Arpita Mukherjee: जानें अर्पिता के घर निकल रहे करोड़ों रुपये की कहानी, ममता को करना पड़ेगा ऐसा

Arpita Mukherjee: इससे पहले जांच एजेंसी को अर्पिता के घर से 3 डायरी भी मिली है, जिसमें लेन-देन को कोडवर्ड में दर्ज किया गया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-28 12:50 IST

Bengal school jobs scam (फोटो: सोशल मीडिया )

Arpita Mukherjee: पश्चिम बंगाल में सामने आए शिक्षक भर्ती घोटाले ने ममता सरकार को हिला कर रख दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच जैसे – जैसे आगे बढ़ रही परत दर परत ममता के मंत्री पार्थ चटर्जी की कारस्तानी सबके सामने आ रही है। शिक्षा मंत्री रहते हुए पार्थ ने किस तरह भ्रष्टाचार के जरिए अकूत धन अर्जित ये उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से मिल रहे नोटों के बंडल और ज्वैलेरी बता रहे हैं। अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर से ईडी को अब तक 29 करोड़ कैश और पांच किलो गोल्ड मिल चुका है।

इससे पहले 23 जुलाई को ईडी को अर्पिता के घर से 21 करोड़ कैश और 1 करोड़ रूपये का गोल्ड मिला था। मिली जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी को अर्पिता के घर से 3 डायरी भी मिली है, जिसमें लेन-देन को कोडवर्ड में दर्ज किया गया है। इसके अलावा ईडी ने घर से 26 हजार पेज का दस्तावेज भी बरामद किया है, जिसमें अर्पिता और पार्थ के ज्वाइंट प्रोपर्टी का जिक्र है।

अर्पिता तक कैसे पहुंची ईडी

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में यूं तो कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी को मुख्य आरोपी माना जा रहा है, लेकिन मीडिया में सबसे अधिक चर्चा अर्पिता मुखर्जी की हो रही है। उनके घरों से लगातार जिस तरह से नोटों के बंडल निकल रहे हैं, इसने सबको हैरान कर दिया है। ईडी सूत्रों के मुताबिक, उनके ठिकानों पर 100 करोड़ रूपये के आसपास की रकम छिपाएगी, जिसकी तालाश जारी है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि राजनीति से कोई वास्ता नहीं रखने वाली इस बंगाली अभिनेत्री के ठिकाने तक जांच एजेंसी पहुंची कैसे?

दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने जब 22 जुलाई को मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास पर छापा मारा था तो उसे कई पर्चियां हाथ लगीं। उनमें कुछ पर्चियों पर अर्पिता के नाम के आगे – वन सीआर, फोर सीआर लिखा हुआ था। इसी से ईडी को अर्पिता के घर में करोड़ों रूपये छिपे होने होने का अंदाजा लग गया। अगले ही दिन ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापा मारा और फिर जो हुआ उसे पूरे देश ने देखा। ईडी से पूछताछ में अर्पिता ने स्वीकार भी किया कि उसके घर को पार्थ चटर्जी मिनी बैंक की तरह इस्तेमाल करता था। इतना ही नहीं उन्होंने जांच एजेंसी को ये भी बताया कि अगले कुछ दिनों में ये सारा केस उनके घर से निकाल कर कहीं और रखने की योजना थी।

पार्थ के करीब कैसे आईं अर्पिता

अर्पिता मुखर्जी कोलकाता के बेलघरिया में रहती हैं और एक मिडिल क्लास परिवास से आती हैं। कॉलेज के दिनों से ही वह मॉडलिंग कर रही थीं। इसके बाद उन्होंने बंगाली और उड़िया फिल्म इंडस्ट्री में काम किया है। इसके अलावा वह बॉलीवुड फिल्म पार्टनर में भी काम कर चुके हैं। हालांकि अधिकतर फिल्मों में उन्होंने साइड रोल ही किया। मनोरंजन जगत में काम करने वाली अर्पिता टीएमसी के कद्दावर नेता और मंत्री पार्थ चटर्जी के करीब तब आईं जब वह साउथ कोलकाता में लोकप्रिय दुर्गा पूजा समिति नटकला उद्यन संघ से जुड़ीं।

2019 -20 अर्पिता इस दुर्गा पूजा समिति की स्टार प्रचारक थीं। उन्होंने सीएम ममता बनर्जी के साथ स्टेज भी शेयर किया था। यहां आपको बता दें कि इस दुर्गा पूजा समिति का संचालन पार्थ चटर्जी ही करते हैं। बताया जाता है कि यहीं से दोनों एक- दूसरे के करीब आए। बाद में अर्पिता को पार्थ के साथ चुनाव – प्रचार भी करते हुए देखा गया। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अर्पिता को पार्थ चटर्जी का कानूनी सलाहकार भी बताया जा रहा है।

क्या ममता लेंगी पार्थ का इस्तीफा ?

विरोधियों के खिलाफ अक्सर दहाड़ने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सबसे करीबी मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद बैकफुट पर हैं। विपक्षी बीजेपी लगातार उनपर हमलावर है। पार्थ चटर्जी न केवल सरकार में कई विभाग संभाल रहे थे बल्कि टीएमसी के महासचिव के पद पर भी काबिज थे। अभी तक पार्थ ने इस्तीफा देने से साफ इनकार किया है। ऐसे में बताया जा रहा है कि गुरूवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में ममता बनर्जी इस पर कोई फैसला ले सकती हैं। इससे पहले 2014 में चिटफंड घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने अपने मंत्री मदन मित्रा का इस्तीफा ले लिया था।

क्या है शिक्षक भर्ती घोटाले

पश्चिम बंगाल में जिस शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर बवाल मचा हुआ है, आइए एक नजर उस पर डालते हैं –

1. 2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग ने शिक्षकों की भर्ती के लिए एग्जाम लिया। अगले साल यानी 2017 में इसके परिणाम आए।

2. परिणाम में धांधली का आरोप लगाते हुए दो कैंडिडेट्स कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंच गए।

3. अदालत ने इसमें बड़ी गड़बड़ी की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।

4. इसी साल यानी 2022 में 25 अप्रैल और 18 मई को सीबीआई ने ममता सरकार में कद्दावर मंत्री पार्थ चटर्जी से पूछताछ की, क्योंकि चटर्जी 2014 से 2021 तक राज्य के शिक्षा मंत्री थे।

5. पूछताछ के बाद सीबीआई ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज कराई। सीबीआई की शिकायत के बाद मामला ईडी के हाथ में चला गया।

6. 22 जुलाई 2022 को ईडी ने कोलकाता में पार्थ चटर्जी और उनके करीबियों के 18 ठिकानों पर छापे मारे। उनकी करीबी अर्पिता के घर से 20 करोड़ का नगद मिला। उसके अगले ही दिन ईडी ने पार्थ को गिरफ्तार कर लिया है। अर्पिता मुखर्जी को भी 3 अगस्त तक के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया।

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