सऊदी की इस खूबसूरत महिला पर लगे हैं आतंकवाद के आरोप, मिलेगी ऐसी सजा
लुजिन अल हतलुल महिला अधिकारियों के लिए आवाज उठाने वाली एक्टिविस्ट के तौर पर जानी जाती हैं। उन पहली बार पहचान तब मिली जब उन्होंने सऊदी अरब राजशाही द्वारा महिलाओं पर लगाई पाबंदियों को तोड़ दिया था।
सऊदी: लुजिन अल हतलुल एक बार फिर से चर्चा में बनी हुई हैं। सऊदी अरब ने उन पर आतंकवाद व देश विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाए हैं।
उनके मुकदमे को इन मामलों के लिए बनी विशेष अदालत के सुपुर्द किया है। बुधवार को बेहद कमजोर नजर आ रहीं 31 साल की अल-हतलुल की उपस्थिति में सऊदी अरब की आपराधिक अदालत के जज ने यह जानकारी दी।
31 साल की अल-हतलुल के खिलाफ आरोपों की लम्बी चौड़ी फेहरिस्त है। महिला अधिकारों के लिए अभियान चलाने, देश की राजनीतिक व्यवस्था बदलने के प्रयास, विदेशी पत्रकारों, राजदूतों व मानवाधिकार संगठनों से बातचीत जैसे गंभीर आरोप उनके खिलाफ पहले ही चुके हैं। जिसके बाद से इन तमाम आरोपों के मद्देनजर उन्हें 2018 में गिरफ्तार किया गया था।
यहां तक कि सऊदी अरब के अखबारों तक ने उनकी तस्वीर पर ‘गद्दार’ लिखकर प्रकाशित किया। हतलुत ने जेल में खराब व्यवहार के खिलाफ भूख हड़ताल की, लेकिन जेलर ने उन्हें परेशान करने के लिए दो हफ्ते तक सोने नही दिया, जुल्म से तंग आकर उन्हें बाद में हड़ताल खत्म करनी पड़ी।
प्रतिबंध के बावजूद कार चलाने से लेकर अन्य महिला अधिकारों के लिए लड़ रहीं लुजिन अल हतलुल की बहन लीना अल हतलुल ने बताया कि एक साल आठ महीने सुनवाई के बाद अब आपराधिक अदालत ने बताया कि मामला उसके क्षेत्राधिकार का नहीं है।
पिछले हफ्ते विदेश राज्यमंत्री अदील अल जुबैर ने कहा था कि हतलुल महिला अधिकार कार्यकर्ता होने की वजह से नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में अरेस्ट की गई हैं।
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मानवाधिकार संगठनों ने उठाई आवाज
उधर अल हतलुल की गिरफ्तारी का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी अरब में जारी इस सुनवाई को छल कपट करार दिया है। साथ ही अरब देशों में ह्यूमन राइट्स वॉच के उपनिदेशक एडम कूगल इसे नाटक बताते हुए कहा है कि हम उनसे निष्पक्षता की उम्मीद नहीं करते हैं।
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कौन हैं लुजिन अल हतलुल
बताते चलें कि लुजिन अल हतलुल महिला अधिकारियों के लिए आवाज उठाने वाली एक्टिविस्ट के तौर पर जानी जाती हैं। उन पहली बार पहचान तब मिली जब उन्होंने सऊदी अरब राजशाही द्वारा महिलाओं पर लगाई पाबंदियों को तोड़ दिया था।
वे कार चलाने से लेकर हर वो काम करती हैं जो सऊदी के अंदर महिलाओं को करने की मनाही हैं। उन्होंने महिलाओं को कार चलाने पर रोक को कई बार तोड़ने का काम किया और गिरफ्तार भी हुईं।
जून 2018 में जब सह पाबंदी हटी तो सरकार ने उन्हें फिर से अरेस्ट कर लिया ताकि लोग यह न समझें कि उनके दबाव में पाबंदी हटाई गई। अब ये मामला गर्माने लगा है।
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