Gangasagar Mela: आयोजन पर नहीं होगी मनाही, ममता सरकार ने दी ये दलील
Gangasagar Mela: ममता बनर्जी सरकार ने इस साल गंगा सागर मेला का आयोजन कराने के पक्ष में है।
Gangasagar Mela: पश्चिम बंगाल में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर आ रही है। यहां की ममता बनर्जी सरकार ने इस साल गंगा सागर मेला का आयोजन कराने के पक्ष में है। जिसके चलते बृहस्पतिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) में एक जनहित याचिका की सुनवाई में पश्चिम बंगाल की सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है।
आपको बता दें कि बीते दिन बुधवार को इस मामले की सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राज्य सरकार से ये जानने की कोशिश की थी कि क्या मेला बंद करना संभव है? इस बारे में राज्य क्या चाहता है? जिस पर आज बृहस्पतिवार को राज्य की तरफ से महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट को सूचित किया गया है।
ई-दर्शन और ई-स्नान पर बल
इस मामले में अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि खारे पानी से कोरोना नहीं फैलता है। सूचित करते हुए राज्य के महाधिवक्ता गोपाल मुखर्जी ने कोर्ट को बताया कि राज्य को जिलाधिकारी से एक रिपोर्ट मिली है। जिसके चलते राज्य ने अपने फैसले में कई मुद्दों पर विचार किया है। साथ ही राज्य सरकार मेला जारी रखने के पक्ष में है। लेकिन इस दौरान मेले को कुछ प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। वहीं मेला के ज्यादातर ई-दर्शन और ई-स्नान पर बल दिया जाएगा।
गंगासागर मेला मामले पर महाधिवक्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि गंगासागर मेला के पास में अस्पताल वर्तमान में अच्छा काम कर रहा है। गंगासागर के नजदीक के इलाके में कोरोना वैक्सीन को दोनों डोज दी गई है। जिसके चलते राज्य को पांच लाख से अधिक पुण्यार्थियों के गंगासागर स्नान के लिए आने की उम्मीद नहीं है। साथ ही कोलकाता से लेकर डायमंड हार्बर तक सभी का टीकाकरण हो चुका है। जबकि 70 प्रतिशत लोगों को पहली खुराक भी मिली चुकी है।
मामले में एडवोकेट जनरल गोपाल मुखर्जी ने कहा कि गंगासागर स्नान करने आने वालों को रैपिड एंटीजन टेस्ट होगा। ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था की जा रही है। जो मेला परिसर में होगा. सेफ होम से अस्पताल की व्यवस्था होगी। ई-बाथ, ई-फिलॉसफी पर जोर दिया जा रहा है।
लेकिन इस पर राज्य सरकार ने कहा कि रोटेशन के आधार पर स्नान और दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। एजी ने अदालत को बताया कि मेले में उनकी व्यक्तिगत रूप से कोई दिलचस्पी नहीं है। वह खुद ही डरे हुए हैं। खराब स्थिति होने पर पूरे क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा।