ममता बनर्जी ने चला बड़ा दांव, मुख्य सचिव अलपन को बनाया अपना मुख्य सलाहकार
ममता बनर्जी ने बड़ा दांव चलते हुए अलपन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाने का ऐलान किया है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चक्रवाती तूफान 'यास' पर प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में सम्मिलित न हो पाने के बाद मुख्य सचिव के तबादले को लेकर घमासान लगातार जारी है। ऐसे में बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को लेकर विवाद पहले से काफी ज्यादा गहरा सकता है। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से शुक्रवार को उनके दिल्ली ट्रांसफर का आदेश जारी किया गया था और सोमवार को सुबह 10 बजे उन्हें केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के दफ्तर में रिपोर्ट करना था।
ममता बनर्जी ने बड़ा दांव चलते हुए अलपन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाने का ऐलान किया है। जिसके चलते मंगलवार से अलपन बंदोपाध्याय मुख्य सलाहकार के तौर पर काम शुरू करेंगे। जबकि मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी हरिकृष्ण द्विवेदी को दी गई है।
दिल्ली नहीं पहुंचे अलपन
आज यानी सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि मुख्य सचिव को तीन महीने का एक्सटेंशन देने की अनुमति के लिए 10 मई पत्र को पत्र लिखा था। कोविड की स्थिति को देखते हुए अलपन बंदोपाध्याय को तीन महीने के विस्तार की अनुमति देने की अपील की गई थी।
आगे ममता बनर्जी ने कहा कि कलाईकुंडा में पीएम ने कभी नहीं कहा कि मेरे साथ हवाई समीक्षा के लिए आओ। पीएम कलाईकुंडा पहुंचे ताकि वो दिल्ली के लिए रवाना हो सकें। उसके बाद क्या हुआ आप सभी जानते हैं।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली से समन भेजा था। अलपन को सोमवार सुबह 10 बजे दिल्ली बुलाया गया था। इसके बाद अलपन सोमवार को नहीं पहुंचे और बंगाल में ही अपने काम में जुटे रहे।
ऐसे में अब केंद्र सरकार अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है। क्योंकि इस बारे में नियमों के मुताबिक, अगर अफसर को लेकर केंद्र और राज्य के बीच में कोई विवाद होता है तो केंद्र का फैसला ही माना जाता है।