पश्चिम बंगाल में फिर हिंसा में एक की मौत, राज्यपाल और ममता के बीच टकराव बढ़ा
पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच एक बार फिर टकराव बढ़ता नजर आ रहा है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद शुरू हुई हिंसा का दौर नहीं थम रहा है। उम्मीद की जा रही थी कि ममता बनर्जी के एक बार फिर सीएम पद की शपथ लेने के बाद हिंसा की घटनाओं पर रोक लगेगी मगर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। शनिवार को भी वीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि छह लोग घायल हो गए।
इस बीच राज्य में हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच एक बार फिर टकराव बढ़ता नजर आ रहा है। राज्यपाल ने राज्य में हिंसा की घटनाओं पर नाखुशी जताते हुए राज्य के वरिष्ठ अफसरों को तलब किया था। इन अफसरों से मुलाकात के बाद राज्यपाल ने हिंसा की घटनाओं पर तत्काल रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। इससे साफ है कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है।
भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भिड़े
हिंसा की ताजी घटना में वीरभूम जिले के दुबराजपुर विधानसभा क्षेत्र के मुक्तिनगर गांव में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक इस हिंसक झड़प के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 6 लोग घायल हो गए।
घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य के कई इलाकों में हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा की घटनाओं में 16 लोगों की मौत होने की बात मानी है।
राज्यपाल ने हिंसा पर जताई गहरी नाराजगी
इस बीच हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्यपाल ने राज्य में चुनाव के बाद हिंसा की घटनाओं पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने शनिवार शाम को मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय और डीजीपी को तलब किया था।
पहले उनके तलब करने पर ये अधिकारी नहीं पहुंचे थे। बाद में राज्यपाल ने इन्हें शाम सात बजे तक हिंसा की घटनाओं के संबंध में जानकारी देने को कहा था। बाद में इन दोनों अफसरों ने राज्यपाल से मुलाकात की।
हिंसा पर तत्काल रिपोर्ट भेजने का निर्देश
हालांकि राज्यपाल धाकड़ इन दोनों अफसरों की ओर से दिए गए विवरण से संतुष्ट नहीं दिखे। दोनों अफसरों से मुलाकात के बाद राज्यपाल ने अपने ट्वीट में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों अधिकारी हिंसा की घटनाओं के संबंध में कोई विवरण या रिपोर्ट लिए बिना आए थे।
इन दोनों अफसरों को तत्काल हिंसा की घटनाओं के संबंध में रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है। उनके कड़े रुख से साफ है कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच एक बार फिर टकराव बढ़ने लगा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पिछले कार्यकाल में भी राज्यपाल से उनके रिश्ते सहज नहीं थे। अब उनके तीसरे कार्यकाल में भी दोनों के बीच तल्खी बढ़ती दिख रही है।
हाईकोर्ट ने भी मांगा हिंसा का ब्योरा
उधर कोलकाता हाईकोर्ट ने की पांच जजों की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तीन दिनों के भीतर राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट में दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि हिंसा के कारण पश्चिम बंगाल में लोगों का जीवन और उनकी स्वतंत्रता खतरे में है।
इस याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता को निर्देश दिया है कि हलफनामे में उन इलाकों का ब्योरा दिया जाए जहां पर हिंसा की घटनाएं हुईं और यह भी बताया जाए कि हिंसा की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए।
ममता की केंद्र से बढ़ी तनातनी
हिंसा की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की केंद्र सरकार से भी तनातनी बढ़ गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम ने गत दिनों हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया था और मौके पर जाकर पीड़ित लोगों से बातचीत की थी।
बाद में गृह मंत्रालय की टीम ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की थी। गृह मंत्रालय की टीम के दौरे को लेकर भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज बताई जा रही है। दूसरी ओर भाजपा ने हिंसा की घटनाओं के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस के गुंडे मनमानी पर उतर आए हैं।