WB Teacher Recruitment Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले में घिरे ममता बनर्जी के भतीजे को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत

WB Teacher Recruitment Scam: सुप्रीम कोर्ट अब इस पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को करेगा। यानी तब तक केंद्रीय एजेंसियां अभिषेक बनर्जी से पूछताछ नहीं कर सकेंगी। बता दें कि सीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में करीब तीनों तक पूछताठ करने के बाद टीएमसी विधायक जीबन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने विधायक साहा पर पूछताछ में सहयोग न करने का आरोप लगाया है।

Update:2023-04-17 22:37 IST
court sentenced 3 years Imprisonment In Sant Kabir Nagar dispute (Photo-Social Media)

WB Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल में सियासी तूफान लाने वाले स्कूल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच इन दिनों जोर-शोर से चल रही है। इस मामले में सीएम ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी भी केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर हैं। अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। शीर्ष अदालत ने ईडी और सीबीआई को अगले आदेश तक टीएमसी नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट अब इस पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को करेगा। यानी तब तक केंद्रीय एजेंसियां अभिषेक बनर्जी से पूछताछ नहीं कर सकेंगी। बता दें कि सीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में करीब तीनों तक पूछताठ करने के बाद टीएमसी विधायक जीबन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने विधायक साहा पर पूछताछ में सहयोग न करने का आरोप लगाया है।

ममता के भतीजे ने हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती

दरअसल, 13 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सीएम के भतीजे अभिषेक बनर्जी को बड़ा झटका देते हुए आदेश दिया था कि ईडी औ सीबीआई जब चाहे उनसे पूछताछ कर सकती है। साथ ही बंगाल पुलिस को यह भी निर्देश दिया था कि जांच कर रहे सीबीआई और ईडी के अफसरों के खिलाफ कोई एफआईआर ना दर्ज की जाए। यह फैसला जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने सुनाया था। जिसके खिलाफ तृणमुल सांसद अभिषेक बनर्जी सुप्रीम कोर्ट चले।
अभिषेक बनर्जी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सोमवार को शीर्ष अदालत की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के दोनों आदेशों पर रोक लगा दी। इस बेंच में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला शामिल थे। बनर्जी ने अपनी याचिका में कहा था कि कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय उन्हें पसंद नहीं करते। ये बात वो एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में जाहिर कर चुके हैं। साथ ही याचिका में उन्होंने जस्टिस गंगोपाध्याय के उस कमेंट का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जजों को लेकर कमेंट किया था।

क्या है शिक्षक भर्ती स्कैम ?

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले ने प्रचंड जनादेश वाली राज्य की ममता बनर्जी सरकार को हिला कर रख दिया है। यह मामला 2104 का है, जब बंगाल के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। 2016 में जब पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे, तब भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। आरोप है कि इस दौरान जमकर धांधली हुई। जिसके खिलाफ कुछ उम्मीदवार कलकत्ता हाईकोर्ट चले गए।

याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के कम नंबर आए हैं, उन्हें मेरिट लिस्ट में टॉप पर रखा गया है। कुछ ऐसे लोगों का भी सेलेक्शन हुआ है, जिन्होंने टीईटी परीक्षा पास ही नहीं की थी। इसके अलावा मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी कुछ कैंडिडेट को नौकरियां दी गईं। हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई। जांच एजेंसी ने इस मामले में बीते साल जुलाई में बड़ी कार्रवाई करते हुए ममता सरकार में सबसे कद्दावर मंत्रियों में गिने जाने वाले पार्थ चटर्जी को अरेस्ट कर लिया था। पार्थ बंगाल सीएम के काफी करीबी रहे हैं। सीबीआई ने उनकी महिला करीबी अर्पित मुखर्जी के घर से भारी संख्या में कैश बरामद किया था। पार्थ 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं।

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