Pakistan News: पाकिस्तान सरकार नरेंद्र मोदी को नहीं इमरान खान को मानती है सबसे बड़ा खतरा, रक्षा मंत्री आसिफ का बड़ा बयान

Pakistan News: पाकिस्तान की सत्ता में बैठे लोग और वहां की सेना पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लोगों के बीच मुल्क का गद्दार साबित करने की पूरी कोशिश कर रही है। इसी क्रम में शहबाज शरीफ सरकार के रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने तो उन्हें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बड़ा दुश्मन बता दिया।

Update:2023-06-06 21:21 IST
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ, पूर्व पाक पीएम इमरान खान, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: Photo- Social Media

Pakistan News: पाकिस्तान में इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां खान और देश की न्यायपालिका है, वहीं दूसरे पाले में मुल्क की सरकार और ताकतवर फौज है। पड़ोसी देश में इस किस्म का टकराव पहली बार देखा जा रहा है। वहां की सरकार तो अब पीटीआई चीफ इमरान खान को भारत से भी बड़ा खतरा बताने लगी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पूर्व पीएम पर जबरदस्त हमला बोला है।

इमरान खान पर पाकिस्तानी सेना और वहां की सरकार इन दिनों शिकंजा कसने में जुटी हुई है। राजनीतिक हमलों के साथ-साथ उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) को भी तोड़ा जा रहा है। एक-एक कर खान के करीबी नेता या तो जेल में डाल दिए गए या फिर उनपर दबाव डालकर पार्टी छोड़ने को मजबूर किया गया। इमरान खान को कमजोर करने के लिए सेना के इशारे पर उनके नजदीकी रहे कुछ नेताओं ने अलग पार्टी तक बना ली है।

नरेंद्र मोदी नहीं इमरान खान हैं सबसे बड़ा खतरा

पाकिस्तान की सत्ता में बैठे लोग और वहां की सेना पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लोगों के बीच मुल्क का गद्दार साबित करने की पूरी कोशिश कर रही है। इसी क्रम में शहबाज शरीफ सरकार के रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने तो उन्हें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बड़ा दुश्मन बता दिया। जाने-माने पाक पत्रकार हामिद मीर को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आपके लिए विदेशी दुश्मन पहचाना हुआ है। पाकिस्तान में लोग अब भी उस दुश्मन को नहीं पहचान पा रहे जिसने यहीं जन्म लिया और उस देश (भारत) से बड़ा खतरा है।

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा कि इमरान खान पाकिस्तान के लिए नरेंद्र मोदी से कहीं अधिक खतरनाक हैं। लेकिन लोग इसे नहीं देख पा रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कौन अधिक खतरनाक है ? जो हमारे ही बीच मौजूद है या एक जो हमारे सामने दूसरी तरफ खड़ा है ? आसिफ ने 9 मई की घटना को बगावत करार देते हुए कहा कि ये दुश्मन वाकई में हमारे देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। ये अब साबित हो चुका है।

क्या हुआ था 9 मई को ?

9 मई 2023 पाकिस्तान के इतिहास का सबसे अहम दिन साबित हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जो इन दिनों मुल्क के सबसे लोकप्रिय राजनेता के तौर पर उभरे हैं, इस्लामाबाद हाईकोर्ट से अल कादिर ट्रस्ट केस में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें किसी खूंखार अपराधी की तरह रेंजर्स खींचकर अपने साथ ले गए। खान की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही फैली पूरे पाकिस्तान में बवाल मच गया। भारी संख्या में उनके समर्थक जगह-जगह सड़कों पर उतर गए और बलवा करने लगे। इनके निशाने पर पुलिस के साथ सेना के ठिकाने भी थे। सेना और आईएसआई के दफ्तर और उनके अधिकारियों के आवास को निशाना बनाया गया।

आजादी के बाद से लेकर अब तक के पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी नेता के सपोर्ट में वहां की आवाम ने सेना को निशाना बनाया था। मुल्क में इससे पहले भी चुनी हुई सरकारों और लोकप्रिय नेताओं का तख्तापलट हुआ था लेकिन अभी जनता की ओर से इस तरह का तीखा विरोध सेना के खिलाफ देखने को नहीं मिला था।

फ्रांस में पूर्व आर्मी चीफ बाजवा का विरोध

पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ और पूर्व पीएम इमरान खान के निशाने पर रहने वाले जनरल कमर जावेद बाजवा इन दिनों फ्रांस में अपनी पत्नी के साथ छुट्टियां मना रहे हैं। लेकिन इसमें खलल तब आया जब एक अफगान मूल के शख्स ने उन्हें गालियां देना शुरू कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाजवा अपनी पत्नी आयशा के साथ पेरिस में एक जगह बैठे थे। तभी एक अफगान नागरिक उनकी तरफ आता है और उन्हें अपशब्द कहना शुरू कर देता है।

शख्स पश्तो (अफगानिस्तान में बोली जाने वाली भाषा) में उनपर तालिबान के साथ मिलकर उनके मुल्क को बर्बाद करने का आरोप लगाता है। बाजवा पुलिस बुलाने की भी धमकी देते हैं, फिर भी शख्स वहां से नहीं हटता है। अंत में वो अपनी पत्नी के साथ वहां से निकल जाते हैं। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।

बता दें कि अगस्त 2021 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाया था, तब पाक आर्मी की कमान जनरल कमर जावेद बाजवा के हाथ में ही थी। बगैर पाकिस्तान आर्मी के सपोर्ट के तालिबान को ऐसी कामयाबी मिलनी मुश्किल थी। अमेरिका भी खुलेआम पाकिस्तान पर धोखा देने का आरोप लगा चुका है।

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