जानलेवा ये 12 वायरस: कोरोना भी ज़्यादा खतरनाक, मचाया है हाहाकार

इस सृष्टि के निर्माण के साथ ही वायरस भी इस दुनिया में तब से मौजूद हैं। हो सकता है कि इंसानों की उत्पत्ति से भी दुनिया में वायरस का अस्तित्व रहा हो।

Update:2020-04-06 13:23 IST
जानलेवा ये 12 वायरस: कोरोना भी ज़्यादा खतरनाक, मचाया है हाहाकार

नई दिल्ली : इस सृष्टि के निर्माण के साथ ही वायरस भी इस दुनिया में तब से मौजूद हैं। हो सकता है कि इंसानों की उत्पत्ति से भी दुनिया में वायरस का अस्तित्व रहा हो। साइंटिफिक अमेरिकन मैगजीन के मुताबिक, धरती पर वैज्ञानिकों ने लगभग 6 लाख ऐसे वायरस खोजे हैं जो जानवरों से इंसानों में प्रवेश कर सकते हैं। इंसान लगातार इन वायरसों के हमलों से जूझता आया है। लेकिन इन अपारदर्शी दुश्मनों के आगे इंसानों को हमेशा झुकना पड़ा है आइए हम आपको बताते हैं कि जबसे धरती पर इंसानों की उत्पत्ति हुई है तब से किन खतरनाक वायरसों ने हमला किया है-

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मारबर्ग वायरस

इस वायरस को सन् 1967 में खोजा गया था। यह वायरस बंदरों से इंसानों में आया था। इसकी वजह से इंसानों में तेज बुखार आता है। शरीर के अंदर अंगों से खून बाहर निकलने लगता है। इससे शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। जिससे की इंसान मर जाता है।

इबोला वायरस

इस वायरस के बारे में सबसे पहले 1976 में तब पता चला जब कॉन्गो और सूडान में कुछ लोग इससे मारे गए। यह वायरस भी जानवरों से इंसानों में आया था। सन् 2014 में अफ्रीका में यह बहुत भयावह स्तर पर फैला था। यह आज भी लोगों पर हमला करता रहता है।

रैबीस वायरस

ये वायरस पालतू जानवरों से होता है। सामान्य तौर पर कुत्तों के काटने से होता है। इसके बारे में 1920 में पता चला था। विकसित देशों में तो अब इसके मामले सामने नहीं आते हैं लेकिन भारत और अफ्रीका के देशों में यह वायरस अक्सर लोगों की जान ले लेता है।

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एचआईवी

ये दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस है। इसके संक्रमण के बाद आज तक कोई बच नहीं सका। इसकी वजह से बीमार हुए लोगों में से 95 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है। पूरी दुनिया में 1980 से लेकर अब तक 3.20 करोड़ लोग एचआईवी की वजह से मारे जा चुके हैं। मानव इतिहास में इससे ज्यादा जाने किसी वायरस ने नहीं ली हैं।

स्मॉलपॉक्स

ये एक ऐसी बीमारी है जो हजारों सालों से इंसानों को परेशान कर रही है। सन् 1980 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे खत्म करने की मुहिम चलाई। लेकिन आज भी अगर यह 3 लोगों को संक्रमित करता है तो उसमें से एक की मौत पक्की है। 20वी सदी में स्मॉलपॉक्स की वजह से 30 करोड़ लोगों की जान गई।

हंतावायरस

हंतावायरस दुनिया का ध्यान सबसे पहले तब गया जब 1993 में अमेरिका में एक युवक और उसकी मंगेतर संक्रमित होने के कुछ ही दिनों के अंदर मर गए। कुछ ही महीनों में अमेरिका के 600 लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए। ये बीमारी चूहे से फैलती है।

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इंफ्लूएंजा

इस वायरस की वजह से दुनिया में हर साल करीब 5 लाख लोग मारे जाते हैं। लेकिन कभी-कभी इंफ्लूएंजा का कोई नया वायरस आता है जो महामारी बन जाता है। जैसे 1918 का स्पैनिश फ्लू। इसकी वजह से दुनिया की 40 फीसदी आबादी बीमार हो गई थी। करीब 5 करोड़ लोग मारे गए थे। अगर इंफ्लूएंजा का कोई नया वायरस आता है तो यह ज्यादा तबाही मचा देगा।

डेंगू

ये एक ऐसी बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है। इसके बारे में 1950 में पहली तब पता चला जब फिलीपींस और थाईलैंड में यह फैला। यह आगे बढ़कर इबोला हेमोरेजिक फीवर में बदल सकता है। अगर सही समय पर सही इलाज न मिले तो मौत भी हो जाती हैं।

रोटावायरस

ये वायरस बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक और घातक है। इसकी वजह से बच्चों को डायरिया और निमोनिया हो जाता है। यह वायरस शरीर में अंदर मुंह से या गुदा द्वार से अंदर चला जाता है। विकसित देशों में तो नहीं लेकिन विकासशील देशों में इस वायरस की वजह से हजारों बच्चे मारे जाते हैं। WHO की माने तो इसकी वजह से हर साल करीब 4 लाख बच्चे मारे जाते हैं। बाजार में इसकी दो वैक्सीन हैं।

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सार्स

ये वायरस सन् 2003-03 में चीन के गुआंगडांग प्रांत से सामने आया। यह वायरस चमगादड़ों से इंसानों में आया है। सार्स की वजह से 26 देशों के 8000 लोग दो साल में बीमार हुए थे। इनमें से 770 लोगों की मौत हुई थी। यह कोरोना वायरस का पूर्वज है। इसकी वजह से कुल बीमार लोगों में 9.6 फीसदी लोग मारे जाते हैं।

मर्स

ये वायरस सबसे पहले सऊदी अरब में 2012 में फैला। इसके बाद 2015 में दक्षिण कोरिया में फैला था। यह भी सार्स और कोरोना वायरस कोविड-19 के परिवार का ही वायरस है। यह ऊंट के जरिए इंसानों में आया था। इसके लक्षण भी कोरोना वायरस जैसे ही होते हैं। इससे निमोनिया हो जाता है।

कोरोना वायरस

कोविड-19 के बारे में पिछले साल दिसंबर में पता चला। यह चीन के वुहान शहर से पूरी दुनिया में फैला। इसकी वजह से कुल बीमार लोगों में से अब तक 3 फीसदी लोग मारे जा चुके हैं। आज पूरे विश्व के लोग इस वायरस से उभरने के प्रयास में लगे हुए हैं।

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