पश्चिम बंगाल चुनाव: आठवें चरण में भी दागदार सभी दलों की पसंद

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के आठवें चरण में 35 में से 11 यानी 31 प्रतिशत संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हैं,

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2021-04-24 11:08 IST

सांकेतिक तस्वीर, (साभार-सोशल मीडिया )

लखनऊ: पश्चिम बंगाल( West Bengal) में अब जबकि सात चरणों के चुनाव(Election) हो चुके हैं। आठवें चरण में 35 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 29 अप्रैल को मतदान होना है। इसमें एक बात उभर कर सामने आई है कि सत्ता पक्ष हो या विपक्ष की पार्टियां किसी का भी स्वच्छ छवि के प्रत्याशियों के मुकाबले दागदार या आपराधिक छवि के उम्मीद्वारों के प्रति मोह कम नहीं हुआ है। पश्चिम बंगाल में कानून (Law) से खिलवाड़ करने वालों को सभी दलों ने कानून बनाने वाला बनाने में भारी उत्साह दिखाया है। यह बात पश्चिम बंगाल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के आठवें चरण में चुनाव लड़ने वाले सभी 283 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों के विश्लेषण से स्पष्ट हुई है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के आठवें चरण में इन 35 निर्वाचन क्षेत्रों मानिकचाक से आठ, मालदा सुरक्षित से सात, इंग्लिश बाजार से 11, मोथाबारी से दस, सूजापुर से दस, बैस्नबनगर से सात, खरग्राम सुरक्षित से पांच, बर्वां सुरक्षित से चार, कांडी से आठ, रेजीनगर से छह, बेलडांगा से सात, बहरामपुर से सात, हरिहरपारा से 11, नोडा से नौ, डोमकाल से नौ, जलांगी से दस, भरतपुर से सात, चौरंगी से 11, ऐनटल्ली से 15, बेलघाट से 13, जोरासांको से दस, श्यामपुकुर से 12, मानिकतल्ला से 11, काशीपुर बेलगछिया से नौ, दुबराजपुर सुरक्षित से पांच, सूरी से छह, बोलपुर से नौ, नानूर सुरक्षित से चार, लबपुर से सात, सैंथिया सुरक्षित से पांच मैयूरेश्वर से चार, रामपुरहाट से छह, हांसन से पांच, नलहटी से नौ और मुराराई से छह उम्मीद्वारों सहित कुल 283 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। जिनका विश्लेषण किया गया है। इन निर्वाचन क्षेत्रों में 29 अप्रैल को मतदान होना है।

विश्लेषण के अनुसार 64 उम्मीदवार आपराधिक मामलों वाले हैं, जो कि कुल उम्मीद्वारों का 23% होते हैं। इसी तरह 50 गंभीर आपराधिक मामलों वाले हैं जो कि 18 फीसदी हैं। 55 उम्मीदवार करोड़पति हैं। अगर दलगत आधार पर देखा जाए तो सीपीआईएम के 10 में से 7 यानी 70 फ़ीसद, तृणमूल कांग्रेस के 35 में से 11 यानी 71 फ़ीसदी, भाजपा के 35 में से 21 यानी 60 फीसदी और कांग्रेस के 19 में से 10 यानी 53 फीसदी उम्मीदवारों के ऊपर आपराधिक मामले हैं।

इसी तरह से सीपीआईएम के 10 में से 2 यानी 20 फीसदी, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के 35 में से 8 यानी 23 फीसदी, भाजपा के 35 में से 18 यानी 51 फीसदी और कांग्रेस के 19 में से 9 यानी 47 फीसदी उम्मीदवारों के ऊपर गंभीर आपराधिक मामले हैं। 12 उम्मीदवारों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 6 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं और 17 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किये हैं।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के आठवें चरण में 35 में से 11 यानी 31 प्रतिशत संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां 3 या उससे अधिक उम्मीदवार आपराधिक छवि के मैदान में हैं।

विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आठवें चरण में उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि उन्होंने फिर से आपराधिक छवि वाले लगभग 23 फ़ीसदी उम्मीदवारों को टिकट देने की पुरानी परंपरा का पालन किया है।

पश्चिम बंगाल के आठवें चरण में चुनाव लड़ने वाले सभी प्रमुख दलों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित करने वाले 31 से 70% तक उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं।

आपराधिक छवि के लोगों को टिकट

पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी यह देखा गया था कि राजनीतिक दलों द्वारा आपराधिक छवि के लोगों को टिकट देने के पीछे निराधार और आधारहीन कारण बताए गए थे। जैसे व्यक्ति की लोकप्रियता, अच्छे सामाजिक कार्य, मुकदमे राजनीति से प्रेरित मामले होना आदि। यह दागी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने के लिए ठोस कारण नहीं है। आकड़े स्पष्ट दिखाते हैं कि राजनीतिक दलों को चुनाव प्रणाली में सुधार करने में कोई दिलचस्पी नहीं है और हमारे लोकतंत्र में कानून तोड़ने वाले उम्मीदवार जीतने के बाद कानून बनाने वाले विधायक बन जाते हैं।

आठवें चरण में चुनाव लड़ रहे 283 उम्मीदवारों में से 55 यानी 19 फ़ीसदी करोड़पति उम्मीदवार हैं। तृणमूल कांग्रेस के 35 में से 28 यानी 80 फ़ीसदी, कांग्रेस के 19 में से पांच यानी 26 फ़ीसदी, भाजपा के 35 में से 12 अर्थात 34 फ़ीसदी और माकपा के 10 में से 1 उम्मीदवार करोड़पति है।

सांकेतिक तस्वीर, (साभार-सोशल मीडिया )

तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 

मुख्य दलों में तृणमूल कांग्रेस के 35 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.26 करोड़ है। भाजपा के 35 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.35 करोड़ है। कांग्रेस के उम्मीदवार उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.20 करोड़ और माकपा के 10 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 77.34 लाख है। विश्लेषण में यह भी सामने आया कि 152 यानी 54% उम्मीदवारों ने अपनी योग्यता पांचवी से बारहवीं के बीच घोषित की है, जबकि 127 यानी 45 फीसद उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा घोषित की है। दो ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर होना और दो ने अपनी शैक्षिक योग्यता असाक्षर होना घोषित किया।

अगर उम्र के लिहाज से देखा जाए तो 81 यानी 29 फीसद उम्मीदवारों की उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है, जबकि 158 यानी 56 फ़ीसदी उम्मीदवारों की आयु 41 से 60 वर्ष के बीच है। 44 उम्मीदवार यानी 16 फीसदी उम्मीदवारों की आयु 61 से 80 वर्ष के बीच है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में 35 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं।

Tags:    

Similar News