कोलकाता में पुलिस ने ओवैसी की पहली रैली को नहीं दी अनुमति, आज का कार्यक्रम रद्द
टीएमसी ने एआईएमआईएम पर निशाना साधते हुए मुसलमानों के वोट बांटने का आरोप लगाया है। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, 'एआईएमआईएम द्वारा आयोजित रैली को अनुमति न मिलने में हमारी कोई भूमिका नहीं है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव की तारीखों का अभी ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सभी दल अनुमान के हिसाब से चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
बीजेपी और टीएमसी के नेताओं जगह-जगह रैलियां कर रहे हैं और एक दूसरे की पार्टी पर जोरदार हमला बोल रहे हैं।इन दोनों बड़े दलों के खिलाफ इस बार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)
भी मैदान में उतर चुकी हैं।
इसी कड़ी में एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी गुरुवार को चुनावी बिगुल फूंकते हुए कोलकाता में अपनी पहली रैली करने वाले थे।
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एआईएमआईएम के नेता जमीरुल हसन ने की रैली रद्द होने की पुष्टि
लेकिन कोलकाता पुलिस ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जिसके बाद यह रैली रद्द हो गई है। इसकी जानकारी पार्टी के नेता जमीरुल हसन ने दी।
एआईएमआईएम के नेता जमीरुल हसन के मुताबिक पार्टी ने रैली के लिए 10 दिन पहले आवेदन किया था और आज हमें पुलिस द्वारा सूचित किया गया कि वे हमें रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं देंगे।
हम सत्तारूढ़ तृणमूल की ऐसी रणनीति के कारण पीछे नहीं हट सकते। हम चर्चा करेंगे और जल्द ही एक नई तारीख की घोषणा करेंगे।'
बता दें कि ओवैसी आज कोलकाता के मुस्लिम बहुल मटियाब्रुज इलाके में रैली करने वाले थे। यह इलाका टीएमसी सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के संसदीय क्षेत्र में आता है।
हालांकि पुलिस ने इस बारें में कोई टिप्पणी नहीं की है और टीएमसी नेताओं ने इसमें अपना हाथ होने से इनकार किया है।
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टीएमसी ने इस पूरे मामले में दी सफाई
वहीं अब इस मुद्दे पर सियासत भी गरमाने लगी है। टीएमसी ने एआईएमआईएम पर निशाना साधते हुए मुसलमानों के वोट बांटने का आरोप लगाया है।
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, 'एआईएमआईएम द्वारा आयोजित रैली को अनुमति न मिलने में हमारी कोई भूमिका नहीं है, जो कि बंगाल में भाजपा की परोक्ष प्रतिनिधि के अलावा और कुछ नहीं है।
यहां के मुसलमान ज्यादातर बंगाली भाषी हैं और वे उनका समर्थन नहीं करेंगे। वे दृढ़ता से ममता बनर्जी के साथ खड़े रहेंगे।'
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