंच पर उठाता आया है कश्मीर मुद्दा

पाकिस्तान की बात कही जाए तो भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही पाकिस्तन वैश्विक मंच पर कश्मीर के मुद्दे को उठाता आया है, हालांकि पाकिस्तान को इस मसले पर मुंह की ही खानी पड़ी है। लेकिन वो अब तक कश्मीर के मुद्दे पर अड़ा हुआ है। उसके इस मुहिम में मुस्लिम देशों ने भी समर्थन नहीं दिया है और इमरान खान इसे लेकर निराशा भी जाहिर कर चुके हैं।

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