पश्चिम बंगाल के गवर्नर पर लगे कथित छेड़छाड़ के आरोप में जांच टीम गठित, मांगा CCTV फुटेज
West Bengal News: 3 मई को बंगाल के राज्यपाल पर राजभवन में यौन शोषण का आरोप लगाते हुए एक महिला ने कोलकाता पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। अब कोलकाता पुलिस ने जांच टीम गठित की है।
West Bengal News: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर महिला के साथ कथित छेड़छाड़ के आरोप मामले में अब कोलकाता पुलिस ने जांच टीम गठित की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यानी 04 मई को कहा कि इस मामले में आगे गवाहों से बातचीत शुरू की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि जांचकर्ता मामले में पहले ही राजभवन के सीसीटीवी फुटेज साझा करने का अनुरोध कर चुके हैं।
3 मई को लगा था आरोप
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अधिकारी ने कहा, “इस केस में हमने एक जांच टीम गठित की है जो अगले कुछ दिनों में संभावित गवाहों से बात करेगा। हमने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होने पर उसे शेयर करने का भी अनुरोध किया है।” बता दें, पश्चिम बंगाल राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने बीते 3 मई को बंगाल के राज्यपाल पर राजभवन में यौन शोषण का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।
राजभवन भी जारी कर चुका है बयान
संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार, किसी राज्य के राज्यपाल के खिलाफ उसके राजनीतिक कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है। राजभवन ने अपने एक बयान में कहा कि राज्यपाल आनंद बोस ने चुनाव के दौरान नेताओं को खुश करने के लिए अनधिकृत, नाजायज, दिखावटी और प्रेरित जांच करने की आड़ में राजभवन में पुलिस के प्रवेश पर बैन लगाने का आदेश दिया है।
राजभवन ने किया आरोपों का खंडन
राजभवन की तरफ से राज्यपाल पर लगे इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा गया है कि यह राज्यपाल को बदनाम करने की साजिश है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस बात का दावा किया कि प्रदेश के राज्यपाल बोस पर राजभवन में ही काम करने वाली एक संविदा महिला कर्मी ने छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं और महिला को बोस के खिलाफ शिकायत करने के लिए पुलिस थाने ले जाया गया। राजभवन ने इन आरोपों का खंडन किया है।
राज्यपाल बोस ने दिया बयान
इन आरोपों को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस ने कहा कि वह 'मनगढ़ंत आरोपों' से नहीं डरेंगे। 'सच्चाई की जीत होगी। उन्होंने आगे कहा कि मैं गढ़ी गई कहानियों से डरने वाला नहीं हूं। अगर मुझे कोई बदनाम करके राजनीतिक लाभ चाह रहा है तो भगवान उन्हें आशीर्वाद दें। लेकिन वे लोग मेरी बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ लड़ाई को नहीं रोक सकते।'