ममता को बड़ा झटका: नंदीग्राम में दोबारा काउंटिंग की मांग खारिज, RO को मिली सुरक्षा

ईसी की ओर से बंगाल के मुख्य सचिव को नंदीग्राम के रिटर्निंग ऑफिसर को पर्याप्त सुरक्षा देने का भी निर्देश दिया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-05-04 13:38 GMT

ममता बनर्जी (फाइल फोटो- न्यूज ट्रैक)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) में जबर्दस्त जीत हासिल करने के बावजूद खुद नंदीग्राम से चुनाव हार जाने वाली टीएमसी (TMC) मुखिया ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को करारा झटका लगा है। टीएमसी के बागी और भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) से चुनाव हारने के बाद नंदीग्राम में दोबारा मतगणना कराने की उनकी मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है।

चुनाव आयोग ने इस बाबत रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले को अंतिम बताया है। आयोग का कहना है कि अब इसे केवल हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इसके साथ ही नंदीग्राम के रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को सुरक्षा भी दी गई है।

नंदीग्राम में हुआ सबसे बड़ा संग्राम

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम की सीट को सबसे हॉट माना जा रहा था। इस सीट पर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच कांटे का मुकाबला दिखा। शुरुआती चरणों में शुभेंदु अधिकारी ने लीड ली थी, लेकिन बाद में ममता बनर्जी आगे निकल गई थीं।

आखिरकार शुभेंदु अधिकारी को मिली विजय

एक समय ऐसा भी आएगा जब मीडिया में ममता के विजयी होने की खबर प्रसारित हो गई मगर बाद में इस खबर का खंडन कर दिया गया। आखिरकार शुभेंदु अधिकारी यह चुनावी संग्राम उन्नीस सौ से अधिक वोटों से जीतने में कामयाब रहे। ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के चुनाव को लेकर सवाल उठाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही है। टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल ने नंदीग्राम में दोबारा मतगणना कराने की मांग को लेकर चुनाव आयोग से मुलाकात भी की थी।

शुभेंदु अधिकारी (फाइल फोटो- न्यूज ट्रैक) 

नंदीग्राम में नहीं होगी दोबारा मतगणना

इस बाबत चुनाव आयोग ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। आयोग की ओर से मीडिया में आई उन रिपोर्ट्स को पूरी तरह खारिज किया गया है जिनमें कहा गया था कि नंदीग्राम में दोबारा मतगणना होगी। आयोग ने साफ कर दिया है कि नंदीग्राम में दोबारा काउंटिंग नहीं होगी। आयोग के मुताबिक नियमों के आधार पर यदि दोबारा काउंटिंग की मांग की जाती है तो रिटर्निंग ऑफिसर उसे स्वीकार कर सकते हैं या असंगत लगने पर खारिज भी कर सकते हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि आरओ के फैसले को आरपी एक्ट 1951 की धारा 80 के तहत चुनाव याचिका के जरिए ही चुनौती दी जा सकती है।

आरओ ने खारिज कर दी थी मांग

चुनाव आयोग का कहना है कि नंदीग्राम में मतगणना समाप्त होने के बाद एक प्रत्याशी के इलेक्शन एजेंट ने दोबारा काउंटिंग की मांग की थी मगर आरओ अपने सामने मौजूद तथ्यों को देखते हुए मौखिक रूप से इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद ही नतीजे की घोषणा की गई थी। अब ऐसे मामले में सिर्फ हाईकोर्ट में ही चुनाव याचिका दायर करने का ही विकल्प बचा है।

ममता के आरोपों को किया खारिज

नंदीग्राम में चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मतगणना में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे मगर चुनाव आयोग ने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया है। आयोग का कहना है कि सभी काउंटिंग टेबल पर एक माइक्रो ऑब्जर्वर था और उन्होंने अपनी रिपोर्ट में नंदीग्राम में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने का कोई उल्लेख नहीं किया है।

ममता बनर्जी (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

काउंटिंग के दौरान नियमों का पालन

आरओ ने सभी राउंड के बाद सभी प्रत्याशियों को मिले मतों की संख्या की एंट्री की थी और इसे डिस्प्ले बोर्ड पर भी दिखाया गया था जिसे सभी काउंटिंग एजेंट आसानी से देख सकते थे। आयोग का कहना है कि नंदीग्राम में काउंटिंग की पूरी प्रक्रिया बिना किसी रूकावट के चली है और काउंटिंग के दौरान किसी भी पक्ष की ओर से कोई शंका नहीं जाहिर की गई। हर राउंड की मतगणना के बाद सभी एजेंट को रिजल्ट की कॉपी भी दी गई थी। ऐसी स्थिति में अब नंदीग्राम में दोबारा मतगणना की मांग में कोई दम नहीं है।

दबाव के बाद आरओ को मिली सुरक्षा

चुनाव आयोग की ओर से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को नंदीग्राम के रिटर्निंग ऑफिसर को पर्याप्त सुरक्षा देने का भी निर्देश दिया गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरओ पर दबाव बनाने की खबरों के बाद यह आदेश दिया गया। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद राज्य सरकार की ओर से आरओ को सुरक्षा प्रदान की गई है। आयोग ने नंदीग्राम में काउंटिंग से जुड़े सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का भी आदेश दिया है।

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