चीनी सेना ने किया ये सबसे खतरनाक काम, दुनिया में मच गया हड़कंप

दुनिया की सबसे बड़ी हैकिंग 2017 में की गई थी। इस हैकिंग से लाखों लोगों की निजता का हनन हुआ। सबसे बड़ी संख्या में कंज्यूमर डेटा हैक करने के लिए अमेरिका ने चीनी सेना के चार लोगों को आरोपी बनाया है।

Update: 2020-02-12 06:20 GMT

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी हैकिंग 2017 में की गई थी। इस हैकिंग से लाखों लोगों की निजता का हनन हुआ। सबसे बड़ी संख्या में कंज्यूमर डेटा हैक करने के लिए अमेरिका ने चीनी सेना के चार लोगों को आरोपी बनाया है। इन चारों पर इक्विफैक्स क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी और करोड़ों अमेरिकियों के निजी डेटा को चुराने का आरोप लगा है।

2017 में यह हैकिंग हुई थी और इस हैकिंग से लगभग साढ़े 14 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे। हैकर्स ने नाम, पता, सोशल सिक्यॉरिटी (लॉगइन और पासवर्ड) और ड्राइवर के लाइसेंस नंबर व कंपनी के डेटा बेस में सेव दूसरी निजी जानकारियां चुरा ली थीं।

चीनी सेना की एक विंग पीपल्स लिबरेशन आर्मी के चार सदस्यों पर कंपनी के ट्रेड सीक्रेट्स जैसे डेटाबेस डिजाइन चुराने का भी आरोप है। विधि-प्रवर्तन अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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इन आरोपी हैकरों ने एक सॉफ्टवेयर कमी का फायदा उठाया था और इक्विफैक्स के कंप्यूटर में सेंध लगा ली थी। उन्होंने यूजर्स के लॉगइन और पासवर्ड हासिल कर लिए जिसका इस्तेमाल वे डेटाबेस को नेविगेट करने व रिकॉर्ड्स रिव्यू में करते थे। इसके अलावा हैकर्स ने यूजर्स के ट्रैक्स भी हासिल किए जिनमें हर दिन लॉग फाइल को डिलीट कर देना शामिल है।

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इसके अलावा करीब 20 देशों में दर्जनों सर्वरों के जरिए ट्रैफिक रूटिंग भी इसमें शामिल था। सोमवार को अमेरिकी अटॉर्नी जनरल विलियम बार ने कहा कि इतने बड़े स्तर पर चोरी की यह घटना चौंका देने वाली थी। इससे इक्विफैक्स को ना सिर्फ वित्तीय नुकसान हुआ, बल्कि लाखों अमेरिकियों की निजता का भी हनन हुआ।

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आरोपी हैकर्स चीन से हैं और कोई भी अभी हिरासत में नहीं हैं। चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई भी बयान नहीं दिया है और सोमवार को कोई प्रतिक्रिया आ सकती है।

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