Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर नहीं पहुंच पाया कोई भी सियासी दिग्गज मगर TMC ने किया कमाल, जानिए कैसे दिया पुलिस को चकमा

Lakhimpur Kheri Violence: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाले TMC के नेताओं ने लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करके सभी सियासी दलों पर बाजी मार ली। टीएमसी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मृत किसानों के परिजनों से मुलाकात की।

Written By :  Anshuman Tiwari
Newstrack :  Shreya
Update:2021-10-06 09:32 IST

(फोटो साभार- ट्विटर) 

Lakhimpur Kheri Violence: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) की अगुवाई वाले तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के नेताओं ने लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Hinsa) में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करके सभी सियासी दलों पर बाजी मार ली। टीएमसी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मृत किसानों के परिजनों से मुलाकात की।

ऐसे में हर किसी के दिलों दिमाग में यह सवाल कौंध रहा है कि जहां समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi), छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) समेत कोई नेता नहीं पहुंच सका वहां आखिर टीएमसी सांसदों का दल कैसे पहुंच गया।

लखीमपुर खीरी की चारों ओर की सीमाओं पर पुलिस की सख्त निगरानी के बावजूद टीएमसी सांसदों का मृत किसानों के घरों तक पहुंचना सचमुच आश्चर्यजनक माना जा रहा है। मृत किसानों के परिजनों से मुलाकात के बाद टीएमसी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपने इस अभियान में कैसे कामयाबी हासिल की। 

टीएमसी के दल में शामिल थे कई सांसद

लखीमपुर खीरी की हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करने वाले टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल में सांसद सुष्मिता देव (Sushmita Dev), काकोली घोष दस्तीदार (Kakoli Ghosh Dastidar), अबीर रंजन विश्वास (Abir Ranjan Biswas), प्रतिभा मंडल (Pratibha Mandal) और डोला सेन (Dola Sen) शामिल थे। मुलाकात के बाद टीएमसी सांसदों ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि उन्हें भी अन्य सियासी दलों के नेताओं की तरह पुलिस की ओर से रोका गया था। मगर उन्होंने पर्यटक बनकर पुलिस कर्मियों को चकमा देने में कामयाबी हासिल की। उन्होंने इतनी चतुराई से पुलिसकर्मियों से बातचीत की कि पुलिसकर्मी उनकी असलियत नहीं पकड़ सके।

टीएमसी नेता डोला सेन ने खुलासा किया कि पार्टी सांसदों का दल रविवार से ही लखीमपुर खीरी पहुंचने की कोशिश में जुटा हुआ था। मगर पुलिसकर्मियों को चकमा देकर मृत किसानों के परिजनों तक पहुंचने में दो दिन लग गए। उन्होंने कहा कि परिजनों तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी मगर उन्होंने हार नहीं मानी और अंत में अभियान में कामयाबी मिल गई। 

दिल दहलाने वाली घटना

टीएमसी सांसदों के दल ने सबसे पहले पलिया तहसील के मृत किसान लवप्रीत सिंह (Lovepreet Singh) के परिजनों से मुलाकात की। 19 वर्षीय लवप्रीत सिंह का पूरा परिवार घटना के बाद से बदहवास और शोकाकुल है। इसके बाद टीएमसी सांसदों में धौरहरा तहसील जाकर दूसरे मृतक किसान के परिजनों से मुलाकात की। टीएमसी सांसदों के दल के पहुंचने पर परिजनों ने रो-रो कर पूरी घटना का ब्योरा बताया। मुलाकात के बाद टीएमसी सांसदों ने बताया कि मृत किसानों के परिजनों से मिलकर वे भी पूरी तरह गमगीन हो गए।

टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल में शामिल राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए युवा किसानों के परिजनों से मिलकर हमारे दिल पर भी गहरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि पूरी घटना की दास्तान दिल दहलाने वाली है। हमने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाने की पूरी कोशिश की। 

ममता बनर्जी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

किसानों के साथ खड़ी हैं ममता

सुष्मिता देव ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर टीएमसी की सदस्यता ग्रहण की है। वे महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रही हैं। टीएमसी में शामिल होने के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बना दिया है। सुष्मिता देव ने कहा कि टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नए कृषि कानूनों का कदम-कदम पर विरोध किया है।

ममता बनर्जी इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले किसानों के साथ खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी भाजपा सरकारों की ओर से किसानों पर किए जा रहे अत्याचार को नहीं बर्दाश्त करेगी। उन्होंने सिंगूर में ममता बनर्जी के संघर्षों की याद दिलाते हुए कहा कि वे आगे भी किसान हितों के लिए संघर्ष करती रहेंगी। 

सांसद काकोली घोष दस्तीदार (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

मंत्री के बेटे को सजा देने की मांग

मृत किसानों के परिजनों से मुलाकात के बाद लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि लखीमपुर हिंसा का मामला काफी गंभीर है क्योंकि इसमें एक केंद्रीय मंत्री का बेटा शामिल है। उन्होंने कहा कि मंत्री के बेटे ने किसानों की हत्या की है। इस मामले में उसे कड़ा से कड़ा दंड दिया जाना चाहिए। टीएमसी सांसद ने कहा कि पूरी दुनिया में भारत के लोकतंत्र की दुहाई दी जाती है । मगर भारत में ही लोकतंत्र गायब होता जा रहा है 

उन्होंने भाजपा सरकार को निरंकुश बताते हुए कहा कि निर्दोषों को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है, जबकि इस गंभीर मामले के आरोपी बाहर खुलेआम घूम रहे हैं। इसी से सरकार की मानसिकता को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ का दौरा किया । मगर उन्हें लखीमपुर खीरी की हिंसा में मारे गए किसानों की याद नहीं आई। उन्होंने इन किसानों के संबंध में कुछ भी नहीं कहा। इसी से पीएम मोदी और भाजपा की मानसिकता को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ किसानों की लड़ाई में टीएमसी हर कदम पर साध देने के लिए वचनबद्ध है।

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