बाबुल सुप्रियो के ऐलान से बुरी फंसी भाजपा, मनाने की कवायद तेज, आज फिर होगी नड्डा के साथ बैठक

Babul Supriyo Announcement : बाबुल सुप्रियो के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की बैठक को इसी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update: 2021-08-02 06:19 GMT

बाबुल सुप्रियो और नड्डा 

Babul Supriyo Announcement:  भारतीय जनता पार्टी (BJP) का शीर्ष नेतृत्व राजनीति से संन्यास की घोषणा करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद बाबुल सुप्रियो को मनाने की कवायद में जुट गया है। रविवार को बाबुल सुप्रियो के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP President) जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) की बैठक को इसी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। वैसे करीब एक घंटे तक चली इस बैठक के दौरान कोई अंतिम नतीजा नहीं निकल सका। जानकार सूत्रों का कहना है कि सोमवार शाम को सुप्रियो की नड्डा के साथ एक बार फिर बैठक होगी और इस बैठक के बाद ही वे अपने भविष्य को लेकर कोई आखिरी फैसला करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक सुप्रियो ने अपनी फेसबुक पोस्ट में राज्य नेतृत्व के साथ मतभेद की ओर इशारा किया है और इसका सियासी संदेश अच्छा नहीं गया है। इसके साथ ही भाजपा नेतृत्व पश्चिम बंगाल में लोकसभा उपचुनाव से भी बचना चाहता है। यही कारण है कि सुप्रियो से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया है। अब हर किसी की नजर सुप्रियो के आखिरी फैसले पर टिकी हुई है।

इसलिए किया राजनीति से संन्यास का ऐलान

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से भाजपा के सांसद बाबुल सुप्रियो ने दो दिन पहले राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था। वे पिछले कई दिनों से इस बाबत इशारा कर रहे थे। उन्होंने एक महीने के भीतर सांसद पद से भी इस्तीफा देकर सरकारी आवास छोड़ देने की भी घोषणा की है।


पिछले दिनों मोदी कैबिनेट में हुए फेरबदल के दौरान बाबुल सुप्रियो से भी मंत्री पद से इस्तीफा लिया गया था। बाबुल इस कदम के बाद से ही नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने मंत्री पद से हटाए जाने के तरीके को लेकर भी सवाल उठाए थे। जानकारों के मुताबिक सुप्रियो सांसद होने के बावजूद विधानसभा के चुनाव में उतारे जाने से भी नाराज थे। इसके साथ ही पार्टी के राज्य नेतृत्व के साथ भी उनके मतभेद थे जिसकी और उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में इशारा भी किया है।

नेतृत्व का फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध

सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान जरूर किया है मगर उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अध्यक्ष नड्डा की तारीफ भी की है और उनके प्रति आभार जताते हुए कहा है कि मैं इन दोनों नेताओं की ओर से मिले प्यार को कभी नहीं भुला सकता। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने के अपने फैसले की जानकारी शाह और नड्डा दोनों को दे दी थी। वैसे बाबुल के संन्यास लेने के तरीके से भाजपा नेतृत्व नाखुश बताया जा रहा है मगर दूसरी ओर ही उन्हें मनाने की कवायद भी की जा रही है।

रविवार को बाबुल सुप्रियो के साथ पार्टी अध्यक्ष नड्डा की करीब एक घंटे तक चली बैठक के दौरान उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया। भाजपा सूत्रों के मुताबिक सोमवार की शाम को भी नड्डा की सुप्रियो के साथ बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक के बाद सुप्रिगयो राजनीति से संन्यास लेने के अपने ऐलान के संबंध में आखिरी फैसला करेंगे।

राज्य भाजपा नेतृत्व के साथ था मतभेद

जानकार सूत्रों का कहना है कि सुप्रियो ने अपनी पोस्ट में राज्य भाजपा नेतृत्व के साथ अपने मतभेद की ओर इशारा किया था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ सुप्रियो की पटरी न बैठने की खबरें हैं। विधानसभा चुनाव के पहले से ही दोनों के बीच अनबन चल रही है और और बाद के दिनों में दोनों नेताओं के बीच मतभेद और गहरा गए। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि दोनों नेताओं के बीच मतभेद की खबरें बाहर आने का अच्छा सियासी संदेश नहीं गया है। इस कारण भी सुप्रियो को मनाने की कवायद की जा रही है।


सियासी मैदान में उतरने के बाद बाबुल ने भाजपा के टिकट पर 2014 में पहली बार आसनसोल से लोकसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। बाद में 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी बाबुल जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। दूसरी बार सांसद बनने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अपनी सरकार में काम करने के लिए चुना था।

मोदी कैबिनेट में हाल में हुए फेरबदल के दौरान बाबुल सुप्रियो से मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया था। बाद में उन्होंने मंत्री पद से हटाए जाने के तरीके पर सवाल भी उठाए थे। मंत्री पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने एक ट्वीट भी किया था जिसमें उनका कहना था कि वह अपने लिए दुखी हैं। शनिवार को किए गए फेसबुक पोस्ट में भी उन्होंने इस ओर इशारा किया है।

टीएमसी ने दिया बड़ा झटका

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में हार के बाद तृणमूल कांग्रेस की ओर से लगातार भाजपा को झटके दिए जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल रॉय ने भाजपा से इस्तीफा देकर तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। मुकुल रॉय के अलावा पश्चिम बंगाल में कई और भाजपा नेता और कार्यकर्ता टीएमसी में जा चुके हैं। अब बाबुल के सियासी भविष्य को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

जानकारों का तो यहां तक कहना है कि हाल के दिनों में बाबुल सुप्रियो की तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं से मुलाकात हुई है। हालांकि इस बात का खुलासा न तो बाबुल सुप्रियो ने किया है और न ही तृणमूल नेताओं की ओर से इस संबंध में कोई बात कही गई है। वैसे बाबुल सुप्रियो ने अपनी फेसबुक पोस्ट में बाद में संशोधन किया था और किसी दूसरे सियासी दल में न जाने की बात को हटा दिया था।


लोकसभा उपचुनाव से बचना चाहती है भाजपा

मौजूदा समय में बाबुल सुप्रियो आसनसोल लोकसभा सीट से सांसद हैं और उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान के साथ ही लोकसभा से भी इस्तीफा देने की बात कही है। ऐसे में उनकी सीट भाजपा को उपचुनाव का सामना करना पड़ेगा। यदि इस उपचुनाव में भाजपा को तृणमूल के हाथों पराजय मिलती है तो इसका भी भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल पर बुरा असर पड़ सकता है।

माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व अभी लोकसभा उपचुनाव में जाने से बचना चाहता है और इस कारण भी बाबुल सुप्रियो को मनाने की कवायद की जा रही है। अब हर किसी की नजर बाबुल सुप्रियो के फैसले पर टिकी है और देखने वाली बात यह होगी कि सोमवार की शाम को होने वाली बैठक में भाजपा नेतृत्व बाबुल सुप्रियो को मनाने में कामयाब हो पाता है या नहीं।

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