Mission 2024: ममता ने विपक्षी एकजुटता की मुहिम को दिया बड़ा झटका, 2024 में TMC के अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
Mission 2024: ममता बनर्जी ने विपक्षी एकजुटता को बड़ा झटका देते हुए 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने का ऐलान भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2024 में तृणमूल कांग्रेस किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और उसका गठबंधन जनता के साथ होगा।
Mission 2024: पश्चिम बंगाल की सागरदिघी विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस की हार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखे तेवर दिखाए हैं। विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के बाद ममता बनर्जी ने कांग्रेस, माकपा और भाजपा के बीच अनैतिक गठबंधन का बड़ा आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी एकजुटता को बड़ा झटका देते हुए 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने का ऐलान भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2024 में तृणमूल कांग्रेस किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और उसका गठबंधन जनता के साथ होगा।
हाल के दिनों में विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से 2024 में भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने पर जोर दिया जाता रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के 70वें जन्मदिन पर हाल में चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ओम मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विपक्ष के बड़े नेताओं ने एकजुटता की बात कही थी। अब ममता के ऐलान के बाद 2024 की बड़ी सियासी जंग में विपक्षी दलों के बीच एकजुटता होना नामुमकिन माना जा रहा है।
लेफ्ट के समर्थन से कांग्रेस को मिली जीत
पश्चिम बंगाल की सागरदिघी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बायरन विश्वास को जीत हासिल हुई है। उन्होंने टीएमसी के उम्मीदवार देवाशीष बनर्जी को 22,000 वोटों से हराकर जीत हासिल की है जबकि भाजपा उम्मीदवार दिलीप शाह तीसरे नंबर पर रहे। मुर्शिदाबाद जिले की इस सीट पर 2011 के बाद से ही ममता की पार्टी का उम्मीदवार जीतता रहा है। पिछले साल दिसंबर में टीएमसी विधायक सुब्रत साहा के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया था।
वामपंथी दलों ने इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विश्वास को समर्थन दिया था। 60 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले इस इलाके में कांग्रेस की जीत सियासी नजरिए से काफी अहम मानी जा रही है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस जीत पर खुशी जताते हुए इसे लेफ्ट और कांग्रेस की साझा जीत बताया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने आज तक अल्पसंख्यक कार्ड खेलकर मुस्लिमों को छलने का काम किया है।
ममता का 2024 में अकेले लड़ने का ऐलान
अल्पसंख्यक बहुल इस इलाके में टीएमसी की हार से ममता बनर्जी बौखला गई हैं। टीएमसी प्रत्याशी की हार के बाद उन्होंने लेफ्ट, कांग्रेस और भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी प्रत्याशी को हराने के लिए लेफ्ट, कांग्रेस और भाजपा ने अनैतिक गठबंधन कर रखा था। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में टीएमसी को हराने के लिए भाजपा ने अपने हिस्से का वोट कांग्रेस प्रत्याशी को ट्रांसफर कराया है।
इसके साथ ही ममता ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा कि 2024 में लेफ्ट और कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं किया जाएगा। लेफ्ट और कांग्रेस के लोग चाहते हैं कि ममता बनर्जी साथ आ जाएं मगर दोनों दल हमारे खिलाफ ही गठबंधन करने में जुटे हुए हैं। ऐसी स्थिति में उनके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
विपक्षी एकजुटता की मुहिम को बड़ा झटका
ममता बनर्जी का यह बयान 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए काफी अहम माना जा रहा है। विपक्ष के कई बड़े नेताओं की ओर से भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकजुटता पर जोर दिया जा रहा है। हाल में चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी भाजपा को हराने के लिए एकजुट होने पर जोर दिया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की अपील करते रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष के कई बड़े नेताओं से बातचीत भी की है। विपक्षी दलों के नेताओं की इस मुहिम को ममता बनर्जी ने बड़ा झटका दिया है। ममता के तेवर से साफ हो गया है कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के बीच गठबंधन होना काफी मुश्किल है। सियासी जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव की तिथियां नजदीक आने के साथ विपक्षी दलों के बीच खींचतान और तेज हो सकती है।