Bhawanipur by-election: भावुक अपील के जरिये मतदाताओं का दिल जीतने में जुटीं ममता , BJP ने भी झोंकी ताकत
Bhawanipur by-election: भवानीपुर में भाजपा ने ममता के खिलाफ प्रियंका टिबरेवाल को चुनाव मैदान में उतारा है।
Bhawanipur by-election: पश्चिम बंगाल (Bangal) में इन दिनों भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव (Bhawanipur by-election) को लेकर सियासी माहौल काफी गरमाया हुआ है। इस सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Cm Mamata Banerjee) के चुनाव मैदान में उतरने के कारण प्रचार अभियान भी काफी तेज हो गया है। नंदीग्राम में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बार काफी सतर्क हैं। चुनाव प्रचार में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं। वे मतदाताओं को एक-एक वोट की कीमत बता रही हैं। साथ ही भावुक अपील भी कर रही हैं कि अगर उन्होंने वोट नहीं दिया तो मैं मुख्यमंत्री नहीं रह पाऊंगी। वे लोगों को यह भी समझा रही हैं कि अगर वे उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं तो उन्हें अपने वोट की कीमत समझते हुए टीएमसी (TMC) के पक्ष में मतदान करना होगा। ममता अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए भवानीपुर इलाके में स्थित मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा तीनों का दौरा कर चुकी हैं।
भवानीपुर में भाजपा ने ममता के खिलाफ प्रियंका टिबरेवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। टीएमसी की ओर से भले ही बड़ी जीत का दावा किया जा रहा हो मगर भाजपा ने भी इस चुनाव क्षेत्र में पूरी ताकत झोंक रखी है। इलाके में रहने वाले सिख मतदाताओं को लुभाने के लिए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने भी इलाके का दौरा किया। इलाके में रहने वाले हिंदी भाषियों का दिल जीतने के लिए भी भाजपा की ओर से जोरदार चुनावी अभियान चलाया जा रहा है। दोनों पक्षों की ओर से पूरी ताकत झोंके जाने के कारण भवानीपुर का उपचुनाव काफी दिलचस्प होता दिख रहा है।
नंदीग्राम की हार के बाद ममता सतर्क
ममता बनर्जी विधानसभा के पिछले चुनाव में नंदीग्राम में मिली हार का दर्द अभी तक नहीं भूल सकी हैं। यही कारण है कि अपनी चुनावी सभाओं में वह लोगों को एक-एक वोट का महत्व समझा रहे हैं। वह लोगों से कहती हैं कि यदि वे दीदी की जीत पक्की मानकर घर पर ही बैठे रहे तो यह बहुत बड़ी भूल होगी। इसलिए बारिश या तूफान आने पर भी घर से निकलकर वोट देना मत भूलना। ममता लोगों को यह भी समझा रही हैं कि यदि वे मतदान करने के लिए घरों से बाहर नहीं निकले तो वे आगे मुख्यमंत्री नहीं रह पाएंगी। ऐसी स्थिति में राज्य के लोगों को नया मुख्यमंत्री मिलेगा। यदि लोग मुख्यमंत्री के रूप में मुझे देखना चाहते हैं तो उन्हें घर से बाहर निकलकर समझदारी से मतदान करना होगा।
ममता बता रहीं कुर्सी जाने का खतरा
सियासी जानकारों का कहना है कि भवानीपुर उपचुनाव जीतने के लिए ममता ने पूरी ताकत झोंक रखी है। वह किसी भी सूरत में यह उपचुनाव नहीं हारना चाहतीं। हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ममता की अगुवाई में टीएमसी ने भारी जीत हासिल की थी। टीएमसी ने 292 में से 213 सीटों पर जीत हासिल की थी। चुनाव के बाद टीएमसी में जीत का उल्लास तो दिखा मगर नंदीग्राम में ममता की हार से पार्टी को धक्का भी लगा है। यही कारण है कि ममता ने एक-एक वोट के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। ममता हिंदी और बंगाली दोनों ही भाषाओं में भाषण देकर मतदाताओं को लुभाने में जुटी हुई है। पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की ओर से भी भवानीपुर का लगातार दौरा किया जा रहा है।
