महिला अधिकारी से सीएम ममता के मंत्री बोले-अपना व्यवहार सुधारें, वरना मैं आपको डंडे से पीटूंगा
West Bengal News: मंत्री अखिल गिरी ने महिला वन अधिकारी मनीषा शौ को धमका दिया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। यह घटना ताजपुर, पूर्वी मिदनापुर में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई।
West Bengal News: पश्चिम बंगाल के जेल मंत्री अखिल गिरि ने शनिवार को एक महिला वन अधिकारी को धमका दिया, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद वह विवादों में आ गए। वहीं अपने बयान से वे सियासी पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं। महिला अधिकारी पूर्वी मिदनापुर जिले के ताजपुर में अतिक्रमण हटाने के लिए काम कर रही टीम का नेतृत्व कर रही थीं। गिरि ने जिस महिला अधिकारी मनीषा शॉ को निशाना बनाया, उन्होंने बाद में कहा कि हम वन भूमि को मुक्त कराने गए थे, जिस पर हमारी बार-बार चेतावनी के बाद भी जबरन अतिक्रमण किया गया था। ऑपरेशन के दौरान मंत्री अखिल गिरि मौके पर पहुंचे और वन विभाग की टीम से बहस करने लगे। उन्हें महिला वन अधिकारी से यह कहते हुए देखा गया कि आप एक सरकारी कर्मचारी हैं। बोलते समय अपना सिर (मेरे सामने) झुकाएं। देखें कि एक हफ्ते में आपके साथ क्या होता है? ये गुंडे... सुनिश्चित करेंगे कि आप रात को घर न जा पाएं। अपना व्यवहार सुधारें, वरना मैं आपको डंडे से पीटूंगा।
होने लगी जेल मंत्री की आलोचना
वीडियो वायरल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस समेत सभी दलों ने जेल मंत्री अखिल गिरि की जमकर आलोचना की। विपक्षी बीजेपी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि पश्चिम बंगाल के मंत्री अखिल गिरि ने एक महिला वन अधिकारी को इसलिए धमकाया क्योंकि वह वन क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए अपना कर्तव्य निभा रही थी। क्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंत्री को बाहर निकालकर सलाखों के पीछे डालने की हिम्मत करेंगी? क्या उनके खिलाफ सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप दर्ज किए जाएंगे? देखते हैं कि इस गुंडे को अप्रत्यक्ष रूप से जान से मारने और एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने की धमकी देने के लिए जेल में डाला जाता है या नहीं।
टीएमसी ने किया बचाव
सीपीआई(एम) नेता शतरूप घोष ने कहा कि टीएमसी के आधे से अधिक मंत्री माफिया और असामाजिक हैं। इसलिए हम उनसे बेहतर व्यवहार की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। वहीं गिरि की निंदा करते हुए टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि इस तरह की बॉडी लैंग्वेज और भाषा स्वीकार्य नहीं है। पार्टी ऐसी भाषा को मंजूरी नहीं दे रही है। हम ऐसी भाषा की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर यह भी लिखा कि मैं अखिल गिरि की टिप्पणियों और व्यवहार का विरोध करता हूं। यह अवांछनीय है। अगर उन्हें वन विभाग के बारे में कुछ कहना था, तो मंत्री बीरबाहा हंसदा (वन मंत्री) से कह सकते थे। इसके बजाय महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।
मंत्री जी पहले भी दे चुके हैं बेतूका बयान
टीएमसी नेता ने कहा कि इस मामले में सीपीएम, बीजेपी को बात करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने बार-बार इससे भी बदतर काम किए हैं। यह पहली बार नहीं है जब गिरि किसी विवाद में फंसे हैं। 2022 में उन्होंने कथित तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति पर अभद्र टिप्पणी की थी। उनके इस बयान से काफी हंगामा हुआ था और आदिवासी संगठन विरोध में सड़कों पर उतर आए थे। उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवाद को खत्म करने के लिए गिरि से माफी मंगवाई थी। फिर से इस साल के लोकसभा चुनाव के दौरान राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर गिरि की टिप्पणी ने विवाद को जन्म दिया।