बंगाल के बाद अब दिल्ली की सत्ता पर ममता की नजर, TMC ने गढ़ा नया नारा, सीएम कल करेंगी रैली
Mamata Banerjee: सियासी मैदान में ममता की कामयाबी के पीछे नारों का बड़ा योगदान रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी ममता को लेकर बंगाल की बेटी का बड़ा नारा दिया गया था और इस नारे ने भाजपा को हराने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विधानसभा चुनाव में भाजपा के मंसूबों को ध्वस्त करने वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुखिया ममता बनर्जी की नजर अब दिल्ली की सत्ता (TMC Enter National Politics) पर है। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी से ही कमर कसनी शुरू कर दी है। पार्टी की ओर से ममता को लेकर एक नया नारा भी गढ़ा गया है। तृणमूल कांग्रेस का नया नारा है-देश जादेर चाइछे यानी जिसे देश चाहता है।
सियासी मैदान में ममता की कामयाबी के पीछे नारों का बड़ा योगदान रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी ममता को लेकर बंगाल की बेटी का बड़ा नारा दिया गया था और इस नारे ने भाजपा को हराने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अब ममता को लेकर नया नारा गढ़ा गया है जिसका मकसद उन्हें पूरे देश के सियासी मैदान में बुलंदी पर पहुंचाना है।
टीएमसी की ओर से पूरे कोलकाता में ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की फोटो वाले पोस्टर लगाए गए हैं। तृणमूल कांग्रेस की ओर से उठाए गए इन कदमों से साफ है कि ममता ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बंगाल चुनाव में दिखाई थी ताकत
बंगाल में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया था। भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी मगर पार्टी सौ का आंकड़ा भी नहीं छू सकी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की ओर से जोरदार प्रचार किए जाने के बावजूद भाजपा को चुनाव में अपेक्षित नतीजे नहीं मिल सके।
दूसरी ओर ममता बनर्जी ने अकेले अपने दम पर तृणमूल कांग्रेस का प्रचार अभियान चलाया। पैर में चोट लगने के बावजूद वे राज्य का लगातार दौरा करती रहीं। तृणमूल कांग्रेस की सफलता के पीछे ममता के जुझारू तेवर को ही सबसे बड़ा कारण माना गया और अब ममता ने दिल्ली की लड़ाई में भी भाजपा को सबक सिखाने का मन बना लिया है।
कई प्रदेशों में होगा रैली का प्रसारण
तृणमूल कांग्रेस की ओर से पार्टी के शहीद दिवस पर बुधवार को बड़ा कार्यक्रम करने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 21 जुलाई को टीएमसी की एक वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगी। पश्चिम बंगाल के साथ ही इस रैली की स्ट्रीमिंग दूसरे प्रदेशों में भी की जाएगी। खास तौर पर इसका प्रसारण असम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली आदि प्रदेशों में किया जाएगा। माना जा रहा है कि ममता अब दूसरे प्रदेशों में पार्टी की पहुंच बनाने की कोशिश में जुट गई हैं और इस रैली को इसकी शुरुआत माना जा रहा है।
टीएमसी के नेता मदन मित्रा ने भी दावा किया है कि 21 जुलाई की वर्चुअल रैली के जरिए टीएमसी राष्ट्रीय राजनीति में दस्तक देने जा रही है। उन्होंने कहा कि ममता के संबोधन का प्रसारण यूपी, बिहार, पंजाब, ओडिशा, असम, त्रिपुरा और दिल्ली में भी किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि 2024 में पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने में कामयाब होगी। उन्होंने इसके लिए उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ा फैक्टर बताया। मित्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगेगा और इसी के साथ ही भाजपा के पतन की शुरुआत होगी।
सोच समझकर गढ़ा नया नारा
टीएमसी की ओर से नए नारे को भी काफी सोच समझकर गढ़ा गया है। विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी की ओर से नारा दिया गया था कि बंगाल अपनी बेटी चाहता है। इस नारे के जरिए ममता बंगाल के लोगों से एक बार फिर अपना भावुक रिश्ता जोड़ने में कामयाब रहीं और उन्हें महिलाओं का भी बंपर समर्थन मिला।
अपनी चुनावी सभाओं के दौरान उन्होंने लगातार भाजपा पर बाहरी होने का आरोप लगाया और बंगाल से अपनी बेटी के लिए आशीर्वाद मांगा। अब इसी तर्ज पर हो ममता के लिए नया नारा गाढ़ा गया है कि जिसे देश चाहता है। माना जा रहा है कि इस नारे के जरिए ममता भावनात्मक लाभ उठाने की कोशिश करेंगे।
दूसरे राज्यों में भी दिखाएंगी ताकत
तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी दावा किया था कि अब पार्टी केवल पश्चिम बंगाल तक ही सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पार्टी दूसरे राज्यों की सियासत में भी किस्मत आजमाएगी। दरअसल टीएनसी अब ममता की छवि राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश में जुट गई है और इसी कड़ी में ममता को ममता की रैली का प्रसारण दूसरे प्रदेशों में भी करने की योजना तैयार की गई है।
टीएमसी नेताओं का मानना है कि ममता ही अकेली ऐसी नेता हैं जो नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को रोकने में सक्षम हैं। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इसे कामयाबी के साथ पूरा करके दिखाया है। यही कारण है कि अब दीदी दूसरे प्रदेशों में भी अपनी ताकत दिखाना चाहती हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि ममता राष्ट्रीय राजनीति का सपना जरूर देख रही हैं मगर यह देखने वाली बात होगी कि विपक्षी दलों की ओर से उन्हें कितना समर्थन मिलता है।