एग्जिट पोल: एक बार फिर ममता की सरकार, भाजपा को फायदा

ममता बनर्जी राज्‍य की आधे से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने की ओर हैं।

Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-04-29 18:46 IST

ममता बनर्जी(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्‍ली। पश्चिम बंगाल के मतदाता लगातार तीसरी बार मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्‍व पर भरोसा करते दिखाई दे रहे हैं। एग्जिट पोल से साफ पता चल रहा है कि पश्चिम बंगाल में मतदाताओं ने दीदी की सरकार को हरी झंडी दे दी है।

ममता बनर्जी राज्‍य की आधे से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने की ओर हैं। उनकी पार्टी टीएमसी को 157 से 185 सीट पर जीत मिलने के संकेत हैं जबकि भाजपा ने राज्‍य की राजनीति में दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। भाजपा को प्रदेश की 96 से 125 सीटों पर जीत मिलने के आसार हैं।

न्‍यूज ट्रैक एग्जिट पोल के अनुसार टीएमसी को 170 से 16 अधिक या कम सीट मिल सकती है जबकि भाजपा को 110 सीट में 14 सीटों की कमी या बढ़त मिल सकती है। सबसे खराब हालत संयुक्‍त मोर्चा का है उसका ग्राफ दस सीटों के आस-पास ठहर गया है। इसमें चार सीटें कम या ज्‍यादा हो सकती हैं।

दीदी का जादू बरकरार

पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए आठवें चरण का मतदान 29 अप्रैल को पूरा हो गया है। अब दो मई को चुनाव परिणाम आएंगे। सभी की नजरें हालांकि अंतिम परिणाम पर टिकी हैं लेकिन इस बीच एग्जिट पोल से पता चल रहा है कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में ममता बनर्जी यानी दीदी का जादू बरकरार है।

राज्‍य विधानसभा चुनाव सरगर्मी के दौरान भी न्‍यूज ट्रैक ने जो चुनाव सर्वे प्रकाशित किया था अब एग्जिट पोल के नतीजे भी उसकी पुष्टि कर रहे हैं। एग्जिट पोल के अनुसार प्रदेश की 292 सीटों पर हुए चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को मतदाताओं ने भरपूर समर्थन दिया है।

टीएमसी के कई दिग्‍गज नेताओं को तोड़ने का फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है लेकिन यह इतना अधिक नहीं है कि उसे सरकार बनाने का मौका दे दे। प्रदेश में टीएमसी अब भी नंबर वन है लेकिन वामपंथी दलों और कांग्रेस के संयुक्‍त मोर्चे को पीछे छोड़कर भाजपा ने दूसरे नंबर पर कब्‍जा कर लिया है।

राज्‍य में भाजपा को अभूतपूर्व समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस व वामपंथ के संयुक्‍त मोर्चे को राज्‍य में अधिकतम 16 सीटों पर जीत मिलती दिखाई दे रही है। सबसे खास बात यह है कि भाजपा पूरे राज्‍य में नंबर दो की हैसियत में दिखाई दे रही है।

ऐसे हुआ है मतों का विभाजन

पश्चिम बंगाल के सेंट्रल बंगाल रीजन में टीएमसी पूरी मजबूती से डटी हुई है। यहां उसे 38 से 45 सीटों पर जीत मिलती दिखाई दे रही है। जबकि इस इलाके में बाबुल सुप्रियो के नेतृत्‍व में संघर्ष करने वाली भाजपा को 24 से 29 सीट और संयुक्‍त मोर्चा को चार से सात सीटों पर जीत मिलने के आसार हैं। यह इलाका कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी के प्रभाव वाला माना जाता है।

ग्रेटर कोलकाता रीजन

इस क्षेत्र में ममता बनर्जी का जादू मतदाताओं के सिर चढ़कर बोला है। यहां टीएमसी को 80 से 91 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है जबकि भाजपा को 17 से लेकर 26 सीट ही मिल सकती हैं। इस इलाके में संयुक्‍त मोर्चा बेहद कमजोर है। उसे अधिकतम तीन सीट ही मिलने की उम्‍मीद है।

जंगलमहल व मेदिनीपुर रीजन

जंगलमहल व मेदिनीपुर इलाके में टीएमसी पर भाजपा को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। यह ममता के बागी लेफ़टीनेंट सुवेंदु अधिकारी के प्रभाव वाला क्षेत्र है। ममता खुद नंदीग्राम इलाके में चुनाव लड़ने के लिए पहुंची लेकिन उनकी पार्टी को इस क्षेत्र में मतदाताओं का वैसा समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है जैसा दूसरे इलाको में हैं। यहां टीएमसी को कुल 18 से 24 सीट पर ही जीत मिल सकती है। संयुक्‍त मोर्चो की हालत यहां भी खराब है उसके एक से दो सीट पर ही जीत मिलने के आसार हैं।

नार्थ बंगाल व हिल रीजन

इस इलाके में भी टीएमसी पर भाजपा भारी पड़ती दिखाई दे रही है। भाजपा को यहां 26 से 32 सीट मिल सकती है जबकि टीएमसी को 18 से 25 सीट पर ही संतोष करना पड़ सकता है। संयुक्‍त मोर्चा यहां भी तीन से चार सीटों पर टक्‍कर देता दिखाई दिया है।  

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