US-ईरान में युद्ध! दुनिया में खलबली, रूस-चीन समेत इन देशों ने उठाया ये बड़ा कदम
अमेरिकी हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद पूरे मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। ईरान ने बदले की कार्रवाई की है और दो अमेरिकी ठिकानों पर रॉकेट से हमला किया है। तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि ईरान में 52 ठिकाने उनके निशाने पर हैं जिन्हें वे बर्बाद कर सकते हैं।
नई दिल्ली: अमेरिकी हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद पूरे मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। ईरान ने बदले की कार्रवाई की है और दो अमेरिकी ठिकानों पर रॉकेट से हमला किया है। तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि ईरान में 52 ठिकाने उनके निशाने पर हैं जिन्हें वे बर्बाद कर सकते हैं।
दोनों देशों में जंग के खतरे के बीच यूरोपीय संघ(ईयू) ने अमन और शांति बहाली की अपील की है। ईयू के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने तनाव घटाने पर जोर देते हुए दोनों देशों से शांति की अपील की।
जोसेफ बॉरेल ने ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ से ब्रसेल्स में मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि ताजा घटनाक्रम पर ईरानी विदेश मंत्री जे. जरीफ से बात की है। आगे मामला गंभीर न हो, इसलिए बातचीत में तनाव घटाने पर जोर दिया। अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी समेत 7 की मौत हो गई।
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ट्रंप ने दावा किया है सुलेमानी अमेरिकी राजदूतों और बगदाद में तैनात 5200 अमेरिकी फौज पर हमले कराने की फिराक में थे। बॉरेल ने यह भी कहा कि जरीफ से परमाणु संधि को बनाए रखने की अपील की गई है जो ईरान और यूएन सुरक्षा परिषद के देशों के बीच हुई है। सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस, अमेरिका और जर्मनी जैसे देश हैं। इस संधि को जेसीपीओए के नाम से भी जाना जाता है।
इसमें तेहरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिए प्रतिबंधों से राहत देने की पेशकश की गई है। 2015 में इसे आगे बढ़ाया गया था लेकिन 2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने इसे खत्म कर दिया। ट्रंप ने इस संधि को रोकने के बाद ईरान पर और भी कई प्रतिबंध लगा दिए।
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तो वहीं चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने अमेरिका को सैन्य शक्ति के गलत इस्तेमाल पर नियंत्रण रखने की सलाह दी है। वांग यी ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'सैन्य दुस्साहस' किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकता।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने अलग-अलग तौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप अर्दोगन के साथ फोन पर मध्य-पूर्व क्षेत्र में उत्पन्न स्थिति पर बात की। तीनों नेताओं ने मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताई और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की।
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ब्रिटेन के विदेश दूत डोमिनिक राब ने अपील करते हुए कहा कि सुलेमानी की मौत के बाद पनपी स्थिति को संभालने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संघर्ष हमारे हित के अनुरूप नहीं है।
सीरिया के विदेश मंत्रालय ने वक्तव्य जारी कर इराक और ईरान से संवेदना जताई और अमेरिका की निंदा की। वक्तव्य में कहा गया है कि इराक की अस्थिरता का कारण अमेरिका है। इसके साथ साथ कतर और लेबनान के विदेश मंत्रालय ने भी वक्तव्य जारी कर विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की, ताकि मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति न बिगड़े।