बवाल में जल रहा श्रीलंका: तत्काल आपातकाल का ऐलान, महंगाई से जूझ रहे लोगों का उग्र प्रदर्शन

Emergency in Sri Lank: श्रीलंका में महंगाई और ऊर्जा संकट के कारण लोग सरकार खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं जिसके बाद वहां के राष्ट्रपति ने देश में इमरजेंसी लगाने का ऐलान कर दिया है।

Report :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-04-02 07:59 IST

Emergency in Sri Lanka : श्रीलंका में आपातकाल (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Emergency in Sri Lanka : दुनिया में कोरोना वायरस महामारी (corona virus epidemic) के आने के कारण बहुत से देशों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। महामारी के दौरान बड़े से बड़े देश आर्थिक मोर्चे पर कमजोर हो गए लेकिन बड़े देशों ने बाद में अपनी स्थिति सुधार ली तो वहीं कई छोटे थे आज भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे ही देशों में एक नाम श्रीलंका (Sri Lanka) का भी है श्रीलंका अपने आजादी के बाद से अब तक के सबसे बुरे आर्थिक हालात से जूझ रहा है जिसके बाद वहां के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने देश में इमरजेंसी लगाने का फैसला किया है।

श्रीलंका में आपातकाल

देश में आर्थिक स्थिति लगातार गंभीर होते जाने के कारण श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने देश में आपातकाल के घोषणा में कहा- कि देश की आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति और रखरखाव के लिए तथा देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्रीलंका में आपातकाल लगाने का फैसला किया गया है। यह आपातकाल तत्काल प्रभाव से 1 अप्रैल से ही श्रीलंका में लागू कर दिया गया है।


श्रीलंका में आर्थिक स्थिति के कारण उग्र आंदोलन

श्रीलंका में आर्थिक स्थिति बद से बदतर होने के कारण देशभर में लोग वहां की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मौजूदा वक्त में श्रीलंका की आर्थिक स्थिति इतनी बुरी हो चुकी है कि वह दिवालिया होने के किनारे पर पहुंच चुका है। जिसके कारण वहां के नागरिकों ने राष्ट्रपति के आवास के पास उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस प्रदर्शनकारियों पर पानी का बौछार किया साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।

वहीं इस मामले में श्री लंका पुलिस ने मौके से कई लोगों को हिरासत में भी लिया। साथ कोलंबो शहर में कर्फ्यू लगाने की भी नौबत आ गई। इस प्रदर्शन पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति के मीडिया विभाग की ओर से शुक्रवार को कहा गया कि राष्ट्रपति के आवास पर चरमपंथी समूह के लोगों ने किया है।

श्रीलंका में महंगाई

श्रीलंका मौजूदा वक्त में महंगाई की बड़ी मार झेल रहा है। श्रीलंका में इस वक्त 1 लीटर दूध की कीमत ढाई सौ रुपए से अधिक है। वहीं श्रीलंका में मौजूदा वक्त में पेट्रोल की कीमत भी ढाई सौ रुपए के करीब है। श्रीलंका में आलू 200 रुपये के करीब दिख रहा है। वहीं 1 लीटर पानी की बॉटल के लिए लोगों को 100 रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ रहा है।

ऊर्जा संकट से जूझता श्रीलंका

आर्थिक मोर्चे पर कंगाली झेल रहे श्रीलंका में इस वक्त ऊर्जा का संकट भी गहरा गया है। देश में 12 घंटे से अधिक का पावर कट करना पड़ रहा है। इस ऊर्जा संकट का सबसे बड़ा कारण श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो जाना है। मुद्रा भंडार खाली होने के कारण श्रीलंका दूसरे देशों से इंधन नहीं खरीद पा रहा है जिसके कारण देश में ऊर्जा संकट गहरा गया है।

श्रीलंका में जबर्दस्त आर्थिक हाहाकार मचा हुआ है। जिंसों की भारी किल्लत और उसके चलते हुई भीषण महंगाई से लोगों की जिंदगी दुश्वार हो गई है। सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने सार्वजनिक आपातकाल का एलान कर दिया है। आपातकालीन नियमों के तहत राष्ट्रपति किसी भी संपत्ति पर कब्जा करने और किसी भी परिसर की तलाशी लेने के लिए हिरासत को अधिकृत कर सकता है। वह किसी भी कानून को बदल या निलंबित भी कर सकते हैं।

राष्ट्रपति के आदेश में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति, सार्वजनिक सुरक्षा व कानून-व्यवस्था के मद्देनजर और समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के रखरखाव को ध्यान में रखते हुए आपातकाल लगाया गया है। इससे पहले गुरुवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के बाहर कई प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे और जमकर प्रदर्शन किया था। सैकड़ों प्रदर्शनकारी कई घंटों तक पुलिस से भिड़ते रहे। इस हिंसक प्रदर्शन में पत्रकारों सहित कम से कम 50 लोग घायल हो गए थे।

हिंसक प्रदर्शन पर राष्‍ट्रपति राजपक्षे ने कहा, मेरा मानना है क‍ि यह श्रीलंका में सार्वजनिक आपातकाल की घटना थी। इसके लिए जरूरी हो गया था कि ऐसे सख्‍त कानूनों को लागू किया जाए जिनसे सुरक्षा बलों को संदिग्‍धों को अरेस्‍ट करने और उन्‍हें ह‍िरासत में लेने का व्‍यपाक अधिकार मिल जाएं।

उधर श्रीलंका के पश्चिमी प्रांत में छह घंटे के लिए पुलिस कर्फ्यू लगा दिया है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिमी प्रांत में पुलिस कर्फ्यू 2 अप्रैलकी मध्यरात्रि से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाले इस द्वीपीय देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी ने राजपक्षे की सरकार को ईंधन सहित आवश्यक आयात के लिए भुगतान करने में असमर्थ बना दिया है। देश में बिजली, तेल, अनाज, रोजमर्रा की चीजें - सबकी किल्लत है। बिजली बचाने के लिए स्ट्रीट लाइट्स बन्द कर दी गई हैं और रोजाना 13 घण्टे की कटौती की जा रही है।

श्रीलंका के आर्थिक संकट के लिए देश की सरकारों द्वारा निर्यात में विविधता न लाने और चाय, वस्त्र और पर्यटन जैसे पारंपरिक नकदी स्रोतों पर निर्भर रहने और आयातित वस्तुओं के उपभोग की संस्कृति पर निर्भर रहना जिम्मेदार है। कोरोना महामारी ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को भारी झटका दिया है। सरकार ने पिछले दो वर्षों में 14 बिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान लगाया है। श्रीलंका पर भारी विदेशी कर्ज है। अकेले इस वर्ष के लिए इसकी विदेशी ऋण चुकौती दायित्व लगभग 7 बिलियन डॉलर है। श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के मुताबिक फरवरी में महंगाई एक महीने पहले के 16.8 फीसदी से बढ़कर 17.5 फीसदी हो गई।

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