इन दो देशों में भयानक युद्ध: अब तक हजारों लोगों की मौत, लाखों लोग हुए बेघर

आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच जंग में अब तक 30 हजार लोगों की मौत हो गई है। इस बार दोनों के बीच भयानक युद्ध छिड़ा हुआ है। 1990 के दशक में नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में संघर्ष तेज हो गया। दोनों देशों के बीच हुए टकरावों में कई खूनी संघर्ष भी हुआ है।

Update: 2020-10-27 14:59 GMT
आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच जंग में अब तक 30 हजार लोगों की मौत हो गई है। 10 लाख लोग बेघर हो गए हैं। इस बार दोनों के बीच भयानक युद्ध छिड़ा हुआ है।

लखनऊ: दुनिया के दो देशों में इस समय भयानक युद्ध छिड़ा हुआ है। यह देश आर्मीनिया और अजरबैजान हैं। इस दोनों देशों के बीच करीब 30 साल से लगातार संघर्ष जारी है। लेकिन इस बार दोनों देशों के बीच भयानक युद्ध छिड़ा हुआ है। दोनों देशों के बीच कई बार संघर्ष विराम का ऐलान हुआ, लेकिन इसके बाद भी नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में युद्ध जारी है।

इस युद्ध में अब तक 30 हजार लोगों की मौत हो गई है। इस बार दोनों के बीच भयानक युद्ध छिड़ा हुआ है। 1990 के दशक में नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में संघर्ष तेज हो गया। दोनों देशों के बीच हुए टकरावों में कई खूनी संघर्ष भी हुआ है। जो इस बार भी हो रहा है। नागोर्नो-काराबाख सोवियत संघ के अस्तित्व के दौरान अजरबैजान के भीतर ही एक स्वायत्त क्षेत्र बन गया।

आर्मीनिया और अज़रबैजान में रहते हैं अर्मीनिया के लोग

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह स्वायत्त क्षेत्र पर अजरबैजान का कब्जा है, लेकिन यहां रहने वाले ज्यादातर लोग आर्मीनिया के हैं। इस आर्मीनियाई आबादी ने नागोर्नो-काराबाख के आर्मीनिया से एकीकरण के लिए आंदोलन शुरू किया। इसे बाद अजरबैजान में भी लोगों भड़क उठे। इसके कारण दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। आर्मीनिया और काराबाख से अजेरी लोगों को बाहर किया जाने लगा।

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इस नरसंहार में हुई थी बड़ी संख्या में हत्या

इसके बाद 1988 में अजरबैजान के शहर सुमगईट में बड़ी संख्या आर्मीनियाई लोगों की हत्या कर दी गई। इसे सुमगईट नरसंहार के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद मामले को शांत करने के लिए सोवियंत संघ की सरकार को बल प्रयोग करना पड़ा। काराबाख में इस आंदोलन का नेतृ्त्व करने वालों की गिरफ्तारी के बाद आर्मीनिया और अजरबैजान में लोगों का उनके लिए समर्थन और बढ़ गया। इसके बाद ही दोनों के बीच दुश्मनी भी बढ़ती रही है।

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1990 के दशक में जंग हुई तेज

जनवरी 1990 में अजरबैजान की राजधानी बाकू में एक बार नरसंहार की घटना घटी। इस बार सैकड़ों आर्मीनियाई की हत्या कर दी है। इसमें बड़ी संख्या आर्मीनियाई घायल और लापता हो गए। 1991 में सोवियत संघ के विघटन हो गया। इसके बाद काराबाख के संघर्ष ने एक नया रूप ले लिया। अब दोनो देशों के पास हथियार भी थे। 1992-1993 के बीच भयानक युद्ध हुआ। इसमें दोनों देशों को बहुत नुकसान हुआ। कहा जाता है कि इस हिंसक टकराव में दोनों तरफ के क़रीब 30 हज़ार लोगों की मौत हुई है, तो वहीं 10 लाख से ज्यादा बेघर हो गए हैं। शरणार्थी बनकर जीवन जी रहे हैं।

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