West Bengal: ममता बनर्जी ने केंद्र पर बोला हमला, जांच एजेंसियों के दुरूपयोग का लगाया आरोप
West Bengal: पश्चिम बंगाल में कल होने जा रहे लोकसभा और विधानसभा की एक–एक सीट पर उपचुनाव से पहले ममता ने केंद्र पर जांच एजेंसियों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है।
Kolkata: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमुल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee ) ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। पश्चिम बंगाल में कल होने जा रहे लोकसभा और विधानसभा की एक–एक सीट पर उपचुनाव से पहले ममता ने केंद्र पर जांच एजेंसियों (investigative agencies) का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने केंद्र सरकार (Central Government) पर हमला बोलते हुए कहा कि वे सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल कर कितनी भी साजिश कर लें, लेकिन हमें कमजोर न समझें।
टीएमसी सुप्रीमो ने बीरभूम हिंसा की सीबीआई जांच पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि लोगों की हत्याओं को लेकर दिल्ली, यूपी, राजस्थान, असम और बिहार में कितनी सीबीआई जांच हुई है? कितने नेताओं को गिरफ्तार किया गया? वे ईड, सीबीआई (CBI) का इस्तेमाल कर कितनी भी साजिश कर लें, लेकिन हमें कमजोर न समझें।
ममता बनर्जी ने चेतावनी दी जांच सही से नहीं हुई तो वो सड़क पर उतरेंगी
बता दें कि बीते दिनों बीरभूम हिंसा मामले की चल रही सीबीआई जांच पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर जांच सही से नहीं हुई तो वो सड़क पर उतरेंगी। ममता ने सीबीआई की अन्य लंबित जांचों का हवाला देते हुए कहा कि अगर इस मामले में भी ऐसा हुआ तो वो सड़क पर उतरेंगी।
विपक्ष को साथ आने की कर चुकी हैं अपील
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी औऱ मोदी सरकार के बीच केंद्रीय जांच एजेसियों को लेकर लंबे समय से तानातनी चल रही है। सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जहां धनशोधन के मामले में ईडी की जांच चल रही है वहीं टीएमसी (TMC) के अन्य नेताओं के खिलाफ शारदा चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है। टीएमसी सुप्रीमो लगातार इन जांचों को केंद्र का उनके खिलाफ साजिश बताते रही हैं।
27 मार्च को उन्होंने विपक्ष के तमाम नेताओं को इसे लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी। टीएमसी सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि केंद्र सीबीआई, ईडी, सीवीसी और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को प्रताड़ित करने तथा दबाव डालने के लिए कर रही है। लिहाजा विपक्ष को केंद्र की इस दमनकारी नीति के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।