हिंदू पुजारी को बेरहमी से मारा था आतंकियों ने, अब मिली मौत की सजा
बांग्लादेश में आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन-बांग्लादेश से जुड़े रहे 4 लोगों को एक हिंदू पुजारी की हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है।
बांग्लादेश में प्रतिबंधित इस्लामिस्ट आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन-बांग्लादेश से जुड़े रहे 4 लोगों को एक हिंदू पुजारी की हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। ये चारों हिंदू पुजारी जगनेश्वर रॉय की हत्या के मामले में दोषी पाए गए हैं।
राजशाही के फास्ट ट्रैक ट्रिब्यूनल एक जज अनूप कुमार ने इन चारों के जुर्म को रेयर ओर रेयरेस्ट करार देते हुए इन्हें फंसी कि सजा सुनाई। जानकारी के मुताबिक फैसले के वक़्त कोर्ट में तीन दोषी- जहांगीर हुसैन उर्फ़ रजीब, आलमगीर हुसैन और रमजान अली मौजूद रहे। चौथा आरोपी रजीबुल इस्लाम इस सुनवाई में शामिल नहीं हुआ।
क्या है मामला?
ग्यात है कि 21 फरवरी 2016 को कुछ हथियारबंद लोगों ने हिंदू पुजारी जगनेश्वर रॉय की गला काटकर निर्ममता से हत्या कर दी थी। उनकी धारधार हथियारों से पिटाई भी की गई थी। इस दौरान उनके शिष्य गोपाल चंद्र रॉय को भी गोली लगी थी।
जानकारी के मुताबिक आरोपी बाइक पर सवार हो कर आए थे।
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घटना में पहले मंदिर पर पत्थर फेंके गए। इसके बाद जैसे ही पुजारी जनेश्वर राय बाहर निकले उनकी हत्या कर दी गई थी। पंचागढ़ पुलिस प्रमुख गियासुद्दीन अहमद ने घटनास्थल पर बताया था कि वहां से फरार होने से पहले हत्यारों ने पकड़े जाने से बचने के लिए गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके।
इससे पहले भी होते रहे हैं हिंदुओं पर हमले
2016 से चल रहे इस मामले पर अब फैसला आया है। बीते सालों में बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हमला हो रहे हैं। इससे घटना से पहले भी हिंदु पुजारियों पर हमला हुए थे।
गौरतलब है कि इससे पहले सितंबर 2016 में ढाका में अज्ञात हमलावरों ने इतालवी सहायक कर्मी सीजर तावेला की हत्या कर दी थी और पांच दिन बाद जापानी किसान कुनीयो होशी की हत्या कर दी गई थी।
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उस समय आईएसआईएस ने दोनों हत्याओं की जिम्मेदारी ली थी।