ममता के लिए यह चुनाव जीतना काफी जरूरी है। उन्हें नवंबर के पहले हफ्ते तक विधानसभा का सदस्य बनना है , नहीं तो उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी चली जाएगी। इसी कारण ममता लगातार भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने में जुटी हुई है। भाजपा के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय का कहना है कि ममता की अपीलों से साफ है कि उन्हें अपनी कुर्सी जाने का डर सता रहा है।
ममता का पुराना गढ़ रहा है भवानीपुर
भवानीपुर विधानसभा सीट का ममता का पुराना गढ़ माना जाता है और वह 2011 और 2016 में यहां से चुनाव जीत चुकी हैं। इससे पहले जब वह लोकसभा का चुनाव लड़ा करते थीं तो भवानीपुर विधानसभा सीट उनके संसदीय इलाके में ही आती थी। इस तरह इस सीट से उनका पुराना नाता रहा है । मगर नंदीग्राम में मिली हार के बाद ममता काफी सतर्क हो गई हैं। अपनी चुनावी सभाओं में वह वामदलों और कांग्रेस पर तो कोई हमला नहीं करतीं । मगर भाजपा के खिलाफ उनका रुख काफी हमलावर होता है।
भाजपा को चुनाव न लड़ने की नसीहत
भवानीपुर में नामांकन से पहले टीएमसी की ओर से भाजपा को चुनाव न लड़ने की नसीहत दी जा रही थी। टीएमसी नेताओं का दावा है कि भवानीपुर में ममता को भारी जीत मिलेगी। पार्टी का कहना था कि भवानीपुर में ममता की जीत तय होने से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले भाजपा प्रत्याशी का पैसा वेस्ट ही होगा। टीएमसी नेताओं का कहना था कि वे इसीलिए भाजपा नेताओं से अपील कर रहे हैं ताकि वे भवानीपुर में चुनाव लड़कर अपनी मिट्टी न पलीद कराएं।
भाजपा भी लगा रही पूरी ताकत
दूसरी और भाजपा ने नंदीग्राम में ममता को चुनाव हराने के बाद अब तीन विधानसभा सीटों पर हो रहे हो उपचुनाव में भी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा का विशेष फोकस भवानीपुर विधानसभा सीट पर है क्योंकि यहां से ममता बनर्जी खुद उम्मीदवार हैं। भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल भी भवानीपुर में काफी मेहनत कर रही हैं। 30 सितंबर को मतदान से पहले पार्टी के कई नेताओं के चुनाव प्रचार के लिए पहुंचने का कार्यक्रम तय किया गया है। इसी कड़ी में आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी भी भवानीपुर पहुंचे और मतदाताओं से मतदान में भाजपा प्रत्याशी का समर्थन करने की अपील की। भवानीपुर में सिख मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है।.इन्हें लुभाने के लिए ही हरदीप पुरी का कार्यक्रम रखा गया था।
टीएमसी-भाजपा में जबर्दस्त खींचतान
पिछले तीन विधानसभा चुनावों के दौरान भवानीपुर में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है। भवानीपुर में मुस्लिम मतदाता करीब 20 फीसदी हैं। इनका समर्थन ममता बनर्जी को मिलने की संभावना जताई जा रही है। इस विधानसभा क्षेत्र में गुजराती, मारवाड़ी, सिख पर हिंदी भाषी मतदाताओं की भी अच्छी खासी संख्या है। इन सभी का मत हासिल करने के लिए टीएमसी और भाजपा के बीच जबर्दस्त खींचतान चल रही है। भाजपा की ओर से ममता को कड़ी चुनौती देने की कोशिश की जा रही है। चुनावी नतीजों से ही यह पता चल सकेगा कि पार्टी को इस काम में कहां तक कामयाबी मिली।