Amit Shah Bengal Visit: बंगाल भाजपा को अमित शाह से उम्मीदें, पार्टी के सामने है कड़ी चुनौती

Amit Shah Bengal Visit: पिछले साल राज्य के चुनावों के बाद ये अमित शाह ली पहली यात्रा है। इस बार उनके सामने राज्य इकाई को फिर से जीवंत करने की चुनौती है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Monika
Update:2022-05-03 12:07 IST

गृह मंत्री अमित शाह (Social media)

Amit Shah Bengal Visit:  पश्चिम बंगाल में 70 विधायक होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) को राज्य में अपनी जगह बनाने के लिए टीएमसी के साथ साथ कम्युनिस्ट पार्टी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। अब बंगाल (Bengal) में भाजपा को पुनर्स्थापित करने का दारोमदार अमित शाह (Amit Shah) पर आ पड़ा है। अमित शाह बुधवार को राज्य की अपनी तीन दिवसीय यात्रा शुरू कर रहे हैं। पिछले साल राज्य के चुनावों के बाद ये उनकी पहली यात्रा है। इस बार उनके सामने राज्य इकाई को फिर से जीवंत करने की चुनौती है।

संगठनात्मक एकजुटता की कमी भाजपा के हालिया चुनावी प्रदर्शन में दिखाई पड़ी है। हाल ही में आसनसोल लोकसभा उपचुनाव और बालीगंज विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। बालीगंज में भाजपा वाम मोर्चे से तीसरे स्थान पर रही। इससे पहले इसी साल भाजपा राज्य की 108 नगरपालिकाओं में से किसी को भी जीतने में विफल रही, जबकि माकपा ने नदिया जिले में ताहेरपुर नगर निकाय हासिल किया और नई शुरूआत की। उधर हमरो पार्टी ने दार्जिलिंग जीता। इन नगर पालिकाओं के 2,171 वार्डों में से भाजपा ने केवल 63 पर जीत हासिल की, जबकि टीएमसी ने 1,870 वार्ड जीते। भगवा पार्टी का वोट शेयर वाम दलों के 14 फीसदी से पीछे, 13 फीसदी रहा। पिछले साल विपक्षी दल को भी कई उपचुनावों में झटका लगा था और पार्टी कोलकाता नगर निगम का चुनाव हार गई थी।

2019 के लोकसभा चुनावों में पहले से ही पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी दल के रूप में खुद को स्थापित करने के बाद, भाजपा को उम्मीद थी कि वह तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर देगी लेकिन टीएमसी एक शानदार जनादेश के साथ सत्ता में लौट आई और राज्य में भाजपा की प्रगति रुक गई। गुटीय झगड़े खुले में फैल गए, कई नेता टीएमसी में चले गए, और भाजपा उपचुनावों और स्थानीय निकाय चुनावों में लगातार हार गई।

बीएसएफ के कार्यक्रम में शामिल होने हिंगलगंज जायेंगे अमित शाह 

चार मई की शाम को कोलकाता पहुंचने के बाद अमित शाह अगले दिन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्तर 24 परगना जिले के हिंगलगंज जाएंगे। इसके बाद वह रेलवे इंस्टीट्यूट ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करने के लिए उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी जाएंगे। उनके दार्जिलिंग में विभिन्न राजनीतिक और गैर-राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने की भी संभावना है। 6 मई को गृह मंत्री कूचबिहार के तिनबीघा में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होंगे। वह उसी दोपहर कोलकाता लौटेंगे और दिल्ली लौटने से पहले राज्य भाजपा नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे। बताया जाता है कि अमित शाह पश्चिम बंगाल में रणनीतियों पर चर्चा करेंगे और कैडर को बहुप्रतीक्षित नैतिक समर्थन देंगे। गृह मंत्री के राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा करने की उम्मीद है।

अमित शाह के कार्यों में प्रमुख होगा पार्टी के कैडर में विश्वास जगाना, जो पिछले साल चुनाव के बाद की हिंसा के बाद से बैकफुट पर है। इसके अलावा राज्य इकाई में आंतरिक लड़ाई को समाप्त करना है। इस बीच टीएमसी ने कहा है कि "भाजपा पुराने और नए लोगों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। शाह के दौरे का कोई असर नहीं होगा।

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