Bengal Politics: TMC ने की भाजपा में बड़ी टूट की तैयारी, मुकुल रॉय ने साधा विधायकों से संपर्क
Bengal Politics: भाजपा से टीएमसी में वापसी करने वाले कद्दावर नेता मुकुल रॉय भाजपा विधायकों से बातचीत कर रहे हैं। मुकुल रॉय ने खुद स्वीकार किया कि कई भाजपा विधायक उनके संपर्क में हैं।
Bengal Politics: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव (West Bengal Vidhan Sabha Election) में भाजपा को हराने के बाद अब तृणमूल कांग्रेस भाजपा (TMC-BJP) में बड़ी टूट (BJP Me Tut) कराने की मुहिम में जुट गई है। भाजपा से टीएमसी में वापसी करने वाले कद्दावर नेता मुकुल रॉय (Mukul Roy) इस संबंध में भाजपा विधायकों (BJP Vidhayak) से बातचीत कर रहे हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान मुकुल रॉय ने खुद स्वीकार किया कि कई भाजपा विधायक उनके संपर्क में हैं और उनसे पार्टी छोड़ने के संबंध में बातचीत चल रही है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) ने पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की थी। वे भाजपा विधायकों को साथ लेकर राज्यपाल के साथ बैठक करने के लिए पहुंचे थे मगर करीब दो दर्जन भाजपा विधायक इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे। इसके बाद भाजपा में टूट की आशंकाओं को और बल मिला है।
जल्द दिखेगा बातचीत का नतीजा
मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी के बाद से ही भाजपा से कई और नेताओं के टीएमसी में शामिल होने की सियासी चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। मुकुल रॉय ने भी मीडिया से बातचीत में यह बात स्वीकार की है कि वे कई भाजपा विधायकों से पाला बदल के संबंध में बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस बातचीत का नतीजा दिखेगा।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी के कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। अब टीएमसी के बड़ी जीत के बाद इन नेताओं को पांच साल का सियासी वनवास काटना काफी भारी लग रहा है। ऐसे नेताओं ने अब टीएमसी नेतृत्व से पार्टी में वापस लेने की गुहार लगाई है।
25-30 विधायकों के दावे से हड़कंप
मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय का कहना है कि 25-30 विधायक पार्टी से इस्तीफा देकर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। उन्होंने यह कहकर भी सनसनी फैला दी कि दो भाजपा सांसदों ने भी तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जताई है। शुभ्रांशु ने कहा कि उनके बीजापुर से चुनाव लड़ने के दौरान उनके पिता काफी तनाव में थे और उनसे चुनाव जीतने के संबंध में सवाल पूछा करते थे। इस बार के विधानसभा चुनावों में मुकुल रॉय तो चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं मगर शुभ्रांशु को बीजापुर से हार का मुंह देखना पड़ा था।
भाजपा को ऐसे नेताओं पर भरोसा नहीं
इस बीच टीएमसी छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले सांसद सुनील मंडल ने ऐसा बयान दिया है जो भाजपा के लिए किसी झटके से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले कई नेता खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने टीएमसी छोड़कर आने वाले नेताओं को कभी दिल से स्वीकार नहीं किया और इसी कारण ऐसे नेता पार्टी छोड़कर टीएमसी में वापसी की कोशिशों में लगे हुए हैं।
सांसद मंडल ने कहा कि भाजपा के कुछ लोग टीएमसी से आने वाले नेताओं पर भरोसा करने के पक्ष में नहीं है। टीएमसी से आने वाले नेताओं को भाजपा के पुराने नेताओं का अभी तक भरोसा हासिल नहीं हो सका है और इसी कारण वे अपनी सियासी गतिविधियों को ठीक ढंग से अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। मंडल के इस बयान को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वे भी पाला बदल कर सकते हैं।
हड़बड़ी में फैसला नहीं लेगी टीएमसी
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पार्टी में टूट गई इस आशंका से परेशान बताए जा रहे हैं। हालांकि उनका कहना है कि हम ऐसे लोगों को पार्टी में रखने के पक्ष में नहीं है जो संघर्ष के रास्ते पर नहीं चल सकते। ऐसे लोगों को खुद ही पार्टी छोड़कर चले जाना चाहिए।
सूत्रों का कहना है कि टीएमसी नेतृत्व भाजपा की तरह दलबदल के मामले में हड़बड़ी में कोई फैसला नहीं लेना चाहता है। इसलिए दलबदल के आवेदनों पर काफी सोच समझ कर फैसला लिया जा रहा है। इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का फैसला अंतिम होगा। इसलिए उनके ग्रीन सिग्नल का इंतजार किया जा रहा है।